ल्यूकीमिया से पीडि़त बच्चों के लिए वैज्ञानिकों ने एक नई दवा विकसित की है, इससे उनके उपचार में एक नई उम्मीद की किरण है। ऑस्ट्रलियाई वैज्ञानिकों ने एक नई दवा खोजने का दावा किया, इस दवा से ल्यूकीमिया से पीडि़त बच्चों को लाभ होगा। यह अध्ययन यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स में किया गया जहां पिछले 10 साल से अधिक समय में 70 विभिन्न दवाओं का परीक्षण किया गया।
आम तौर पर ल्यूकीमिया बच्चों को होने वाला कैंसर है और बताया जाता है कि करीब 150 बच्चे ‘एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया’ (एएलएल) से पीड़ित हैं।
इनमें से करीब 15 प्रतिशत बच्चों को ‘एएलएल’ का तीव्र उप-प्रकार ‘टी-एएलएल’ है जिन पर इस बीमारी के इलाज का बहुत कम असर होता है या बिलकुल भी असर नहीं होता।
चिल्ड्रेन कैंसर इन्स्टीट्यूट स्थित यूएनएसडब्ल्यू कन्जॉइंटन रिचर्ड लॉक एंड डोन्या मोराडी मानेश के अध्ययन से पता चलता है कि टी-एएलएल के लाइब्रेरी मॉडलों पर दवा पीआर-1042 का प्रभावी असर होता है। इस अध्ययन के नतीजे जर्नल ब्लॅड में प्रकाशित हुए हैं।
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