शरीर का सामान्य तापमान कितना होना चाहिए? जानें, शिशुओं, बच्चों और वयस्कों में बदलते तापमान का कारण

अगर आप शरीर के बदलते तापमान से परेशान हैं तो हम आपको बताने जा रहे हैं क‍ि क‍िस उम्र में तापमान क‍ितना होना चाह‍िए और ज्‍यादा तापमान का पता कैसे लगाएं
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शरीर का सामान्य तापमान कितना होना चाहिए? जानें, शिशुओं, बच्चों और वयस्कों में बदलते तापमान का कारण

Normal Temperature of Human Body in Hindi: क्‍या आप भी शरीर के बदलते तापमान को लेकर परेशान हैं? कई लोगों के शरीर का तापमान अकसर बदलते रहता है। ऐसे में वे समझ नहीं पाते हैं कि यह तापमान नॉर्मल है या नहीं। जब लोगों के शरीर का तापमान बढ़ता है, तो उनकी बॉडी गर्म होने लगती है और बुखार हो जाता है। वहीं, तापमान कम होने पर शरीर ठंडा होने लगता है। वयस्कों में 98.6°F (37°C) को सामान्य तापमान माना जाता है। लेकिन आपको बता दें कि नवजात शिशुओं, बच्चों और वयस्कों के शरीर का सामान्य तापमान अलग-अलग होता है। इसके अलावा उम्र, लिंग और खान-पान के आधार पर भी प्रत्येक व्यक्ति के शरीर का सामान्य तापमान अलग-अलग हो सकता है। तापमान को मापने के लिए थर्मामीटर का इस्तेमाल किया जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर आपकी बॉडी का सामान्य तापमान कितना होना चाहिए? तो चलिए, लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव (Dr Seema Yadav) से जानते हैं उम्र के अनुसार शरीर का सामान्य तापमान कितना होना चाहिए?

body temperature

बॉडी का तापमान कैसे बदलता है?- How Body Temperature Changes in Hindi

कंपकंपी लगने पर बॉडी गरम होती है। हमारे ब्रेन का एक ह‍िस्‍सा ज‍िसे हाइपोथैल्‍मल (Hypothalamus) कहा जाता है, वो बॉडी का टेम्‍प्रेचर बनाए रखने में मदद करता है। अगर शरीर का तापमान 98.6°F (37°C) से नीचे या ज्‍यादा ऊपर जाता है, तो हाइपोथैल्‍मल उसे कंट्रोल करने का काम करता है। अगर बॉडी ज्‍यादा ठंडी हो जाती है, तो हाइपोथैल्‍मस बॉडी को कंपकंपी का अहसास करवाने का संकेत देती है ताक‍ि बॉडी गर्म हो सके। वहीं अगर शरीर बहुत गर्म होगा तो ब्रेन बॉडी को पसीना न‍िकालने का संकेत देगा ताक‍ि शरीर से ज्‍यादा गर्मी बाहर न‍िकल सके। ज्‍यादातर बुखार का कारण इंफेक्‍शन होता है। फीवर तब होता है, जब हमारी बॉडी इंफेक्‍शन से लड़ने के ल‍िए नैचुरली कोश‍िश करती है। 

शरीर का तापमान क‍िन फैक्‍टर्स पर न‍िर्भर करता है?- Factors Responsible for Changes in Body Temperature

  • व्‍यक्‍त‍ि की उम्र और जेंडर 
  • क‍िस समय तापमान ल‍िया गया है (तापमान द‍िन के समय सबसे ज्‍यादा और सुबह सबसे कम होता है)
  • ल‍िक्‍व‍िड और सॉल‍िड डाइट 
  • कम या ज्‍यादा एक्‍ट‍िव‍िटी करना 
  • मह‍िलाओं में पीरियड्स होना 
  • थर्मामीटर का इस्‍तेमाल (रैक्‍टल, ओरल और ऑर्मप‍िट)

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वयस्कों के शरीर का तापमान क‍ितना होना चाह‍िए?- Normal Temperature in Adults in Hindi

डॉ सीमा यादव से बताया क‍ि वयस्‍कों के शरीर का सामान्‍य तापमान 97.6–99.6°F के बीच होता है। वहीं, वयस्‍कों में बुखार आने पर तापमान 100.4°F (38°C) या इससे ज्‍यादा हो सकता है।

असामान्‍य तापमान: वयस्‍कों के शरीर का तापमान अगर 104°F से ज्‍यादा या 95° F से कम है तो ये च‍िंता की बात है। इसके साथ ही उन्‍हें अगर स‍िरदर्द, सांस लेने में परेशानी हो रही है तो च‍िंता की बात है। शरीर का तापमान 105.8°F से ज्‍यादा होने पर ऑर्गन फेल हो सकतें हैं। 

body temperature in kids body

बच्‍चों के शरीर का तापमान क‍ितना होना चाह‍िए?- Normal Temperature in Children in Hindi

