
डॉ. स्वाती बाथवाल से जानें कि आप किस तरह अपने लिए सही प्रोटीन पाउडर चुन सकते हैं, जो बॉडी बिल्डिंग, वेट लॉस या अन्य उद्देश्यों में आपकी मदद करेगा।

लॉकडाउन के दौरान घर पर रहते हुए बहुत सारे लोगों की फिटनेस खराब हुई है और मसल्स घटी हैं। आपमें से कई लोगों ने ये संकल्प लिया होगा कि आप फिर से सिक्स पैक एब्स बनाएंगे और कुछ ने निर्णय किया होगा कि वो अपना वजन बढ़ाएंगे। इन सभी स्थितियों में प्रोटीन जरूरी है, और उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण है सही प्रोटीन का चुनाव। प्रोटीन पाउडर के बिना स्पोर्ट्स न्यूट्रीशन की चर्चा अधूरी मानी जाती है। और अगर आप मेरी तरह स्पोर्ट्स क्लीनिशियन हैं, तो आपको पता होगा कि हर किसी को प्रोटीन पाउडर लेने की सलाह नहीं दी जाती है। ये तो यह है कि हम इस छोटे से आर्टिकल में सभी बातें नहीं कर सकते हैं कि आपको किन-किन प्रोटीन्स की जरूरत है और बॉडी बिल्डिंग के लिए कौन से प्रोटीन वाले सप्लीमेंट्स आपको लेने चाहिए, लेकिन हां आपको प्रोटीन्स के बारे में काफी कुछ जानने को मिलेगा। अगर आप एक बेहतरीन, सुरक्षित, कानूनी रूप से सही प्रोटीन पाउडर चाहते हैं, जो आपके शरीर की जरूरत के अनुसार हो और बजट पर भी भारी न पड़े, तो ये आर्टिकल आपकी मदद करेगा।
आपके पास प्रोटीन पाउडर्स का चुनाव करते समय ये विकल्प होते हैं
व्हे प्रोटीन (Whey Protein)
व्हे प्रोटीन की बायलॉजिकल वैल्यू ज्यादा है क्योंकि ये बहुत आसानी से पच जाता है। ये प्रोटीन कंसंट्रेटे़ फॉर्म में आता है। इसका मतलब यह है कि प्रोटीन पाउडर के कुल वजन का 70 से 80 प्रतिशत हिस्सा प्रोटीन होता है। इसमें थोड़ी मात्रा में BCCA भी होता है, इसलिए ये व्हे प्रोटीन आइसोलेट के मुकाबले थोड़ा सस्ता पड़ता है। व्हे प्रोटीन आइसोलेट ऐसा पाउडर है, जिसमें वजन का लगभग 90% हिस्सा प्रोटीन होता है। इसलिए इस प्रोटीन पाउडर में फैट और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बहुत कम होती है। इसके अलावा व्हे प्रोटीन हाइड्रोलीसेट भी है, जो व्हे प्रोटीन कंसंट्रेट और व्हे प्रोटीन आइसोलेट को मिलाकर बनता है। मुझे लगता है ये बिल्कुल बेकार है।
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केसीन प्रोटीन (Casein Protein)
केसीन एक ऐसा प्रोटीन है, जो सबसे ज्यादा दूध में पाया जाता है। केसीन वर्कआउट के बाद मसल्स की रिकवरी के लिए सबसे अच्छा प्रोटीन होता है। इसलिए अगर आप इसका सेवन करना चाहते हैं, तो मेरी सलाह में केसीन प्रोटीन पाउडर खरीदने के बजाय वर्कआउट के बाद 1 ग्लास दूध के साथ 30 ग्राम बादाम लेना ज्यादा बेहतर है।
सोया प्रोटीन (Soy Protein)
ये भी एक आसानी से पचने वाला प्रोटीन है, जो सोया के बीजों से मिलता है। इसका प्रयोग आमतौर पर प्रोटीन बार्स और प्रोटीन सप्लीमेंट्स में अतिरित्क रूप से किया जाता है।
