कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचने के लिए वैज्ञानिकों ने एक नयी ड्रग कॉम्बिनेशन थेरेपी ( दवा संयोजन चिकित्सा) तैयार की है। यह थेरेपी कोलोन, लिवर, फेफड़ा, गुर्दा, स्तन और ब्रेन कैंसर सेल्स को असरदार तरीके से खत्म कर देती है और ऐसा करते हुए वह शरीर के स्वस्थ सेल्स को कोई नुकसान भी नहीं पहुंचाती है।
इस थेरपी में कैंसर सेल्स के जिंदा रहने के सभी रास्तों को खत्म किया जाता है और ऐसे में उनके पास दूसरे कैंसर सेल्स को खाकर जिंदा रहने का विकल्प ही बचता है। ऐसे में एक कैंसर सेल जिंदा रहने के लिए दूसरे को आहार बनाती है और इस तरह खुद ब खुद शरीर से कैंसर का खात्मा हो जाता है। इस तरह की स्थिति को ऑटोफेगी कहते हैं, जब सेल्स जिंदा रहने के लिए खुद को ही खाने लगते हैं।
वर्जिनिया कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटी मेसी कैंसर सेंटर की ओर से करायी गयी एक हालिया प्री-क्लिनिकल स्टडी में इस थेरेपी को ईजाद किया गया और अब इसका पहली बार इनसानों पर ट्रायल किया जायेगा।
वीसीयू स्कूल ऑफ मेडिसिन में असिस्टेंट प्रोफेसर ऐंड्रयू पोकलेपोविक के मुताबिक, क्लिनिकल ट्रायल कब शुरू होगा यह कहना अभी जल्दबाजी होगी मगर नतीजों से हम उत्साहित हैं और इसकी प्लैनिंग कर रहे हैं। पहले इनसानों के छोटे समूह पर इसका ट्रायल किया जायेगा। । पॉल डेंट की अगुआई में की किये गये इस शोध में देखा गया कि सोराफेनिब और रेगोराफेनिब पीआइ 3के/एकेटी नाम की दवाओं के साथ मिलकर कई तरह के कैंसरों को खत्म कर सकती है। सोराफेनिब, रेगोराफेनिब काइनासेस नाम के एंजाइम के बनने को रोकती हैं।
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