जानिए क्यों मुश्किल है पैंक्रियाज कैंसर की पहचान और क्या हैं शुरुआती लक्षण

पैंक्रियाज यानी अग्नाशय में कैंसर की समस्या होने पर इसकी पहचान करना बहुत मुश्किल होता है। इसी कारण सही समय से इसका पता न चल पाने पर कई बार ये जानलेवा हो सकता है।
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जानिए क्यों मुश्किल है पैंक्रियाज कैंसर की पहचान और क्या हैं शुरुआती लक्षण

पैंक्रियाज यानी अग्नाशय में कैंसर की समस्या होने पर इसकी पहचान करना बहुत मुश्किल होता है। इसी कारण सही समय से इसका पता न चल पाने पर कई बार ये जानलेवा हो सकता है। दरअसल पैंक्रियाज कैंसर के कुछ शुरुआती लक्षण इतने साधारण होते हैं कि इस बड़ी बीमारी की तरफ किसी का ध्यान नहीं जाता है और कैंसर अंदर ही अंदर बढ़ता रहता है। बाद में जब इसका पता चलता है तब तक कई मरीजों में कैंसर खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है। आजकल पैंक्रियाज के कैंसर के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसका कारण अनियमित और अस्वस्थ खान-पान और मिलावट आदि है। आइये आपको बताते हैं कि क्यों मुश्किल है पैंक्रियाज के कैंसर का शुरुआत में पता लगाना और क्या हैं इसके लक्षण।

क्यों मुश्किल है पैंक्रियाज के कैंसर की पहचान

  • दरअसल पैंक्रियाज यानी अग्नाशय शरीर में बहुत अंदर स्थित होता है। पेट के काफी अंदर होने के कारण बाहर से देखने पर या छूकर इस कैंसर का पता नहीं लगाया जा सकता है।
  • आमतौर पर पैंक्रियाज कैंसर होने पर पेट में दर्द की समस्या होती है मगर ज्यादातर लोग साधारण दर्द से इसे अलग नहीं महसूस करते हैं इसलिए वे दर्द निवारक दवा से इस दर्द को रोक देते हैं।
  • पैंक्रियाज कैंसर का ट्यूमर या गांठ पेट के काफी अंदर होता है और कई अंगों से ढका होता है इसलिए आमतौर पर इसके कारण होने वाली सूजन या त्वचा पर किसी तरह का परिवर्तन शुरुआत में नहीं दिखाई पड़ता है।
  • पैंक्रियाज कैंसर के कुछ लक्षण अन्य बीमारियों से भी मिलते हैं इसलिए भी इस कैंसर की जांच मुश्किल हो जाती है जैसे- शरीर में सीरम बिलीरुबिन का असामान्य रूप से बढ़ना पैंक्रियाज कैंसर का लक्षण है मगर ये अन्य रोगों जैसे- पीलिया, हेपेटाइटिस, गॉल स्टोन आदि के कारण भी बढ़ सकता है।
  • पेट में एसिडिटी, कब्ज, दर्द, अपच आदि की समस्या बहुत साधारण होती है इसलिए इनके होने पर किसी का भी ध्यान पैंक्रियाटिक कैंसर की तरफ नहीं जाता है।

कहां होता है पैंक्रियाज

अग्‍नाशय मानव शरीर का बहुत ही महत्‍वपूर्ण अंग होता है, इसे पाचक ग्रंथि भी कहते हैं। पाचक ग्रंथि उदर के पीछे 6 इंच की लंबाई वाला अवयव होता है। मछली के आकार वाला अग्नाशय नर्म होता है। यह उदर में क्षितिज की समांतर दिशा में एक सिरे से दूसरे सिरे तक फैला होता है। इसका सिरा उदर की दायीं तरफ होता है, जहां उदर छोटी अंतड़ियों के पहले हिस्से से जुड़ा होता है।

किनको होता है पैंक्रियाज में कैंसर का ज्यादा खतरा

महिलाओं के मुकाबले पैनक्रीएटिक कैंसर के शिकार पुरुष ज्‍यादा होते हैं। पुरुषों के धूम्रपान करने के कारण इसके होने का ज्‍यादा खतरा रहता है। धूम्रपान करने वालों में अग्‍नाशय कैंसर के होने का खतरा दो से तीन गुने तक बढ़ जाता है। रेड मीट और चर्बी युक्‍त आहार का सेवन करने वालों को भी पैनक्रीएटिक कैंसर होने की आशंका बनी रहती है। कई अध्‍ययनों से यह भी साफ हुआ है कि फलों और सब्जियों के सेवन से इसके होने की आशंका कम होती है।

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बहुत साधारण होते हैं अग्नाशय कैंसर के लक्षण

इसे 'साइलेंट कैंसर' इसीलिए कहा जाता है क्‍योंकि इसके लक्षण छिपे हुए होते हैं और आसानी से नजर नहीं आते। फिर भी अग्‍नाशय कैंसर के कुछ साधारण लक्षणों के बार-बार दिखने पर चिकित्सक से संपर्क किया जा सकता है। ये लक्षण निम्‍नलिखित हैं।

  • पेट के ऊपरी भाग में दर्द रहना।
  • स्किन, आंख और यूरिन का कलर पीला हो जाना।
  • भूख न लगना, जी मिचलाना और उल्‍टियां होना।
  • कमजोरी महसूस होना और वजन का घटना।

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