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हर महिला को जरूर फॉलो करने चाहिए न्यूट्रिशन से जुड़े ये 5 नियम, हमेशा रहेंगी सेहतमंद

वेलनेस कोच निधि ककड़ का कहना है कि महिलाओं में हार्मोन्स और कई कारणों से पोषण तत्वों की कमी हो जाती है। जिसे पूरा करने और सेहतमंद रहने के लिए महिलाओं को कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है।   
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हर महिला को जरूर फॉलो करने चाहिए न्यूट्रिशन से जुड़े ये 5 नियम, हमेशा रहेंगी सेहतमंद


वक्त चाहे कोई भी हो, महिलाओं के लिए अपनी सेहत हमेशा दूसरा या तीसरा विकल्प ही रही है। पति, बच्चे और परिवार के अन्य सदस्यों का ख्याल रखते हुए महिलाएं खुद की सेहत को नजरअंदाज कर देती हैं। अगर आप भी ऐसा ही करती हैं, तो अब ऐसा करना बंद कीजिए। किसी महान शख्स ने कहा है कि देश को औरत को चलाना है, इसलिए उसका मजबूत होना बहुत जरूरी है। यही नियम परिवार पर भी लागू होता है। जब परिवार का बेस मजबूत होगा, तभी सभी लोग सही तरीके से खुशहाल जीवनयापन कर पाएंगे। अगर आप भी एक महिला हैं और ताउम्र खुद को सेहतमंद देखना चाहती हैं, तो आपको न्यूट्रिशन से जुड़े इन 5 नियमों का पालन जरूर करना चाहिए। आज इस लेख में हेल्थ एंड वेलनेस कोच निधि ककड़ से जानेंगे इन नियमों के बारे में।

हर महिला को जरूर फॉलो करने चाहिए न्यूट्रिशन से जुड़े ये 5 नियम

वेलनेस कोच निधि ककड़ का कहना है कि महिलाओं में हार्मोन्स और कई कारणों से पोषण तत्वों की कमी हो जाती है। जिसे पूरा करने और सेहतमंद रहने के लिए महिलाओं को कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है। 

1. जिंक का सेवन

हार्मोनल कारणों से पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को ज्यादा मात्रा में जिंक की आवश्यकता होती है। जिंक में सूजन रोधी गुण पाए जाते हैं, जो शरीर में हार्मोन्स के स्तर को नियंत्रित करते हैं। महिलाओं को रोजाना 10 से 12 ग्राम जिंक का सेवन जरूर करना चाहिए। वेलनेस कोच के अनुसार, शरीर में जिंक की कमी को पूरा करने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज, डेयरी प्रोडक्ट और नट्स को रोजाना के खाने का हिस्सा बनाना चाहिए।

2. फाइबर

स्वास्थ्य विशेषज्ञ के अनुसार, हर महिला के खाने में फाइबर की पर्याप्त मात्रा होना बहुत ज्यादा जरूरी है। फाइबर सिर्फ गट को हेल्दी बनाने में मदद नहीं करता है,  बल्कि शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन को भी संतुलित करने में मदद करता है। जानकारी के लिए बता दें कि एस्ट्रोजन एक प्रकार का सेक्स हार्मोन है, जो महिलाओं की प्रजनन क्षमता, यौन स्वास्थ्य और पीरियड्स के लिए बहुत जरूरी माना जाता है। फाइबर मल को मुलायम बनाकर इसके त्याग की प्रक्रिया को आसान बनाता है। फाइबर के लिए आप अपने रोजाना के खाने में फल, हरी सब्जियां और ड्राई नट्स को शामिल कर सकते हैं।

3. फोलेट

फोलेट, जिसे विटामिन बी9 के नाम से भी जाना जाता है, कोशिका वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक है। यह विशेष रूप से प्रसव उम्र की महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के जन्म दोषों को रोकने में मदद करता है। फोलेट से भरपूर खाद्य पदार्थों में पत्तेदार हरी सब्जियाँ, बीन्स, दालें, खट्टे फल और फोर्टिफाइड अनाज शामिल हैं। पर्याप्त फोलेट का सेवन एनीमिया को रोकने में भी मदद करता है और स्वस्थ बाल, त्वचा और नाखूनों को बढ़ावा देता है।

4. ओमेगा-3 फैटी एसिड

ओमेगा-3 फैटी एसिड एक प्रकार का पॉलीअनसेचुरेटेड फैट है जो मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है और हृदय रोग के जोखिम को कम करता है। महिलाओं में अवसाद और चिंता विकसित होने का जोखिम अधिक होता है, जिससे ओमेगा-3 फैटी एसिड उनके लिए एक आवश्यक पोषक तत्व बन जाता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थों में सैल्मन, टूना और सार्डिन जैसी वसायुक्त मछलियां, अखरोट, चिया बीज और अलसी के बीज शामिल हैं। ओमेगा-3 फैटी एसिड का पर्याप्त सेवन मूड, संज्ञानात्मक कार्य और हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है।

5. विटामिन डी

विटामिन डी हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है क्योंकि यह शरीर को कैल्शियम को अवशोषित करने में मदद करता है। महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस विकसित होने का जोखिम अधिक होता है, जिससे विटामिन डी उनके लिए एक आवश्यक पोषक तत्व बन जाता है। शरीर सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने पर विटामिन डी का उत्पादन कर सकता है, और यह वसायुक्त मछली, अंडे की जर्दी और दूध और संतरे के रस जैसे फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों में भी पाया जाता है। पर्याप्त विटामिन डी का सेवन आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में भी मदद करता है।

All Image Credit: Freepik.com

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