
Pareting Mistake that Increase Infection Risk in Children: बच्चों की देखभाल करना हर माता-पिता की जिम्मेदारी के साथ-साथ प्राथमिकता होती है। सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक बच्चे क्या करते हैं, क्या खाते हैं और कैसे रहते हैं, इन सबकी जिम्मेदारी पेरेंट्स के कंधों पर ही होती है। यूं तो माता-पिता बच्चे की सेहत के लिए सब कुछ परफेक्ट करने की कोशिश करते हैं, लेकिन कई बार अनजाने में माता-पिता की कुछ गलतियों की वजह से बच्चों को इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है। अगर इन छोटी-छोटी गलतियों पर ध्यान दिया जाए तो बच्चों को संक्रमण से बचाया जा सकता है। जाहिर सी बात है जब बच्चा संक्रमण से बचेगा, तो बीमारियों का खतरा कम करने में मदद मिलेगी।
इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं माता-पिता की कौन गलतियां हैं जो बच्चों के इंफेक्शन का कारण बन सकती हैं और इससे कैसे बचाव किया जा सकता है। इस विषय पर अधिक जानकारी दे रहे हैं लखनऊ के गोमतीनगर स्थित आनंद केयर क्लीनिक के बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. तरुण आनंद।
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इन गलतियों के कारण बच्चों में बढ़ता है इंफेक्शन- Pareting Mistake that Increase Infection Risk in Children:
डॉ. तरुण आनंद का कहना है कि बच्चों का इम्यून सिस्टम वयस्कों की तुलना में कमजोर होता है। इसलिए उन्हें संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है। ऐसे में अगर पेरेंट्स गलती करते हैं, तो इंफेक्शन का खतरा और भी ज्यादा बढ़ सकता है।
1. हाथ में धागा बांधना
भारत में ज्यादातर लोग छोटे बच्चों के हाथों में काला धागा या मोती वाला धागा बांधकर रखते हैं। हाथों पर धागा बांधे होने के कारण बच्चे बार-बार हाथों को मुंह में लेते हैं। जिससे पसीना, धागे पर मौजूद गंदगी और बैक्टीरिया बच्चे के शरीर के अंदर चले जाते हैं, जो इंफेक्शन का कारण बनते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि अगर बच्चे दांतों से मोती वाला धागा खींचते हैं और यह टूट जाता है, तो मोती बच्चे के गले में जा सकते हैं। इसके कारण शिशु को सांस लेने में परेशानी हो सकती है।
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2. कान-नाक में तेल डालना
भारतीय पेरेंट्स अक्सर बच्चों के नाक, कान और प्राइवेट पार्ट में तेल डालते हैं। बच्चों के शरीर के इन हिस्सों में तेल डालने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। लेकिन बच्चों के कान, नाक और प्राइवेट पार्ट में तेल डालने से इंफेक्शन का खतरा बढ़ता है। बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ का कहना है कि बच्चे के किसी भी हिस्से में तेल नहीं डालना चाहिए। तेल का इस्तेमाल सिर्फ बच्चे की मालिश के लिए करना चाहिए।
3. डायपर एरिया को गलत तरीके से साफ करना
जब बात बेबी गर्ल के डायपर एरिया को साफ करने की आती है, तो माता-पिता पीछे से आगे की और सफाई करते हैं। यह प्रक्रिया गलत है। बेबी गर्ल का सूसू और पॉटी वाला रास्ता पास-पास होता है। ऐसे में पीछे से आगे की तरफ सफाई करने से बैक्टीरिया और गंदगी सूसू वाले रास्ते से शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। इसकी वजह से यूटीआई इंफेक्शनका खतरा भी बढ़ता है। इसलिए बेबी गर्ल का डायपर वाला एरिया हमेशा आगे से पीछे की ओर साफ करना चाहिए। ऐसा करने से संक्रमण का खतरा कम होता है।
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बच्चों को इंफेक्शन से बचाने के तरीके
अगर आपका बच्चा बार-बार इंफेक्शन से परेशान हो रहा है। उसे सर्दी, खांसी और बुखार की समस्या होती है, तो आप कुछ तरीकों को अपनाकर उसे बचा सकते हैं।
- बच्चों को खिलाने और पिलाने से पहले हाथों को साबुन और पानी से अच्छे तरीके से धोएं। बच्चों के डायपर वाले एरिया को साफ करने के बाद हाथों को साबुन-पानी से धोएं।
- अगर परिवार का कोई सदस्य बीमार है, तो बच्चों को उससे दूर रखें। सर्दी, खांसी और बुखार की समस्या से ग्रस्त व्यक्ति के संपर्क में आने से भी बच्चों को इंफेक्शन होता है।
- बच्चों की डाइट में फल, हरी सब्जियां, प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ, दूध, पनीर और दही को शामिल करें।
- सरकारी या निजी अस्पताल में समय पर बच्चों के सभी टीके लगवाएं। टीकाकरण का शेड्यूल डॉक्टर से समझ कर उसे पूरा करें। टीकाकरण से बच्चों में इंफेक्शन को कम करने में मदद मिलेगी।
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निष्कर्ष
बच्चों को इंफेक्शन से बचाने के लिए माता-पिता को इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना चाहिए। साफ-सफाई, सही खानपान, टीकाकरण के जरिए बच्चों में इंफेक्शन के खतरे को कम किया जा सकता है।
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