गर्मी के मौसम में तेज धूप, लू, पसीने और धूल-मिट्टी की वजह से स्किन इंफेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है। ऐसा कोई व्यक्ति नहीं होगा जिसको अपनी लाइफ में किसी तरह का स्किन इंफेक्शन जरूर होता। विशेषकर गर्मी में बैक्टीरियल स्किन इन्फेक्शन (Skin Infections) होना बहुत ही आम बात है। वैसे तो स्किन इंफेक्शन के लक्षण बहुत ही आम होते हैं, लेकिन कुछ इंफेक्शन ऐसे भी होते हैं, जो कुछ ही लोगों को होते हैं। इन्हीं इंफेक्शन में से एक है टिनिया नाइग्रा इंफेक्शन (Tinea Nigra Fungal Infection)। टिनिया नाइग्रा इन्फेक्शन क्या है, इसके लक्षण क्या हैं और इससे बचाव करने के लिए क्या किया जा सकता है, इस विषय पर ज्यादा जानकारी दे रही हैं गुरुग्राम स्थित सीके बिड़ला अस्पताल की डर्मेटोलॉजिस्ट और स्किन केयर एक्सपर्ट डॉ. सीमा ओबेरॉय लाल।
क्या है टिनिया नाइग्रा इंफेक्शन?- What is Tinea Nigra Fungal Infection?
डॉ. सीमा ओबेरॉय लाल का कहना है, "टिनिया नाइग्रा इंफेक्शन एक दुर्लभ प्रकार का फंगल इंफेक्शन है। यह इंफेक्शन मुख्य रूप से पैरों के तलवे और हथेलियों को प्रभावित करता है। कुछ मामलों में यह इंफेक्शन पूरे शरीर को प्रभावित कर सकता है।" गर्मी के मौसम में जिन लोगों को पसीना ज्यादा आता है, उन्हें नाइग्रा इंफेक्शन होने का खतरा ज्यादा रहता है। टिनिया नाइग्रा इंफेक्शन शरीर पर काले धब्बे की तरह विकसित है। कुछ केस में इसके धब्बे भूरे और लाल भी हो सकते हैं।
टिनिया नाइग्रा इन्फेक्शन के लक्षण क्या हैं?- Symptoms of Tinea Nigra Infection in Hindi
डॉक्टर के अनुसार, टिनिया नाइग्रा इंफेक्शन त्वचा पर खुरदरे, भूरे या काले धब्बे के रूप में दिखाई दे सकता है। शुरुआत में कुछ लोग टिनिया नाइग्रा इंफेक्शन को स्किन कैंसर समझने की भूल कर सकते हैं, क्योंकि यह समय के साथ बड़ा होता जाता है। लेकिन डॉक्टर के पास जाने से आपके कई भ्रम दूर हो सकते हैं। टिनिया नाइग्रा काला धब्बा त्वचा के कैंसर से अलग होगा क्योंकि इसका आकार अजीब होता है। यदि आपके हाथों पर टिनिया नाइग्रा है, तो आप पाएंगे कि इसका रंग पूरे दिन बदलता रहता है। यह सुबह के समय गहरे भूरे रंग से लेकर शाम के समय हल्के रंग तक हो सकता है। इस इन्फेक्शन के लक्षण हथेलियों पर दिनभर काम करने और आपने किस तरह की चीजों को छुआ है, इस पर आधारित हो सकते हैं।
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डॉ. सीमा के अनुसार, "यह इंफेक्शन आमतौर पर हाथों की हथेलियों और पैरों के तलवों को प्रभावित करता है। कुछ मामलों में यह गर्दन पर भी विकसित हो सकता है। चूंकि टिनिया नाइग्रा इंफेक्शन के कारण ज्यादा लोगों को परेशानी नहीं होती है, इसलिए इस इंफेक्शन का पता बहुत लंबे समय के बाद पता चलता है।"
टिनिया नाइग्रा होने का कारण क्या है?- Causes of Tinea Nigra
यह स्किन इन्फेक्शन हॉर्टिया वर्नेकी नामक कवक के संपर्क में आने के बाद होता है। हॉर्टिया वर्नेकी अत्यधिक खारे वातावरण या अत्यधिक उच्च नमक सामग्री वाले स्थानों पर पनपता है। टिनिया नाइग्रा की ऊष्मायन अवधि लंबी होती है। इसका मतलब यह है कि हॉर्टिया वर्नेकी के संपर्क में आने के बाद यह तुरंत दिखाई नहीं देता है। फंगस के संपर्क में आने के कम से कम 2 से 7 सप्ताह बाद आप अपनी त्वचा के रंग में बदलाव देखने को मिलते हैं। यही वजह है कि टिनिया नाइग्रा इन्फेक्शन के लक्षण देरी से नजर आते हैं।
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टिनिया नाइग्रा का इलाज क्या है?- Treatment of Tinea Nigra
यदि आपको लगता है कि आपको टिनिया नाइग्रा है, तो आपको स्किन स्पेशलिस्ट से मिलना चाहिए। स्किन स्पेशलिस्ट यह जानने के लिए संक्रमित क्षेत्र का एक नमूना लेंगे कि आपको टिनिया नाइग्रा है या नहीं। यदि आपके टेस्ट का रिजल्ट पॉजिटिव आता है, तो आप एंटीफंगल स्किन क्रीम के जरिए इसे ठीक कर सकते हैं। 2 से 4 सप्ताह के लगातार उपयोग के बाद एंटी फंगल स्किन क्रीम आपके टिनिया नाइग्रा को ठीक कर देगी।
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With Inputs: Dr Seema Oberoi Lall, Best Dermatologist, CK Birla Hospital, Gurgaon