
मोटापा ऐसी समस्या है जो कई जानलेवा बीमारियों की जननी है। भारत में मोटापे की समस्या लगातार बढ़ रही है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक अध्ययन में कहा गया है कि यह परेशानी धीरे-धीरे महामारी का रूप ले सकती है। इस अध्ययन में कहा गया है कि देश की 1.2 अरब की आबादी में से करीब 13 फीसदी लोग मोटापे से पीड़ित हो सकते हैं।

कुपोषण की समस्या के बाद भारत में मोटापे की समस्या बढने लगी है। विभिन्न अस्पतालों के 16 विशेषज्ञों के एक अनुसंधान दल ने कहा है कि पहले गरीबी की वजह से कुपोषण का संकट छाया रहा और अब मोटापा उसकी जगह लेता जा रहा है। मोटापे के कारण होने वाली बीमारियों जैसे डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, आघात और दिल की बीमारी का खतरा बढ़ाने लगा है।
चेन्नई स्थित मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन के डॉ राजेंद्र प्रदीप ने कहा, कमर के आकार में वृद्धि उम्र में कमी का संकेत है। आईसीएमआर के वित्तपोषण से किए गए इस अध्ययन में भारत में वजन बढ़ने का मुख्य कारण बढ़ते शहरीकरण, मशीनीकृत परिवहन का उपयोग, फास्ट फूड का सेवन, लंबे समय तक टीवी देखना और ऐसी चीजों का अधिक सेवन है जिनमें पोषक गुण कम होते हैं।
अनुसंधानकर्ताओं के 16 सदस्यीय दल ने तमिलनाडु, महाराष्ट्र, झारखंड और चंडीगढ़ में करीब 16,000 लोगों पर अध्ययन किया। इस पूरे अध्ययन में 3 साल में पूरा हुआ और सर्वे के दायरे में 124,000 लोग आए जिससे यह अपने तरह का सबसे बड़ा अध्ययन बन गया। शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में किए गए इस अध्ययन में प्रत्याशित तौर पर ग्रामीण आबादी की तुलना में शहरी आबादी में मोटापे की समस्या अधिक मिली।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, पृथ्वी पर हर छठा व्यक्ति मोटापे से ग्रस्त है और हर साल मोटापे की वजह से करीब 28 लाख लोगों की जान जाती है। आज मोटापा खुद एक बीमारी बनता जा रहा है। मोटापे के कारण हो रही बीमारियों अस्वास्थ्यकर भोजन, धूम्रपान की आदत के साथ मेटाबालिज्म संबंधी जोखिम जैसे हाई ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल के कारण भारत में हर साल 52 लाख लोगों की असमय मौत हो जाती है।
भारत में संपन्नता और शहरीकरण के कारण मोटापे की समस्या के कारण मधुमेह, उच्च रक्तचाप और दिल की बीमारी जैसी गैर संचारी बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। युवाओं में बढ़ती मधुमेह की समस्या की जड़ भी मोटापा है। इससे निपटने के लिए हमें खानपान पर विशेष ध्यान रखने की जरूरत है।
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