शिशु के शरीर का तापमान बढ़ने के क्या कारण हो सकते हैं? कैसे करें बचाव

बच्चे के शरीर का तापमान कई कारणों से बढ़ सकता है। इस दौरान आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए और कुछ उपाय अपनाने चाहिए। जानें इनके बारे में।
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शिशु के शरीर का तापमान बढ़ने के क्या कारण हो सकते हैं? कैसे करें बचाव


अगर घर में छोटा शिशु है, तो लोग उसका बहुत ज्यादा ध्यान रखते हैं। अक्सर शिशु के साथ खेलते हुए पेरेंट्स को महसूस हो सकता है कि कभी उसका शरीर थोड़ा गर्म लगता है, तो कभी थोड़ा ठंडा लगता है। बहुत बार बुखार न होने पर भी शिशु को बुखार होने का भ्रम होता है। क्या आप भी अपने शिशु के शरीर के बदलते  तापमान को लेकर परेशान हो जाते हैं? अगर हां, तो आपको ये समझने की जरूरत है कि बच्चे के शरीर का तापमान क्यों बढ़ रहा है या घट रहा है, ताकि इस समस्या का समाधान किया जा सके। बच्चे के शरीर का तापमान मौसम और खानपान की वजह से भी बढ़ सकता है। इसके अलावा उम्र के हिसाब से भी बच्चे का तापमान बदलता रहता है। मानव शरीर का सामान्य तापमान 98.6 डिग्री फॉरेनहाइट माना जाता है, लेकिन ये कोई फिक्स वैल्यू नहीं है। कई लोगों के शरीर का तापमान खानपान, मौसम, कपड़े, शरीर की स्थिति आदि के अनुरूप थोड़ा बहुत अलग हो सकता है। इसके अलावा उम्र के हिसाब से भी शरीर के तापमान में अंतर हो सकता है, जैसे- बच्चों के शरीर का तापमान बुजुर्गों की तुलना में अधिक होता है। वहीं नवजात शिशु का तापमान 3 साल के बच्चों से अधिक होता है। शिशु का शरीर हल्का गर्म लगता है यानी अगर उसका तापमान थोड़ा अधिक रहता है, तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है। शरीर का तापमान अधिक होने पर बच्चे को अधिक से अधिक पानी पिलाने की कोशिश करें क्योंकि कई बार जिन बच्चों के शरीर का तापमान अधिक होता है, उनमें डिहाईड्रेशन की समस्या हो सकती है। इसलिए बच्चे को खूब पानी पिलाएं। आइए जानते हैं कि बच्चे के शरीर का तापमान बढ़ने के क्या कारण हो सकते हैं। 

1. वायरल इंफेक्शन 

छोटे बच्चों को वायरल इंफेक्शन के कारण भी बुखार हो सकता है। दरअसल वायरल इंफेक्शन के दौरान बच्चे का शरीर संक्रमण से लड़ रहा होता है इसलिए शरीर का तापमान बढ़ जाता है। हालांकि ये कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो सकता है। लेकिन अगर आपका बच्चा वायरल इंफेक्शन के कारण अधिक समय तक बीमार रहता है या बुखार के साथ अन्य लक्षण नजर आ रहे हैं, तो आपको उनकी स्वास्थ्य स्थितियों के बारे में डॉक्टर से जरूर संपर्क करना चाहिए। 

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2. सर्दी-जुकाम

कई बार छोटे बच्चे को सर्दी-जुकाम के कारण भी बुखार हो सकता है और उनके शरीर का तापमान बढ़ सकता है। इससे बच्चे को गले में इंफेक्शन और बोलने में भी परेशानी हो सकती है। छोटे बच्चे इस स्थिति में चिड़चिड़ेपन के कारण बहुत ज्यादा रोते हैं। ऐसे में डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

3. गर्म चीजें खाने के कारण

कई बार गर्म चीजें  खिलाने-पिलाने के कारण भी बच्चों का शरीर गर्म हो सकता है। गुड़, अंडा और हल्दी जैसी चीजें अधिक खाने के कारण बच्चे का शरीर गर्म हो सकता है। इसके अलावा बहुत अधिक नॉनवेज या गर्म पेय पदार्थों के सेवन से उनके शरीर का तापमान बढ़ सकता है।

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4. शारीरिक गतिविधियां बढ़ने के कारण

जब बच्चे अपनी दिनचर्या में शारीरिक गतिविधियों को जोड़ते हैं, तो इस दौरान बच्चों के शरीर में आरओएस यानी रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज का स्तर बढ़ने लगता है। जिससे शरीर का तापमान भी बढ़ सकता है। ऐसे में छोटे बच्चे अधिक हाथ पैर हिलाते हैं या खेलते हैं तो इससे शरीर में गर्मी का उत्पादन हो सकता है और उनका सिर गर्म महसूस हो सकता है। कई बार खेलने के  काफी समय बाद भी बच्चे के शरीर का तापमान गर्म रहता है। लेकिन अगर आपको बुखार की आशंका है, साथ ही बच्चा सुस्त और चिड़चिड़ा हो रहा है, तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

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5. कान का इंफेक्शन

कान में इंफेक्शन होने पर भी बच्चे के शरीर का तापमान गर्म हो सकता है। दरअसल उसे कान में परेशानी होने पर खुजली, दर्द और जलन की समस्या भी हो सकती है। 

शिशु का शरीर गर्म लगने पर ऐसे करें बचाव

1.  शिशु के शरीर का तापमान अधिक होने पर उन्हें अधिक से अधिक पानी पीने को दें। इससे उनका शरीर हाइड्रेट रह सकता है। 

2. इसके अलावा उन्हें एक दिन में बहुत अधिक खेलने को न कहें। इससे उनकी परेशानी बढ़ सकती है। 

3. उन्हें खाने में ऐसी चीजें दें  जिनसे शरीर ठंडा रहे। इसके लिए आप उन्हें दही, नारियल पानी और छाछ  दे सकते हैं। 

4. बच्चों को सर्दियों में बहुत अधिक कपड़े भी न पहनाएं। इससे भी उनके शरीर का तापमान बढ़ सकता है। 

5. साथ ही थर्मामीटर की मदद से तापमान जांचते रहें। इससे बुखार की रीडिंग का पता चल पाता है।

(All Image Credit- Freepik.com)

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