जब सात साल के आरव को रात में बार-बार खांसी और सांस लेने में तकलीफ होने लगी, तो उसके माता-पिता ने इसे सामान्य एलर्जी समझा। लेकिन जब स्थिति बिगड़ने लगी, तो डॉक्टर ने अस्थमा की पुष्टि की और इनहेलर का इस्तेमाल शुरू कराया। पहले, तो परिवार को डर लगा कि कहीं इनहेलर की आदत न पड़ जाए या साइड इफेक्ट न हो। लेकिन कुछ ही हफ्तों में आरव की नींद सुधर गई, सांस फूलना बंद हुआ और स्कूल की एक्टिविटीज में भी वह पहले जैसा एक्टिव हो गया। आज भी कई माता-पिता अस्थमा में इस्तेमाल किए जाने वाले इनहेलर को आखिरी इलाज समझते हैं, जबकि डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों के लिए इनहेलर, अस्थमा के इलाज का सबसे असरदार और सेफ तरीका है। लेकिन इसका सही तरीके से इस्तेमाल और समय पर डॉक्टर से सलाह लेना बेहद जरूरी होता है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि इनहेलर बच्चों के लिए कैसे काम करते हैं, क्या फायदे हैं, कौन सी सावधानियां जरूरी हैं और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के डफरिन हॉस्पिटल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ सलमान खान से बात की।
क्या बच्चों के लिए असरदार होते हैं अस्थमा इनहेलर्स?- Are Asthma Inhalers Effective for Children
हां, बच्चों के लिए अस्थमा इनहेलर्स काफी असरदार होते हैं, बशर्ते उनका सही तरीके से और डॉक्टर की सलाह अनुसार इस्तेमाल किया जाए। इनहेलर दवा को सीधे फेफड़ों तक पहुंचाते हैं, जिससे तुरंत राहत मिलती है और शरीर के अन्य अंगों पर साइड इफेक्ट कम होता है। छोटे बच्चों के लिए इनहेलर को स्पेसर के साथ दिया जाता है, जिससे दवा बेहतर तरीके से फेफड़ों में पहुंचती है। कई माता-पिता को डर होता है कि इनहेलर से लत लग सकती है, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि यह एक मिथ है। इनहेलर अस्थमा के लक्षणों को कंट्रोल करने में मदद करते हैं और नियमित इस्तेमाल से अस्थमा अटैक से बचा जा सकता है। बच्चों को इनहेलर देने से पहले उसकी तकनीक सही तरीके से सिखाना और दवा के बाद मुंह की सफाई जैसे नियमों का पालन करना जरूरी है। सही समय पर फॉलोअप और निगरानी भी फायदेमंद होती है।
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अस्थमा इनहेलर से जुड़ी 5 बातें
पेरेंट्स जरूर जानें बच्चों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले अस्थमा इनहेलर से जुडी ये 5 बातें-
1. इनहेलर दवा को सीधे फेफड़ों तक पहुंचाते हैं- Inhalers Deliver Medicine Directly to Lungs
डॉ सलमान के अनुसार, इनहेलर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये दवा को सीधे फेफड़ों तक पहुंचाते हैं। इससे तुरंत राहत मिलती है और शरीर के अन्य हिस्सों पर असर कम होता है। बच्चों के लिए स्पेसर के साथ इनहेलर का इस्तेमाल करना ज्यादा फायदेमंद होता है, जिससे दवा सही मात्रा में फेफड़ों तक जाती है।
2. इनहेलर की लत नहीं लगती- Inhalers Are Not Addictive
कई माता-पिता को लगता है कि बच्चों को अस्थमा का इनहेलर देने से उन्हें इसकी आदत लग जाएगी। लेकिन डॉ सलमान बताते हैं कि इनहेलर केवल अस्थमा के लक्षणों को कंट्रोल करते हैं और यह कोई नशे की चीज नहीं है। अगर सही मात्रा और सही समय पर इस्तेमाल किया जाए, तो इसका कोई नुकसान नहीं होता।
3. इनहेलर का समय पर इस्तेमाल जरूरी है- Timely Use of Inhalers is Crucial
अस्थमा को कंट्रोल के लिए इनहेलर का समय पर इस्तेमाल किया जाना जरूरी है। कई बार माता-पिता इनहेलर केवल तब देते हैं जब बच्चा सांस नहीं ले पाता, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि इनहेलर का नियमित इस्तेमाल, बीमारी को बिगड़ने से रोकता है।
4. सही तकनीक से इनहेलर का इस्तेमाल करें- Use Inhaler with Proper Technique
कई बार इनहेलर, तो दिया जाता है लेकिन बच्चे या माता-पिता को उसे सही तरीके से इस्तेमाल करना नहीं आता। स्पेसर का इस्तेमाल, सांस लेने की तकनीक और दवा लेने के बाद मुंह की सफाई जैसी ये सभी बातें बेहद जरूरी हैं। डॉक्टर या नर्स से इनहेलर की ट्रेनिंग लेना हमेशा फायदेमंद रहता है।
5. नियमित फॉलोअप और ट्रैकिंग- Regular Follow-Up and Monitoring is Essential
अस्थमा एक समय-समय पर बिगड़ने वाली बीमारी है, इसलिए डॉक्टर के पास नियमित फॉलोअप और स्पाइरोमेट्री जैसी जांच से बच्चे की सेहत को चेक करना जरूरी है। इससे दवा की मात्रा को समय के अनुसार कम या ज्यादा किया जा सकता है।
अस्थमा इनहेलर बच्चों के लिए सुरक्षित और असरदार होते हैं, अगर इन्हें सही समय, सही मात्रा और सही तरीके से दिया जाए।
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FAQ
क्या बच्चों को इनहेलर देना सुरक्षित है?
हां, बच्चों को इनहेलर देना सुरक्षित है, बशर्ते डॉक्टर की सलाह से और सही तकनीक से दिया जाए। इनहेलर से दवा सीधे फेफड़ों में जाती है, जिससे तेजी से राहत मिलती है। बच्चों के लिए स्पेसर और मास्क के साथ इनहेलर का इस्तेमाल और भी सुरक्षित बन जाता है।क्या बचपन का अस्थमा ठीक हो सकता है?
कुछ बच्चों में समय के साथ अस्थमा के लक्षण कम हो सकते हैं या पूरी तरह से ठीक भी हो सकते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में यह वयस्क होने तक बना रहता है। नियमित इलाज, ट्रिगर से बचाव और समय-समय पर जांच जरूरी है ताकि बीमारी को कंट्रोल किया जा सके।बच्चे किस उम्र में इनहेलर का इस्तेमाल कर सकते हैं?
बच्चे जन्म के कुछ महीनों बाद से ही इनहेलर का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन आमतौर पर 6 महीने से ऊपर के बच्चों को स्पेसर और फेस मास्क के जरिए इनहेलर दिया जाता है। सही तकनीक सिखाकर, बच्चे खुद भी इनहेलर का इस्तेमाल करना सीख सकते हैं।कैसे पता चलेगा कि बच्चे को कब इनहेलर की जरूरत है?
अगर बच्चे को बार-बार खांसी आती है, सीने में घरघराहट होती है, सांस लेने में दिक्कत होती है या दौड़ने-खेलने के बाद जल्दी थकता है, तो ये संकेत हो सकते हैं कि उसे इनहेलर की जरूरत है। सही समय पर डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है ताकि पता चल सके कि यह अस्थमा के लक्षण हैं या कोई अन्य बीमारी है।