5 साल से छोटे बच्चों में फैल रहा पैरीकोवायरस का खतरा, CDC ने जारी की चेतावनी और बताए लक्षण

सीडीसी के मुताबिक पैरीकोवायरस (Parechovirus) के सबसे ज्यादा खतरा छोटे बच्चों को है।
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5 साल से छोटे बच्चों में फैल रहा पैरीकोवायरस का खतरा, CDC ने जारी की चेतावनी और बताए लक्षण


Parechovirus Treatmenst and Systomes: कोरोना वायरस और मंकीपॉक्स के बाद दुनिया में एक और वायरस ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। मंकीपॉक्स के बाद पैरीकोवायरस दुनियाभर में तेजी से फैल रहा है। अमेरिका के टेनेसी शहर में पैरीकोवायरस से 23 बच्चे गंभीर रूप से संक्रमित पाए गए हैं। पैरीकोवायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद सभी बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बच्चों में इस तरह के संक्रमण के मामले सामने आने के बाद अमेरिका में रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (Centers for Disease Control and Prevention) ने अलर्ट जारी किया है। सीडीसी की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि पैरीकोवायरस एंटरोवायरस (enteroviruses) के जैसा पैथोजन है। ये वायरस नवजात शिशुओं, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वालों को तेजी से अपनी चपेट में लेता है।

सीडीसी द्वारा जारी किए गए अलर्ट में छोटे बच्चों के परिजनों को विशेष तौर पर चेतावनी दी गई है। सीडीसी के मुताबिक अब तक पैरीकोवायरस के जो मामले सामने आए हैं, उनमें पीईवी-ए3 स्ट्रेन होता है, जो आमतौर पर गंभीर बीमारी से जुड़ा होता है।

पैरीकोवारयस से बच्चों को है ज्यादा खतरा

सीडीसी के मुताबिक पैरीकोवायरस (Parechovirus) के सबसे ज्यादा खतरा छोटे बच्चों को है। ये वायरस 2 से 3 माह के शिशुओं से लेकर 23 साल के युवाओं तक को अपनी चपेट में लेता है। सीडीसी के मुताबिक 3 महीने से कम उम्र के शिशुओं में पैरीकोवायरस के जो लक्षण अब तक सामने आए हैं उनमें बुखार, बच्चे का बहुत रोना शामिल है।

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पैरीकोवायरस के लक्षण क्या है?

अगर कोई बच्चा या व्यक्ति पैरीकोवायरस से संक्रमित पाया जाता है, तो उसमें निम्न लक्षण दिखाई दे सकते हैं। 

  • बुखार
  • दस्त
  • मेनिनजाइटिस के लक्षण (सिरदर्द, तेज रोशनी सहन करने में असमर्थ, चिड़चिड़ापन)
  • चिड़चिड़ा महसूस होना
  • सांस लेने में परेशानी, सांस फूलना

पैरीकोवायरस कैसे फैलता है?

कोरोना वायरस और मंकीपॉक्स वायरस की तरह ही पैरीकोवायरस भी संक्रमित व्यक्ति की संपर्क में आने, छींकने, खांसने, लार या मल के संपर्क में आने से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। सीडीसी के मुताबिक अगर किसी शिशु में पैरीकोवायरस के लक्षण दिखाई देते हैं, तो हो सकता है कि उसके दस्त और उल्टी के संपर्क में आने से माता-पिता भी पैरीकोवायरस से संक्रमित हों। हालांकि अब तक इस बात की जानकारी नहीं मिल पाई है कि एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में इस वायरस को फैलने में कितना वक्त लग सकता है।

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कैसे होती है पैरिकोवायरस की जांच

पैरीकोवायरस की जांच मल द्वारा की जाता है। इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति का सीएसएफ सैंफल (यह एक काठ का पंचर नामक एक प्रक्रिया द्वारा लिया जाता है (सीएसएफ मस्तिष्क को घेरने वाला तरल पदार्थ है - इसका परीक्षण करके आप यह पता लगा सकते हैं कि कोई व्यक्ति कुछ बीमारियों से संक्रमित है या नहीं)

पैरीकोवायरस का इलाज क्या है?

वर्तमान में पैरीकोवायरस का कोई निश्चित इलाज या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। संक्रमित व्यक्ति को लक्षण के अनुसार दवा और अन्य उपचार किया जाता है।

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