भारतीय घरों में दूध को उबालना एक सामान्य प्रक्रिया है। गांव हो या फिर शहर आज हर जगह लोग बाजार से पैकेट वाला दूध लेकर आते हैं। फिर इस दूध को उबाला जाता है और चाय समेत अन्य चीजों में इस्तेमाल किया जाता है। दूध को उबालने का मुख्य मकसद इसमें मौजूद बैक्टीरिया और हानिकारक केमिकल्स को खत्म करना होता है। कुछ लोगों का यह भी मानना है कि दूध को उबालने से उसमें बनने वाले बैक्टीरिया का प्रोसेस कम हो जाता है। जिससे दूध के फटने या खराब होने के चांस कम हो जाते हैं। पहले जिस दूध को उबाला जाता था, उसे मुख्य रूप से गाय या भैंस से सीधे प्राप्त किया जाता था। लेकिन वर्तमान में हम जिस दूध का इस्तेमाल कर रहे हैं, वह पैकेट में बंद होने से लेकर घर तक पहुंचने में कई प्रकार के प्रोसेस से गुजरता है। इसे पाश्चराइजेशन कहा जाता है। अब सवाल उठता है कि क्या पैकेट वाले दूध को उबालना चाहिए? इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए ओनली माय हेल्थ की टीम ने नोएडा इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (NIIMS) कॉलेज एंड हॉस्पिटल की डाइटिशियन डॉ. प्रीति नागर से बात की।
पैकेट वाले दूध को पीने से पहले उबालना चाहिए या नहीं- Should packaged milk be boiled before drinking or not?
डॉ. प्रीति नागर का कहना है की दूध को उबालना भारतीय घरों में एक सामान्य प्रक्रिया है। लेकिन आज के समय में ज्यादातर पैकेज्ड दूध पाश्चुरीकृत होते हैं। इसलिए, उन्हें उबालने की जरूरत नहीं होती है। इसके बावजूद आज भी भारतीय घरों की महिलाएं दूध को उबालकर ही स्टोर करना या पीना पसंद करती हैं। हालांकि "जब पैकेज्ड या पाश्चुरीकृत दूध की बात आती है, तो पीने से पहले उसे उबालने की जरूरत अलग-अलग संभावनाओं पर निर्भर करती है। डॉ. नागर कहते हैं, पाश्चुरीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें दूध को एक निश्चित अवधि के लिए एक निश्चित तापमान पर गर्म किया जाता है ताकि इसमें मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया भी खत्म हो जाएं और दूध का पोषण मूल्य भी बना रहे।
इसे भी पढ़ेंः फोरमिल्क और हिंडमिल्क में क्या अंतर होता है? डॉक्टर से जानें दोनों के फायदे
यूएस रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सी.डी.सी.) के अनुसार, कच्चा दूध पीने से कैम्पिलोबैक्टर, क्रिप्टो स्पोरिडियम, ई. कोली, लिस्टेरिया, ब्रुसेला और साल्मोनेला जैसे कीटाणु व्यक्ति के शरीर से संपर्क बना सकते हैं। इसकी वजह से कई तरह के संक्रमण और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में पाश्चुरीकृत दूध को बिना उबाले भी पिया जा सकता है। क्योंकि जब इसे पाश्चुरीकृत किया जा रहा होता है, तब ज्यादातर बैक्टीरिया और कीटाणुओं को खत्म कर दिया जाता है। ऐसे में अगर आप पैकेट वाले दूध का इस्तेमाल कच्चा भी कर रहे हैं, तो यह बिल्कुल सुरक्षित है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ के अनुसार, गर्भवती महिलाओं और बच्चों को पैकेट वाला दूध उबालकर ही पीना चाहिए।
उबले हुआ दूध पीने से सेहत को मिलने वाले फायदे- Health benefits of drinking boiled milk
डॉ. प्रीति का कहना है कि उबला हुआ दूध पीने से सेहत को एक नहीं बल्कि कई फायदे मिलते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में।
- दूध को उबालने से कच्चे दूध में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को मारने में मदद मिलती है। इससे कई बीमारियों का खतरा कम करने में मदद मिलती है।
- दूध को उबालने से बैक्टीरिया का भार कम होने से इसकी शेल्फ लाइफ बढ़ सकती है, जिससे खराब होने की प्रक्रिया धीमी हो सकती है।
इसे भी पढ़ेंः क्या ब्रेस्टफीडिंग कराने से स्तन ढीले हो जाते हैं? डॉक्टर से जानें स्तनों में कसाव लाने के टिप्स
- कुछ लोगों को कच्चे दूध की तुलना में उबला हुआ दूध पचाने में आसान लगता है, क्योंकि गर्म करने की प्रक्रिया कुछ प्रोटीन और एंजाइम को तोड़ देती है।
- दूध को उबालने से इसका स्वाद और सुगंध बढ़ सकती है, जिससे यह पीने के लिए अधिक स्वादिष्ट बन जाता है।
All Image Credit: Freepik.com