आज के समय में लोगों को व्यस्त जीवनशैली और खानपान से जुड़ी गलत आदतों की वजह से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं। इन समस्याओं का समय पर इलाज न होने पर ये गंभीर रूप ले सकती हैं। खानपान और लाइफस्टाइल से जुड़ी गलत आदतों की वजह से लोगों में लिवर से जुड़ी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। आमतौर पर यह माना जाता है कि अल्कोहल के अधिक सेवन से लिवर पर गहरा प्रभाव पड़ता है लेकिन सिर्फ अल्कोहल ही नहीं खानपान की सभी गलत आदतों की वजह से आपको लिवर से जुड़ी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। लिवर से जुड़ी एक गंभीर स्थिति का नाम है फैटी लिवर की समस्या। फैटी लिवर एक ऐसी स्थिति है जिसमें लिवर की कोशिकाओं में गैरजरूरी फैट की मात्रा बढ़ जाती है। इसकी वजह से लिवर को गंभीर नुकसान होता है और यह स्थिति लिवर फेलियर की समस्या का कारण भी बन सकती है। इसके साथ ही खानपान की गलत आदतों और जीवनशैली से जुड़े कारकों की वजह से लोगों में नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज की समस्या भी हो सकती है। यह समस्या शराब का सेवन न करने वाले लोगों में तेजी से बढ़ रही है। आइये विस्तार से जानते हैं इस स्थिति के बारे में।
नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज (Non Alcoholic Fatty Liver Disease)
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नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज उन लोगों में ज्यादा होती है जो बिलकुल भी शराब का सेवन नहीं करते हैं। इस समस्या में मरीज के खानपान की वजह से उसके लीवर में अतिरिक्त चर्बी या फैट जमा हो जाता है और इसकी वजह से लिवर खराब हो जाता है। अगर इस समस्या का सही समय पर इलाज किया गया तो इसे कंट्रोल में कर इससे छुटकारा पाया जा सकता है लेकिन इस समस्या में लापरवाही बरतने पर मरीज को लिवर फेलियर की समस्या भी हो सकती है। दिल्ली के मशहूर गैस्ट्रोएंट्रोलोजिस्ट डॉ एस के गर्ग के मुताबिक यह समस्या खाने-पीने की आदतें, दवाओं के सेवन और लाइफस्टाइल से जुड़ी गलत आदतों की वजह से हो सकती है। नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज भारत में डायबिटीज की तरह से तेजी से बढ़ रही है। फैटी लिवर की समस्या मुख्य रूप से तीन तरह की होती है - स्टीटोसिस, (जिसमें सूजन के बिना फैटी लीवर होता है), स्टीटोहैपेटाइटिस (जख्म और सूजन वाला लिवर, जोकि शराब के सेवन से होता है) और तीसरा नॉन-एलकोहॉलिक स्टीटोहैपेटाइटिस या नैश। इनमें से नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज बहुत गंभीर मानी जाती है।
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नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज के कारण (Non Alcoholic Fatty Liver Disease Causes)
आमतौर पर नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज के कारणों के बारे में किसी भी एक्सपर्ट की कोई सटीक राय नहीं है। यह समस्या फैटी लिवर की तरह खानपान की गलत आदतों और जीवनशैली की वजह से होती है। पहले इस समस्या में लिवर में अतिरिक्त फैट जमा हो जाने से सूजन होने लगती है और फिर यह लिवर सिरोसिस का रूप धारण कर सकता है। नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज की समस्या के प्रमुख कारण इस प्रकार से हैं।
- अधिक वजन या मोटापे की समस्या।
- हाई ब्लड शुगर, प्रीडायबिटीज या टाइप 2 डायबिटीज।
- ट्राइग्लिसराइड्स।
- निष्क्रिय जीवनशैली।
- खानपान से जुड़ी गलत आदतें।
- हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या।
- पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम।
- अंडरएक्टिव थायराइड (हाइपोथायरायडिज्म)।

नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज के लक्षण (Non Alcoholic Fatty Liver Disease Symptoms)
नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज की समस्या में लिवर में सूजन की स्थिति शुरू होती है और इसके बाद लिवर में दर्द, पाचन से जुड़ी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। इस समस्या में पेट में सूजन और स्किन पर भी कई समस्याएं होने लगती हैं। नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज की समस्या में दिखने वाले प्रमुख लक्षण इस प्रकार से हैं।
- पेट में सूजन
- शरीर में अत्यधिक थकान
- स्किन और आंखों पर नीलापन
- हथेलियों का लाल होना
- स्पाइडर वेन्स
- आंखों का पीलापन
- स्किन पर खुजली और रैशेज
नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज की समस्या की जटिलताएं (Complications Non Alcoholic Fatty Liver Disease)
नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज की समस्या में मरीज को लिवर फेलियर का खतरा रहता है। इसके अलावा इस समस्या के कारण सिरोसिस भी हो सकता है। नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज की समस्या की वजह से आपको ये खतरे होते हैं।
- लिवर सिरोसिस
- लिवर कैंसर
- एन्सेफैलोपैथी
- नसों में गंभीर सूजन

नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज की समस्या में इलाज (Non Alcoholic Fatty Liver Disease Treatment)
नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज की समस्या में इलाज मरीज की स्थिति पर निर्भर करता है। इस स्थिति में चिकित्सक लिवर की स्थिति की जांच करने के बाद मरीज को खानपान और लाइफस्टाइल से जुड़े बदलाव की सलाह देते हैं। इस समस्या के शुरूआती लक्षण दिखने पर चिकित्सक से संपर्क करना फायदेमंद माना जाता है। इसके बाद जब धीरे-धीरे यह समस्या बढ़ने लगती है तो इसकी वजह से मरीज में अन्य गंभीर स्थितियां पैदा हो सकती हैं। कई बार डॉक्टर नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज की समस्या से बचाव के लिए हेपेटाइटिस ए और हेपेटाइटिस बी के टीके लगवाने की सलाह भी देते हैं।
नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज की समस्या से बचाव (Non Alcoholic Fatty Liver Disease Prevention Tips)
खानपान में गड़बड़ी और जीवनशैली से जुड़ी कुछ गलत आदतों की वजह से लोगों में नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज की समस्या तेजी से बढ़ रही है। इस समस्या से बचाव के लिए आपको स्वास्थ्य जीवनशैली और संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए। आज के समय में प्रोसेस्ड और फास्ट फूड का सेवन अधिक होने की वजह से लोगों का लिवर इस समस्या का शिकार हो रहा है। नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज की समस्या से बचाव के लिए आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
- स्वस्थ आहार का सेवन करें - प्लांट बेस्ड फूड्स का सेवन और फल व सब्जियों के सेवन से यह समस्या कम हो सकती है।
- स्वस्थ वसा का सेवन करें - हेल्दी फैट यानी स्वस्थ वसा का सेवन करने से लिवर से जुड़ी समस्याओं में फायदा मिलता है।
- वजन को करें संतुलित - नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज का एक बड़ा कारण आपका वजन भी है, इस समस्या से बचाव के लिए वजन को संतुलित जरूर रखना चाहिए।
- नियमित एक्सरसाइज - रोजाना व्यायाम और योगाभ्यास करने से आपको इस समस्या में फायदा मिलता है।
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नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज की समस्या से बचाव के लिए आपको ऊपर बताई गयी बातों का ध्यान रखना चाहिए। इस समस्या में शुरूआती लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना फायदेमंद होता है। नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज की समस्या के बारे में अधिक जानकारी और इलाज से जुड़ी जरूरी बातें जानने के लिए आपको चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।
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