21 वीं सदी में भी भारत अंधविश्वास से बाहर नहीं निकल पाया है। आज भी देश में ऐसी घटनाएं घटित होती हैं। ऐसा ही एक मामला कर्नाटक के कलाबुर्गी इलाके से सामने आया जहां तीन दिव्यांग बच्चों को उनके परिजनों ने जमीन में दबा दिया। हालांकि, इस दौरान बच्चों का सिर मिट्टी से ऊपर था और बॉडी जमीन में थी। इससे वह आसानी से सांस ले पा रहे थे। जब ये तस्वीर सोशल मीडिया पर सामने आई तो लोगों ने काफी आलोचना की।
दरअसल, कर्नाटक के कालाबुर्गी जिले के तीन बच्चों को गुरुवार को सूर्यग्रहण के दौरान मिट्टी में गहरा दबा दिया गया ताकि उनकी दिव्यांगता और बीमारी का इलाज किया जा सके।
यह घटना जिले के ताज सुल्तानपुर गांव में घटी जहां तीन, आठ और ग्यारह वर्ष की उम्र के बच्चों को ग्रहण के दौरान दबाया गया जो देश के विभिन्न हिस्सों से दिखाई दे रहा था। यह घटना सुबह 8 बजे से 11 बजे के बीच कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों में दिखाई दे रही थी।
एक लड़की और दो लड़कों की गर्दन गहरी मिट्टी में दबी हुई थी। न्यूज एजेंसी एएनआई के ट्विटर हैंडल पर ये खबर पोस्ट होने के बाद लोगों ने इसकी काफी आलोचना की। वहीं घटना की जानकारी होने के बाद पहुंचे लोगों ने बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया। कलाबुर्गी के तहसीलदार मल्लेशा ने बताया कि अब बच्चे ठीक हैं। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन तय करेगा कि किस तरह की कानूनी कार्रवाई करने की जरूरत है।
Karnataka: Three specially-abled children were buried up till the neck at Tajsultanpur village in Kalaburagi, during #SolarEclipse, earlier today as parents believed that their children will be cured of deformities by this. pic.twitter.com/8JncLKk4Xl
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