3 से 10 साल की उम्र वाले बच्‍चों का नॉर्मल टेम्‍प्रेचर 95.9–99.5°F के बीच हो सकता है। बच्‍चों का तापमान भी बड़ों की तरह ही होता है। इस उम्र के बच्‍चे को अगर बुखार है पर तापमान 102°F से कम है तो च‍िंता की बात नहीं है। दवा और पट्टी करने से बुखार कम हो जाएगा।

असामान्‍य तापमान: अगर बच्चों के शरीर का तापमान 102.2°F से ज्‍यादा है, तो उसे डॉक्‍टर के पास लेकर जाएं। 

नवजात शिशु के शरीर का तापमान क‍ितना होना चाह‍िए?- Normal Temperature in New Born in Hindi

नवजात शिशुओं के शरीर का तापमान कभी-कभी एडल्‍ट्स या बच्‍चों से भी ज्‍यादा होता है, क्‍योंक‍ि उनके वजन के मुकाबले उनके शरीर का सर्फेस एर‍िया बड़ा होता है। छोटे बच्‍चों की बॉडी गर्मी होने पर कम पसीना न‍िकालती है। वहीं बुखार आने पर नवजात श‍िशु के शरीर के तापमान को कम करना बड़ों के मुकाबले ज्‍यादा मुश्‍क‍िल होता है। अगर बच्‍चे की उम्र 0–2 साल के बीच है, तो उसकी बॉडी का सामान्‍य तापमान 97.9–100.4°F होना चाह‍िए। जब बच्‍चों के दांत आते हैं तो भी उन्‍हें बुखार आ सकता है। नवजात श‍िशु के शरीर का सामान्‍य तापमान 99.5°F होता है।

असामान्‍य तापमान: अगर बच्‍चे की उम्र 3 महीने या उससे कम है, तो तापमान 100.4°F या उससे ऊपर होने पर सतर्क हो जाएं। इस समय आपके बच्‍चे को मेड‍िकल मदद की जरूरत होगी उसे तुरंत अस्‍पताल ले जाएं। इतने छोटे बच्‍चों में फीवर का कारण इंफेक्‍शन हो सकता है। 

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बुखार के लक्षण- Fever Symptoms in Hindi

fever

डॉ सीमा यादव से बताया क‍ि वयस्कों में 98.6°F के आसपास के तापमान को नॉर्मल माना जाता है। हालांक‍ि तापमान आपकी उम्र, जेंडर, फ‍िज‍िकल एक्‍टिव‍िटी और हेल्‍थ पर न‍िर्भर करता है। आपको बता दें क‍ि शरीर का तापमान पूरे द‍िन बदलता रहता है, इसल‍िए उससे घबराएं नहीं। अगर तापमान 100.4°F से ऊपर है, तो बुखार का संकेत हो सकता है। नवजात श‍िशुओं के शरीर का तापमान एडल्‍ट्स के मुकाबले ज्‍यादा होता है, लेक‍िन बहुत ज्‍यादा तापमान क‍िसी बीमारी का संकेत भी हो सकता है। डॉक्‍टर ये मानते हैं कि 100.4°F या इससे ज्‍यादा तापमान होने पर बुखार होता है। इसके अलावा कुछ लक्षण हैं ज‍िनसे बुखार होने का पता चलता है जैसे- 

  • भूख न लगना 
  • ठंड लगना
  • मांसपेशियों में दर्द होना
  • स‍िर में दर्द होना
  • कमजोरी होना 
  • पसीना आना 

तापमान मापने के लिए थर्मामीटर का चुनाव कैसे करें?- How to Choose Thermometer in Hindi

मार्केट में कई तरह के थर्मामीटर मौजूद हैं, लेकिन आपको व्‍यक्‍त‍ि की उम्र के मुताब‍िक थर्मामीटर का चुनाव करना चाह‍िए। अगर थर्मामीटर की रीड‍िंग बहुत कम या ज्‍यादा आए तो 10 म‍िनट बाद दोबारा रीड‍िंग लें। 

  • 3 साल से कम उम्र वाले बच्‍चों के ल‍िए रैक्‍टल थर्मामीटर ले सकते हैं।
  • अगर उम्र 3 साल तक है तो ईयर थर्मामीटर, ऑर्मप‍िट थर्मामीटर का इस्‍तेमाल करें। 
  • अगर उम्र 4 से 5 साल है तो बुखार मापने के लि‍ए ईयर, ऑर्मप‍िट या ओरल थर्मामीटर का इस्‍तेमाल करें। 
  • अगर उम्र 5 साल से ज्‍यादा है तो ओरल, ईयर और ऑर्मप‍िट थर्मामीटर का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। 

अगर क‍िसी व्‍यक्‍त‍ि को अपने शरीर के तापमान में तेजी से उतार-चढ़ाव नजर आ रहा है तो उसे डॉक्‍टर से संपर्क करना चाह‍िए। इस मौसम में आप ज्‍यादा ठंडा या गरम तापमान में अचानक न जाएं, धूप में न‍िकलने से पहले एहत‍ियात बरतें और ऐसी या ठंडी जगह पर ज्‍यादा देर न रहें। 

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