एग एल्बुमिन पाउडर्स (Egg Albumin powders)
ये अंडे के सफेद हिस्से को सुखाकर बनाए जाते हैं और मार्केट में आसानी से उपलब्ध हैं। ये प्रोटीन पाउडर व्हे प्रोटीन और केसीन प्रोटीन पाउडर्स की अपेक्षा ज्यादा मंहगा होते हैं। अगर आपका बजट कम है, तो मेरी सलाह है कि वर्कआउट के बाद प्रोटीन पाउडर से कहीं बेहतर और सस्ता यह है कि आप 5 एग व्हाइट का सेवन करें। 5 अंडे लगभग 25-30 रुपए के आएंगे, जबकि एग एल्बुमिन प्रोटीन की एक दिन की डोज का खर्च लगभग 300 रुपए आता है।
इस तरह खोजें अपनी जरूरत के अनुसार प्रोटीन पाउडर
मैं यहां किसी ब्राण्ड का प्रमोशन नहीं कर रही हूं क्योंकि स्टोर्स में बहुत सारे ब्राण्ड्स के प्रोटीन पाउडर्स मौजूद हैं, लेकिन आपको प्रोटीन पाउडर्स का चुनाव करते समय इस बात का ध्यान रखना है कि आप मसल्स बढ़ाना चाहते हैं, वजन घटाना चाहते हैं या फिर शाकाहारी किडनी रोगी होने के नाते अपने खाने में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाना चाहते हैं (किडनी रोगियों को कम शुगर का सेवन करना चाहिए)। इन सब बातों के अलावा आपको अपे बजट का भी ख्याल रखना होता है। इसलिए प्रोटीन पाउडर सर्च करने में आप इन टिप्स की मदद ले सकते हैं।
- अगर आप मसल्स बनाने या सिक्स पैक एब्स के लिए प्रोटीन पाउडर चुनना चाहते हैं, तो आपको हाई बायलॉजिकल वैल्यू वाला प्रोटीन चुनना चाहिए, जैसे- व्हे प्रोटीन आइसोलेट, व्हे प्रोटीन कंसंट्रेट।
- अगर आप वजन घटाना चाहते हैं, तो ऐसा प्रोटीन पाउडर चुनें जिसमें अतिरिक्त शुगर (ऐडेड शुगर) न हो। आपको BCAA जैसे परफॉर्मेंस सप्लीटेंट्स का चुनाव नहीं करना चाहिए क्योंकि आप मसल्स बढ़ाना या बॉडी बनाना नहीं चाहते हैं, बल्कि वजन घटाना चाहते हैं।
- अगर आप वेजिटेरियन हैं और अपनी डाइट में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाना चाहते हैं, तो आपको BCAA, क्रिएटिन या कार्निटाइन आदि का चुनाव नहीं करना चाहिए, इसके बजाय आपको 100% प्लांट बेस्ड प्रोटीन जैसे सोया प्रोटीन, पी (Pea) प्रोटीन, हेम्प प्रोटीन या कोई मिल्क प्रोटीन लेना चाहिए। जैसे- व्हे या मिल्क प्रोटीन।
- अगर आपको डायबिटीज है तो ऐसा प्रोटीन पाउडर चुनें जिसमें ऐडेड शुगर न हो और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम हो (5 से 15 ग्राम कार्बोहाइड्रेट 1 स्कूप प्रोटीन पाउडर में), इसलिए आपको प्लांट बेस्ड प्रोटीन पाउडर का इस्तेमाल करना चाहिए।
- जो लोग किडनी की समस्याओं से जूझ रहे हैं उन्हें अपनी डाइट में बिना सलाह या जांच के कोई भी प्रोटीन का अतिरिक्त स्रोत नहीं इस्तेमाल करना चाहिए।
- अगर आपको गैस्ट्रो इंटॉलरेंस जैसे- इर्रिटेबल बॉवल सिंड्रोम या लैक्टोज इंटॉलरेंस की समस्या है, तो ऐसा प्रोटीन पाउडर चुनें जिसमें आर्टिफिशियल शुगर और लैक्टोज न हो।
