हम अक्सर अपनी बुरी आदतों से परेशान रहते हैं। आदत पर काबू पाने के लिए आपको कई उपाय आजमाने पड़ते हैं। कई बार कुछ दिनों तक उस आदत से दूर रहने के बाद एक बार फिर व्यक्ति उनका शिकार हो जाता है। लेकिन ताजा शोध में कहा गया है कि बुरी आदतों या आसक्ति पर नियंत्रण करने के लिए पुनर्सुधार उपचारों में ध्यान को शामिल करने से अच्छे परिणाम मिलने की संभावना अधिक होती है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, यह उच्चस्तरीय निष्कर्ष बताता है कि तकनीक पर आधारित उपचार, किसी व्यसन से बाहर निकलने में मदद करने के लिए एक पूरक की तरह सहायक होता है। हम इस बात का वैज्ञानिक और गणितीय तर्क भी देते हैं।
शोधकर्ताओं ने बताया कि यह निष्कर्ष एक कंप्यूटर वैज्ञानिक द्वारा पशु और मानव अध्ययन पर किए नए सर्वेक्षण में सामने आया है। मैसाचुसेट्स एम्हर्स्ट के कंप्यूटर वैज्ञानिक यरिव लेविऑफ, तंत्रिका विज्ञान शोधकर्ता जेरोल्ड मेयेर और कंप्यूटर वैज्ञानिक एंड्रयू बाटरे के सर्वेक्षण के निष्कर्षों पर आधारित यह शोध 'फ्रंटियर इन साइकोइट्री' नामक पत्रिका के नवीनतम संस्करण में प्रकाशित हुआ।
शोधकर्ता लेवी के अनुसार, "सर्वेक्षण का उद्देश्य मौजूदा पशु एवं मानव अध्ययनों का प्रयोग करके लत को बेहतर ढंग से समझने और उसके इलाज के नए तरीकों की तलाश करना है।"
शोधकर्ताओं ने इस सर्वेक्षण के संदर्भ में `एलोस्टेटिक सिद्धांत` का वर्णन भी किया। यह सिद्धांत के अनुसार जब कोई व्यक्ति नशीली दवा लेता है या प्रतिफल (रिवार्ड) सिस्टम पर जोर देता है तो वह संतुलन की अवस्था खो देता है।
Source: Brainwave Research Institute