मरीज पर दवाओं का असर हो रहा है या नहीं और हो रहा है तो कितना हो रहा है। यह जानना किसी भी किसी भी डॉक्टर के लिए बहुत मददगार साबित हो सकता है। ऐसा करके वह रोगी के सही इलाज की दिशा में आगे बढ़ सकता है।
स्वीडन के वैज्ञानिकों ने दवाओं का असर का पता लगाने के लिए नया तरीका ईजाद किया है। इससे पता चल सकेगा कि बीमारी को ठीक करने के लिए मरीज को दी जा रही दवाओं का उस पर कितना असर हो रहा है।
विज्ञान पत्रिका 'साइंस' में प्रकाशित लेख में कहा गया है कि यह नया तरीका भविष्य में विकसित होने वाली दवाओं का असर पता लगाने में अहम भूमिका निभाएगा। अभी तक दवाओं के प्रभाव का सीधे तौर पर पता लगाने का कोई तरीका उपलब्ध नहीं था।
केरोलिंस्का इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने सीईटीएसए (सेल्युलर थर्मल शिफ्ट एस्से) नाम तरीके की खोज की है, जो इस अवधारणा को साबित करने में सक्षम होगा कि प्रोटीन और औषधीय पदार्थ को मिलाकर सही और असरकारी दवा बनायी जा सकती है।
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