आमतौर पर लोगों में उम्र के साथ-साथ बूढ़े होने संबंधी संकेत हावी होने लगता है। एक रिसर्च की बात करें तो वैज्ञानिकों ने दावा किया गया है कि बुजुर्गों के दिमाग में उम्र बढ़ने से जुड़े संकेतों को बदला जा सकता है। जर्मनी स्थित जर्मन सेंटर फॉर न्यूरोडीजेनेरेटिव डीसेजेज के कैथरीन रेहफेल्ड ने कहा कि व्यायाम करने से मानसिक और शारीरिक क्षमता में आने वाली उम्र संबंधी गिरवाट को धीमा किया जा सकता है और कम भी किया जा सकता है।
कैथरीन ने कहा कि हमने दिखाया है कि दो अलग-अलग किस्म का शारीरिक अभ्यास ‘डांस और स्थायी ट्रेनिंग’ दोनों से ही दिमाग का वह हिस्सा बढ़ता है, जो असल में उम्र के साथ घटता है। तुलनात्मक रूप से कहा जाए तो संतुलन सुधार के मामले में डांस के कारण बर्ताव में अहम बदलाव आता है। औसतन 68 साल की उम्र वाले स्वयंसेवियों को शोध के लिए नियुक्त किया गया था और उन्हें 18 माह के साप्ताहिक डांस या कसरत संबंधी प्रशिक्षण को लेने के लिए कहा गया था।
शोधकर्ताओं ने कहा कि दोनों ही समूहों ने दिमाग के हिप्पोकैंपस क्षेत्र में बढ़ोत्तरी दिखाई। यह अहम है क्योंकि यह उम्र बढ़ने के साथ घटने के लिए जाना जाता है। यह अल्जाइमर जैसी बीमारी से भी प्रभावित होता है। यह मेमोरी और याद रखने में भी अहम भूमिका निभाता है और व्यक्ति को संतुलित भी रखता है। डांस वाले समूह की ओर से अतिरिक्त संतुलन दिखाया गया।
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