दादी-नानी के जमाने से शिशुओं को बुरी नजर से बचाने, या उनकी आंखों को बड़ा करने के लिए काजल का इस्तेमाल किया जाता रहा है। शिशु की आंखों में काजल लगाने का चलन प्राचीन समय से भारतीय संस्कृति में चलता आ रहा है और लोग अक्सर इससे होने वाले फायदों के बारे में बात करते हैं। लेकिन शिशुओं को काजल लगाने को लेकर डॉक्टर्स की अलग राय है। डॉक्टर्स के अनुसार शिशुओं के आंखों में काजल लगाने से उनको समस्या हो सकती है, और आंखें लंबी होंगी, साफ होंगी ये सभी बस एक मिथक हैं। पीडियाट्रिशन डॉ माधवी भारद्वाज की भी यही राय है कि बच्चों के आंखों में काजल लगाने से उन्हें कोई खास फायदे नहीं मिलते, सिवाए एक फायदे के कि वो खूबसूरत दिख सकती हैं। पीडियाट्रिशन ने आंखों में काजल लगाने को लेकर ऐसे ही कुछ मिथकों और उनसे जुड़ी सच्चाई के बारे में बताया है।
शिशु की आंखों पर काजल लगाने से जुड़े मिथक और सच्चाई - Myths And Facts Related To Applying Kajal On Baby's Eyes in Hindi
मिथक 1: काजल लगाने से शिशु की आंखें बड़ी होती हैं!
तथ्य: कई लोगों का मानना है कि बच्चों को काजल लगाने से उनकी आंखें बड़ी होती हैं। लेकिन ये सच नहीं है, आंखों का साइज आनुवंशिक रूप से निर्धारित होता है। आंखों के अंदर सॉफ्ट और नर्वस टिशू आंखों के साइज तय करता है।
मिथक 2: बच्चे को काजल लगाने से उसे बुरी नजर नहीं लगती हैं!
तथ्य: इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि काजल बच्चों को बुरी नजर से बचाने में मदद करता है। यह एक धार्मिक मान्यता है, जिसका कोई तथ्य नहीं है।
View this post on Instagram
मिथक 3: काजल के औषधीय गुण बच्चे की आंखों के लिए फायदेमंद होते हैं!
तथ्य: कुछ पारंपरिक मान्यताएं काजल में औषधीय गुण होने का दावा करती हैं, लेकिन आधुनिक चिकित्सा इस बात का समर्थन नहीं करता है कि काजल लगाने से बच्चों की आंखों को कुछ खास लाभ मिल सकते हैं।
इसे भी पढ़े : शिशु बार-बार जीभ बाहर क्यों निकालते हैं? जाने इसके 5 कारण
मिथक 4: काजल शिशुओं के लिए सुरक्षित है!
तथ्य: शिशुओं की आंखे काफी सेंसिटिव होती हैं और कुछ काजलों में ऐसे तत्व हो सकते हैं जो उनकी आंखों में जलन और एलर्जी का कारण बन सकते हैं। ऐसे में डॉक्टर की सलाह पर ही शिशु के लिए किसी भी तरह के उत्पादों का प्रयोग करना चाहिए।
मिथक 5: काजल शिशुओं के आंखों की रोशनी बढ़ाता है!
तथ्य: इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि काजल शिशुओं के आंखों की रोशनी को बढ़ा सकता है। शिशु में आंखों की रोशनी तेज या कम होना आनुवंशिक और पर्यावरणीय कारकों पर निर्भर करता है।
अगर आप भी अपने शिशु की आंखों को बड़ा करने, रोशनी तेज करने जैसे कारणों से काजल लगाते हैं, तो एक बार अपने शिशु के डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें। बिना डॉक्टर के सलाह के अपने शिशु के ऊपर कोई भी नई सामग्री का इस्तेमाल न करें। इससे शिशु को स्किन इंफेक्शन, एलर्जी जैसी समस्या हो सकती हैं।
Image Credit : Freepik
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version