प्रेग्नेंसी के दौरान माताएं जो भी चीजें खाती हैं, उनका सीधा असर बच्चे की सेहत पर पड़ता है। ऐसे में अपने होने वाले बच्चे की सेहत और विकास को ध्यान में रखते हुए पेरेंट्स क्या-क्या जतन नहीं करते हैं। इस स्थिति में माताओं को पौष्टिक चीजें खिलाई जाती हैं। साथ ही, पोषक-तत्वों की किसी तरह से कोई कमी न हो, इस बात का खास ख्याल रखा जाता है। यही कारण है कि महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान कई तरह के सप्लीमेंट्स खाने को दिए जाते हैं। इससे माता को जरूरी पोषण मिलता है और बच्चे के उचित विकास में मदद मिलती है। आमतौर पर डॉक्टर महिलाओं को प्रेग्नेंसी कन्फर्म होने के बाद सप्लीमेंट लेने की सलाह देते हैं। मगर क्या आप जानती हैं कि एक सप्लीमेंट ऐसा भी है, जिसका सेवन आपको प्रेग्नेंसी प्लान करते ही शुरू कर देना चाहिए। जी हां, हम फॉलिक एसिड की बात कर रहे हैं। यह शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। ऐसे में आप प्रेग्नेंसी प्लान करने की सोच रही हैं, तो फॉलिक एसिड युक्त डाइट और सप्लीमेंट्स का सेवन शुरू कर देना चाहिए। आइए जानते हैं कि प्रेग्नेंसी में फॉलिक एसिड का सेवन जरूरी क्यों है। इस बारे में हमें पीडियाट्रिशन डॉ. इमरान पटेल ने जानकारी दी है।
फॉलिक एसिड जरूरी क्यों है?
फॉलिक एसिड बच्चे के आईक्यू (इंटेलिजेंस कोशंट यानी बौद्धिक स्तर) और ईक्यू (इमोशनल कोशंट या इमोशनल इंटेलिजेंस) को बढ़ाने का काम करता है। यह पोषक तत्व बच्चे के दिमाग और रीढ़ की हड्डी के लिए फायदेमंद होता है। इससे बच्चों को कई जानलेवा बीमारियों से भी बचाया जा सकता है। प्रेग्नेंट महिलाओं को फॉलिक एसिड सप्लीमेंट देने के पीछे की बड़ी वजह यह भी है कि बच्चे की ‘न्यूरल ट्यूब’ में किसी तरह की समस्या न हो। इससे बच्चा बीमारियों से बचा रहता है। साथ ही, बच्चे का वजन ठीक रहता है और बच्चा समय से पहले जन्म नहीं लेता है।
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फॉलिक एसिड नहीं लेने से क्या होता है?
अगर प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं उचित मात्रा में फोलिक एसिड का सेवन नहीं करती हैं, तो बच्चे को स्पाइना बिफिडा समेत कई अन्य समस्याएं हो सकती हैं। आज के इस आर्टिकल में हम स्पाइना बिफिडा के बारे में बात कर रहे हैं। यह रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्या है। इसमें बच्चे की रीढ़ की हड्डी सही तरह से विकसित नहीं हो पाती है। इस स्थिति में स्पाइनल कॉर्ड का एक हिस्सा बाहर निकला हुआ दिखाई देता है। यह दिखने में बॉल जैसा होता है। बता दें कि स्पाइना बिफिडा की वजह से बच्चा सही से खड़ा नहीं हो पाता है और उसकी नई चीजें सिखने की क्षमता भी विकसित सही तरह से विकसित नहीं हो पाती है। ऐसे में महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान फॉलिक एसिड सप्लीमेंट का सेवन जरूर करना चाहिए।
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डाइट में किन चीजों को शामिल करें?
फॉलिक एसिड सप्लीमेंट्स के साथ आप अपनी डाइट में भी इस पोषक-तत्व से भरपूर चीजों को शामिल कर सकती हैं। ऐसे में आप डेली डाइट में ब्रेड, अनाज, संतरे, नींबू, अंगूर, पपीता, केला, स्ट्रॉबेरी, रसभरी, पालक, सरसों का साग, शतावरी, ब्रुसेल्स स्प्राउट्स, ब्रोकली, दाल, छोले, काली दाल, मटर, बादाम, सूरजमुखी के बीज, अलसी, एवोकाडो, चुकंदर, सूजी आदि का सेवन कर सकती हैं। इससे माता और बच्चे दोनों की सेहत को फायदा हो सकता है।
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कुल मिलाकर, प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को फॉलिक एसिड का सेवन जरूर करना चाहिए। इससे माता और बच्चे दोनों की सेहत को बहुत फायदा होता है। इससे रीढ़ की हड्डी की समस्याओं से बचा जा सकता है। साथ ही, बच्चे का दिमाग भी तेज होता है।
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