मोबाइल फोन और उसके टॉवर से निकलने वाले रेडिएशन से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं पर दुनिया भर में चर्चाएं होती रहती हैं। कई विशेषज्ञ इस रेडिएशन को स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक मानते हैं। विशेषज्ञ इस रेडिएशन को कैंसर जैसी बड़ी बीमारी की वजह भी मानते हैं। लेकिन, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ताजा रिपोर्ट इन प्रचलित मान्यताओं को खारिज करती नजर आती है। मोबाइल फोन और उनके बेस स्टेशनों के साथ जुड़े स्वास्थ्य जोखिम पर अपनी ताजा एडवाइजरी में डब्ल्यूएचओ, फ्रांसीसी सरकार के एक विशेषज्ञ समूह, एएनएसईएस व खाद्य, पर्यावरण और व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए फ्रेंच संगठन ने कहा कि मोबाइल फोन से स्वास्थ्य के लिए कोई खतरा नहीं है।
डब्ल्यूएचओ ने कहा "अभी तक प्राप्त अध्ययन इस बात के संकेत नहीं देते हैं कि आरएफ (रेडियो फ्रीक्वेंसी) क्षेत्रों जैसे बेस स्टेशनों से पर्यावरण को कोई जोखिम है। या इसके कारण कैंसर या किसी अन्य बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि वैज्ञानिकों ने मोबाइल फोन का उपयोग करने के अन्य स्वास्थ्य प्रभावों जैसे मस्तिष्क गतिविधि में परिवर्तन, प्रतिक्रिया समय, और सोने की प्रवृत्ति (स्लीप पैटर्न) आदि की जानकारियां दी हैं। यह प्रभाव छोटे होते हैं और इनका कोई स्पष्ट स्वास्थ्य महत्व नहीं है।"
डब्ल्यूएचओ ने कहा, "क्योंकि मोबाइल फोन से उत्सर्जित रेडियो आवृत्ति क्षेत्रों का जोखिम आमतौर पर बेस स्टेशनों की तुलना में अधिक से अधिक 1000 गुना अधिक होता है। हैंडसेट की वजह से किसी भी प्रतिकूल प्रभाव की आशंका अधिक होती है। मोबाइल फोन के जोखिम के संभावित प्रभावों पर विशेष रूप से अनुसंधान आयोजित किये जा चुके हैं। खासतौर पर युवाओं के बीच मोबाइल फोन के इस्तेमाल की हाल ही में ज्यादा हुई लोकप्रियता को लेकर इस बात पर काफी शोध किए जा रहे हैं। डब्ल्यूएचओ ने इस समूह पर और अधिक अनुसंधान को बढ़ावा दिया है। और वर्तमान में डब्ल्यूएचओ आरएफ क्षेत्रों के स्वास्थ्य पर प्रभाव के सभी अध्ययनों के निष्कर्षों का आकलन कर रहा है।"
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