बुर्जुर्गों को अच्छी नींद में मदद करता है मेडिटेशन

उम्र बढ़ने के साथ कई तरह की समस्‍यायें होने लगती हैं, अनिद्रा की समस्‍या भी इनमें से प्रमुख है, बुजुर्ग इस समस्या से निजात पाने के लिए मेडिटेशन का सहारा ले सकते हैं।
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बुर्जुर्गों को अच्छी नींद में मदद करता है मेडिटेशन


आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में युवाओं में रात में नींद न आने की समस्‍या देखी जाती है, लेकिन बुजुर्गों में यह समस्‍या उम्र बढ़ने के साथ ही होने लगती है। इससे स्वास्थ्य पर भी बहुत बुरा असर पड़ता है। दिनभर की थकान के बाद जब रात में ठीक से नींद ना आए तो उनके लिए ये बहुत कष्टकारी हो जाता है। हालांकि इसे से दूर किया जा सकता है। आइए हम आपको बताते है कि कैसे बुजुर्ग मेडिटेशन करके अपनी सेहत का ख्याल रख सकते है।

 

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अनिद्रा की शिकायत

इन्सोमेनिया और ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्‍नीया अनिद्रा की दो श्रेणियां हैं। नींद न आना, जबरदस्ती नींद का प्रयास करना, करवटें या फिर घूम-घूमकर रात बिताने की मजबूरी इन्सोमेनिया कहलाती है। जबकि सांस लेने में रुकावट की वजह से नींद का बाधित होना, कई बार स्लीप एप्‍नीया कहलाता है। इसके शिकार लोग खर्राटे लेकर भी सो जाते हैं, लेकिन इसे बेहतर नींद नहीं कह सकते।

ध्यान है कारगर

बेहतर नींद के लिए प्राकृतिक उपचार बेहतर हो सकता है। अनिद्रा की एक वजह मस्तिष्क की एकाग्रता की कमी भी हो सकता है। इस बिंदु को ध्यान में रख कर ही मेडीटेशन को महत्व दिया जाता है। डॉक्टर्स का भी मानना है कि मेडीटेशन इस समस्‍या के उपचार में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाता है। कैंसर जैसी बीमारी के उपचार में भी मेडीटेशन के फायदे को देखा गया है।

मेडीटेशन आपके भीतर के तनाव को कम करता है जिससे आपको चैन की नींद आती है। भरपूर नींद शरीर को ऊर्जावान रखने के साथ तरोताजा भी रखता है। मेडीटेशन से उम्र भी बढ़ती है। इसका अभ्‍यास करने से चित्त शांत रहेगा, मन खुश रहेगा तो बीमारियां कम होंगी, इम्यून सिस्टम भी मजबूत रहेगा। जोड़ों के रोग से लेकर सिरदर्द, हर समय चिंता, घबराहट व नर्वस डिसऑर्डर जैसे मनोरोगों के लिए भी मे‍डीटेशन दवा का काम करता है।

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नींद की गोली से बचें

बेहतर नींद के लिए नींद की गोलियों का सहारा लेना ठीक नही है। दवा लेने का मतलब है कि हम मस्तिष्क को जबरन नींद के चरण में लाना चाहते हैं। दवा का लंबे समय तक प्रयोग मस्तिष्क की क्रियाशीलता को कम करके, याद्दाश्त कमजोर कर सकता है। दवाओं के नकारात्मक असर के कारण मुंह सूखना और भूख कम लगना आदि समस्याएं होती हैं। टॉक्सिक होने के कारण इसका इस्तेमाल रक्तचाप को भी अनियंत्रित करता है।

मेडीटेशन न केवल उम्रदराज लोगों के लिए बल्कि युवाओं के लिए भी फायदेमंद है, इसलिए सभी को सुबह के वक्‍त योग के आसनों को आजमाना चाहिए।

 

 

Courtesy@gettyimages

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