प्रत्येक व्यक्ति में सहने की क्षमता भी अलग-अलग होती है, यह उसका कोई खास गुण नहीं होता बल्कि उसकी विशेष जीन के कारण ऐसा होता है। वैज्ञानिकों ने इस कारण का पता लगाने के लिए चार विशेष जीन की खोज की है, जो हमारे धैर्य का स्तर तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
अमेरिकन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी के सदस्य टोबोर ओनोजिघोफिया ने बताया, "यह शोध बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दर्द की प्रकृति को समझने का उपाय सुझाता है, कि आखिर क्यों लोग दूसरे लोगों की तुलना में ज्यादा दर्द सह सकते हैं।"
डॉक्टर्स के लिए यह बहुत मददगार खोज मानी जा रही है, उपचार के दौरान वे चार विशेष जीन की उपलब्धता के आधार पर दर्द का अनुमान लगा सकेंगे और उसी के अनुरूप उपचार कर सकेंगे।
अध्ययनकर्ताओं ने इस बात का पता लगाने के लिए 2,721 लोगों में चार विशेष जीन सीओएमटी, डीआरडी2, डीआरडी1 और ओपीआरके1 की खोज की।
इसमें उन्होंने पाया कि 9 प्रतिशत प्रतिभागियों को बहुत कम दर्द हुआ, 46 प्रतिशत को मध्यम और 45 प्रतिशत प्रतिभगियों में दर्द की प्रकृति का लेवेल बहुत ऊचा था।
टोबोर ओनोजिघोफिया ने यह भी कहा, "दर्द का स्तर तय करने वाले जीन की खोज नई चिकित्सा विधियों में चिकित्सक को अपने मरीज के दर्द की प्रकृति को अच्छे से समझ पाने में मददगार साबित हो सकती है।"