अब आपको जानना है कि कौन सा प्रोटीन पाउडर सुरक्षित है और कानूनी रूप से वैध है।
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प्रोटीन पाउडर खरीदते समय डिब्बे पर इन अप्रूवल्स को जरूर देख लें-
USDA, FSSAI, WADA, SNAP, Informed Sports, ASADA- ये सभी सरकारी तंत्र हैं जो मार्केट में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता को रेगुलेट करते हैं। इसके अलावा आप WADA – world anti-doping association की वेबसाइट पर जाकर या अपने फोन पर एप्प डाउनलोड करके भी लेबल पर लिखे इंग्रीडिएंट्स की वैधता चेक कर सकते हैं।
इस लिस्ट को देखें-
ग्रीन लाइट इंग्रीडिएंट्स- ज्यादातर प्रोटीन्स में ग्रीन लाइट लेबल होता है क्योंकि ये WADA द्वारा अप्रूव्ड होते हैं और इन्हें मार्केटिंग की परमिशन भी होती है।
यलो लाइट इंग्रीडिएंट्स- ये ऐसे इंग्रीडिएंट्स होते हैं, जिनका कोई विशेष फायदा नहीं होता है लेकिन कंपनियां आपको इनके अतिरिक्त लाभ बताकर इसे बेचना चाहती हैं लेकिन इन दावों में कोई सच्चाई नहीं होती है। इसलिए ऐसे प्रोडक्ट का इस्तेमाल न ही करें तो बेहतर है। हो सकता है कि इन्हें खरीदते समय आप सोचें कि ये आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित होंगे लेकिन ऐसा पूरी तरह सच नहीं होता है। मैं किसी ब्रांड के खिलाफ नहीं जा रही हूं, इसलिए आप अपने मनपसंद ब्रांड के ही दूसरे प्रोडक्ट का चुनाव कर लें, जिनमें ये इंग्रीडिएंट्स न हों।
रेड लाइट इंग्रीडिएंट्स- अगर आपने अपने पेरेंट्स को डांटते सुना है कि प्रोटीन सप्लीमेंट्स शरीर के लिए बुरे साबित होते हैं, तो संभव है कि अंजाने वो आपको रेड लाइट इंग्रीडिएंट्स वाले प्रोटीन पाउडर्स का इस्तेमाल करने से रोक रहे हैं। ये इंग्रीडिएंट्स न सिर्फ सरकारी संगठनों द्वारा बैन किए गए हैं, बल्कि ज्यादा मात्रा में लेने पर जानलेवा भी हो सकते हैं। अक्सर पैकेज पर एनाबोलिक स्टेरॉइड्स नहीं लिखा होता है, बल्कि इसकी जगह कोई दूसरा शब्द लिखा होता है, जो One से शुरू होता है और Ol पर खत्म होता है। ऐसा कोई प्रोडक्ट दिखे तो समझ लें कि इसमें स्टेरॉइड है और इसका सेवन आपको नहीं करना है। ये सभी इंग्रीडिएंट्स न सिर्फ आपके डोपिंग टेस्ट में पॉजिटिव बना सकते हैं, बल्कि आपकी सेहत के लिए भी खतरनाक हो सकते हैं।
मैं यह नहीं कह रही हूं कि सप्लीमेंट्स आपके लिए बुरे हैं, लेकिन अगर आप इनपर पैसे खर्च कर रहे हैं, तो सही जगह करें। हमेशा इस बात को लेकर आश्वस्त हों कि आप जिस उद्देश्य के लिए सप्लीमेंट ले रहे हैं वो पूरा हो, आप सुरक्षित भी रहें और कानूनी रूप से सही सप्लीमेंट्स का सेवन करें।
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