नरगिस दत्त, अपने जमाने की एक मशहूर अदाकारा, जिनकी मौत पैंक्रियाटिक कैंसर के कारण हुई थी। आज नरगिस की पुण्यतिथि है। पैंक्रियाटिक कैंसर से जूझते हुए आज ही के दिन, 3 मई 1981 को उनकी मौत हो गई थी। नरगिस, मशहूर एक्टर संजय दत्त की मां थीं। संजय दत्त की बायोपिक फिल्म 'संजू' में भी नरगिस के जीवन की कुछ घटनाएं दिखाई गई हैं, जिनमें पैंक्रियाटिक कैंसर से जूझती नरगिस का दर्द महसूस किया जा सकता है। पैंक्रियाटिक कैंसर एक खतरनाक रोग है। आइए आसान भाषा में आपको बताते हैं कि पैंक्रियाटिक कैंसर होने पर व्यक्ति को क्या परेशानियां आती हैं और क्या हैं इसके शुरुआती लक्षण।
पैंक्रियाटिक कैंसर क्यों खतरनाक है?
पैंक्रियाटिक कैंसर, शरीर के एक महत्वपूर्ण अंग को प्रभावित करता है, जिसे पैंक्रियाज या अग्नाशय कहते हैं। पाचनतंत्र में इस अंग की एक महत्वपूर्ण भूमिका है। दरअसल आपके खाए हुए भोजन को पचाने के लिए जिस रस और एंजाइम की जरूरत पड़ती है, वो पैंक्रियाज ही बनाता है। इसके अलावा इंसुलिन और दूसरे कई महत्वपूर्ण हार्मोन्स को बनाने का काम भी पैंक्रियाज करता है। अगर व्यक्ति का पैंक्रियाज काम करना बंद कर दे, तो उसका पूरा शरीर प्रभावित होता है।
इसे भी पढ़ें:- ये 10 आदतें आपको बना सकती हैं पैंक्रियाटिक कैंसर का शिकार, जानें क्या हैं लक्षण
आमतौर पर पैंक्रियाज खराब होने के कारण व्यक्ति को 2 तरह की परेशानियां हो सकती हैं। पहला खतरा डायबिटीज का है और दूसरा शरीर के बेहद कमजोर हो जाने का। पैंक्रियाटिक कैंसर व्यक्ति के पैंक्रियाज को खराब कर देता है, जिससे उसके द्वारा खाया गया भोजन पूरी तरह ऊर्जा में नहीं बदल पाता है। यही कारण है कि व्यक्ति बहुत कमजोर हो जाता है।
पैंक्रियाटिक कैंसर का खतरा किन्हें होता है?
पैंक्रियाटिक कैंसर का खतरा उन लोगों को ज्यादा होता है, जो धूम्रपान करते हैं या शराब पीते हैं। इसके अलावा ये रोग निम्न बीमारियों के कारण भी हो सकता है-
- डायबिटीज
- क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस
- लिवर की समस्या
- पेट का इंफेक्शन
इसे भी पढ़ें:- जानिए क्यों मुश्किल है पैंक्रियाज कैंसर की पहचान और क्या हैं शुरुआती लक्षण
क्या हैं पैंक्रियाटिक कैंसर के लक्षण?
- कमजोरी महसूस होना और वजन का घटना।
- पीलिया की समस्या होना, जिसमें व्यक्ति की त्वचा, आंखें और पेशाब का रंग पीला हो जाता है।
- भूख न लगना, जी मिचलाना और उल्टियां होना।
- पेट के ऊपरी भाग में दर्द रहना।
- मल का रंग सामान्य से ज्यादा पीला होना।
पैंक्रियाटिक कैंसर के ये लक्षण आमतौर पर तब ही नजर आते हैं, जब कैंसर एडवांस लेवल में पहुंच जाता है। शुरुआती अवस्था में इसका पता लगाना मुश्किल होता है। यही कारण है कि ज्यादातर पैंक्रियाटिक कैंसर के मरीजों का इलाज काफी मुश्किल हो जाता है। मगर यदि आप अपने शरीर की रेगुलर जांच करवाते रहें, तो इसका पता शुरुआती अवस्था में ही चल सकता है।
Read More Articles On Cancer in Hindi
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version