खसरा एक वायरल बुखार है, जो आमतौर पर बच्चों को प्रभावित करता है। यह छोटे बच्चों में होने वाला एक गंभीर रोग है, जो सबसे पहले फेफड़ों को प्रभावित करता है। पिछले कुछ समय में भारत में इस रोग के मामले तेजी से बढ़े हैं। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें इस बात का खुलासा किया है कि साल 2023 में खसरा के मामले 79 प्रतिशत तक बढ़े थे। चलिए विस्तार से जानते हैं इस रिपोर्ट के बारे में।
क्या है खसरा?
खसरा (Measles) एक वायरल बुखार है, जो आमतौर पर हवा के जरिए फैलता है। बच्चे इस बुखार की चपेट में आसानी से आ जाते हैं। यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे तक लार के संपर्क में आने के जरिए भी फैल सकती है। यही नहीं कई बार छींकने खांसने से भी हवा में मौजूद कणों से यह बीमारी संक्रामक हो सकती है। इस स्थिति में खांसी, बुखार या फिर आंखों में लालिमा आने जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
पिछले साल 79 प्रतिशत मामले बढ़े
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट की मानें तो पिछले साल यानि साल 2023 में खसरे के मामले दुनियाभर में 79 प्रतिशत तक बढ़े हैं। डब्ल्यूएचओ ने मंगलवार को जारी की इस रिपोर्ट में चिंता जाहिर की है कि साल 2022 के मुकाबले 2023 में खसरे के 3 लाख 6 हजार ज्यादा मरीज सामने आए हैं। वहीं, साल 2022 में खसरे के 9.2 मिलियन मामले देखे गए थे साथ ही साथ 1, 36, 216 लोगों की मौत भी हुई थी। वहीं, साल 2021- 2022 के बीच भारत समेत दुनियाभर में खसरे से होने वाली मौत के मामले करीब 43 प्रतिशत तक बढ़े हैं। इनमें करीब 1.36 लाख मौतें हुई हैं, जिसमें अधिकांश संख्या बच्चों की थी।
इसे भी पढे़ं - WHO का दावा 2022 में भारत में नहीं लगे 11 लाख बच्चों को खसरा के टीके, स्वास्थ्य मंत्रालय ने खारिज की रिपोर्ट
खसरे से बचने के तरीके
- खसरे से बचने के लिए बच्चों की शरीर में पानी की कमी न होने दें। उन्हें जूस, पानी या फिर नारियल पानी आदि पिलाकर हाइड्रेट रखें।
- इससे बचने के लिए उन्हें खसरे से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में न आने दें।
- खसरे से बचने के लिए शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का बैलेंस रहना बेहद जरूरी होता है। इसलिए इस बात का भी विशेषतौर पर ध्यान रखें।