नयी दवा करेगी पार्किंसन का बेहतर इलाज

प‍ार्किंसन एक खतरनाक मनोविक‍ृति है। अभी तक वैज्ञानिक इस बीमारी के खिलाफ कारगर दवा बना पाने में नाकाम रहे थे, लेकिन एक नयी दवा के आने से उम्‍मीद है कि अब इस रोग का बेहतर इलाज हो पाएगा।
  • SHARE
  • FOLLOW
नयी दवा करेगी पार्किंसन का बेहतर इलाज


पार्किंसन रोगियों के लिए नयी दवाशोधकर्ताओं ने उम्‍मीद जतायी है कि नयी दवा पार्किंसन से पीडि़त हजारों लोगों के लिए मददगार साबित होगी। इस दवा के सेवन से व्‍यक्ति के जीवन में नये जोश व ऊर्जा का संचार होगा।



अपजनन संबंधी इस मानसिक रोग से पीडि़त आधे लोगों को इस प्रकार के लक्षण नजर आते हैं, लेकिन बाजार में इस रोग की जो मौजूदा दवायें हैं, वे इस रोग पर पूरी तरह से प्रभावी नहीं हैं। वे इसके लक्षणों को और बढ़ा देती हैं, जिससे स्‍ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है और रोगी की जान पर भी बन आती है।



नयी दवा, जिसका नाम पीमावनसेरिन है, का प्रयोग अभी तक करीब 200 लोगों पर किया गया है और नतीजे काफी सकारात्‍मक रहे हैं। क‍रीब एक तिहाई लोगों ने इस दवा को प्रभावी बताया है व उनके जीवन में सुधार भी देखा गया है।



इस दवा में अन्‍य मनोवैज्ञानिक लक्षणों जैसे अल्‍जाइमर और अन्‍य रोगों को दूर करने की क्षमता भी मौजूद है।



प्रमुख शोधकर्ता प्रोफेसर क्‍लाइव बलॉर्ड, जो किंग्‍स कॉलेज लंदन में कार्यरत हैं, ने कहा कि पार्किंसन रोग में मनोविकृति से जुड़े लक्षण पीडि़त लोगों और उनकी देखभाल कर रहे लोगों के लिए भी परेशान करने वाले हो सकते हैं।


प्रोफेसर बलार्ड का कहना है कि पार्किंसन में मनोविकृति एक अहम लक्षण है। इस बीमारी के इलाज के लिए नर्सिंग होम में भर्ती होने वाले लोगों में यह काफी देखा जाता है। और इस रोग के कारण होने वाली मौतों का यह बड़ा कारण भी होती है। लेकिन, अभी तक इससे निपटने की कोई सुरक्षित दवा और उपाय मौजूद नहीं था।


शोधकर्ताओं ने अमेरिका और कनाडा में पार्किंसन से पीडि़त 199 मरीजों का अध्‍ययन किया, जिनकी उम्र 40 वर्ष या उससे अधिक थी।

इन मरीजों को दो समूहों में बांटा गया। इनमें से एक समूह को नयी दवा का सेवन एक सप्‍ताह तक करने को कहा गया , वहीं दूसरे समूह को छह सप्‍ताह तक मौजूदा दवाओं पर ही निर्भर रखा गया।



इसके बाद मरीजों में पार्किंसन के लक्षणों के आधार पर जांच की गयी। यह जांच नियमित अंतराल पर 43वें दिन तक की गयी। 43 दिन बाद नयी दवा का सेवन करने वाले समूह में 37 फीसदी सुधार देखा गया, वहीं पुरानी दवा का सेवन करने वाले समूह में यह सुधार केवल 14 फीसदी था।



इसके साथ ही पीमावनसेरिन समूह ने यह भी बताया कि उन्‍हें अच्‍छी नींद आयी और साथ ही दिन के समय भी उन्‍हें कम देखभाल की जरूरत महसूस हुई। वहीं मौजूदा दवाओं का सेवन कर रहे मरीजों में इस प्रकार के लक्षण कम देखे गए। यह शोध लेनसेट मेडिकल जर्नल में प्रकाशित हुआ है।



इस शोध में भविष्‍य में पार्किंसन के बेहतर प्रबंधन की राह आसान कर दी है। इसके बाद उम्‍मीद जतायी जा रही है कि इस रोग से निपटने के और कारगर उपाय भी जल्‍द ही सामने होंगे।

 

Read More Articles on Health News in Hindi

Read Next

पाना चाहते हैं खूबसूरत त्वचा तो दें सेहतमंद भोजन को तरजीह

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version