
जो महिलाएं गर्भावस्था के दौरान स्वास्थ्य संबंधी विकारों को दूर करने के लिए पैरासिटामॉल का सेवन करती हैं वे सावधान हो जाएं। हाल ही में हुए एक शोध में साफ हुआ है कि प्रेंग्नेंसी के दौरान महिलाओं को पैरासिटामॉल का सेवन करने से बचना चाहिए। इससे मां और शिशु दोनों को नुकसान हो सकता है। एक बड़े स्तर पर पैरासीटामॉल का इस्तेमाल तेज बुखार व दर्द से राहत पाने के लिए किया जाता है।

स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्धारा किए गए इस शोध में बताया गया है कि यदि पैरासिटामॉल का प्रभाव गर्भाशय पर पड़ता है तो इस दवा के चलते महिलाओं के गर्भावस्था के दौरान बनने वाले अंडे बहुत कम हो जाते हैं। जिसके चलते उन्हें गर्भधारण करने में मुश्किल भी आ सकती है और जल्दी रजोनिवृत्ति भी हो सकती है।
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पैरासीटामॉल व आईब्यूफेन हार्मोन प्रोस्टैग्लैडिन ई2 के स्राव में हस्तक्षेप करते हैं। यह हार्मोन भ्रूण के प्रजजन तंत्र के विकास में अहम भूमिका निभाता है। विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रिचर्ड शार्पे ने कहा, 'यह शोध पैरासीटामॉल या आईब्यूफेन लेने के संभावित खतरों को बताता है। हालांकि, हमें इसके सही असर के बारे में नहीं पता है कि यह मानव स्वास्थ्य पर क्या असर डालता है या इसकी कितनी मात्रा प्रजनन क्षमता पर असर डालती है।'
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