धीरे-धीरे पत्‍थर में बदल रहा इस व्‍यक्‍ति का शरीर, डॉक्टरों के पास नहीं इस अजीब बीमारी का इलाज

न्यूयॉर्क के जो को फाइब्रोडिस्प्लासिया ऑसिफिकन्स प्रोग्रेसिवा (FOP) नामक सिंड्रोम है, जिसे 'स्टोन मैन सिंड्रोम' भी कहा जाता है।
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धीरे-धीरे पत्‍थर में बदल रहा इस व्‍यक्‍ति का शरीर, डॉक्टरों के पास नहीं इस अजीब बीमारी का इलाज

What is Fibrodysplasia Ossificans Progressiva: कहा जाता है हमारा शरीर पांच तत्व आग, जल, पानी, हवा और मिट्टी से मिलकर बना है। शास्त्रों में भी यही लिखा है लेकिन क्या किसी का शरीर व्रज यानि पत्थर जैसा होता सकता है। महाभारत में वर्णन है कि दुर्य़ोधन का शरीर एक समय पर व्रज का हो गया था लेकिन ये हुआ उसकी मां के आशीर्वाद से यानि कहा जा सकता है ऐसा होना असंभव है मगर न्यूयार्क शहर में एक युवक का शरीर वज्र यानि पत्थर का होता जा रहा है। इस शख्स का नाम जो सूच है।  उन्‍हें फाइब्रोडिस्प्लासिया ऑसिफिकन्स प्रोग्रेसिवा (FOP) नामक सिंड्रोम है, जिसे 'स्टोन मैन सिंड्रोम'। इस बीमारी में व्यक्ति 95 फीसदी मूमेंट को खो देता है। डेली मेल यूके की रिपोर्ट्स की मानें तो जो सूच को इस रेयर सिंड्रोम के बारे में 3 साल की उम्र में पता चला था, जब उनके शरीर के विभिन्न हिस्सों में सूजन दिखी थी।

जो ने अपने ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो शेयर करते हुए बताया है, "यह बीमारी 2 मिलियन लोगों में से किसी एक में होती है। दुनियाभर में अब तक यह बीमारी सिर्फ 800 लोगों में ही पाई गई है।" अपने वीडियो में जो ने आगे बताया है कि उम्र के साथ जैसे-जैसे उनकी हड्डियां बढ़ रही, उन्हें ऐसा लगता है कि शरीर में किसी ने चाकू घुसा दिया है। आने वाले दिनों में उनकी हालात और भी बिगड़ सकती है।

खाना खाने में हो रही है परेशानी

जो सूच ने अपने पोस्ट में आगे बताया है कि पिछले 9 महीनों में उनके खाना निगलने की क्षमता कम होती जा रही है। वह अब पूरी तरह के खाने को निगल नहीं पा रहे हैं। शरीर को पर्याप्त मात्रा में भोजन न मिलने की वजह से जो सूच का न सिर्फ वजन कम हो रहा है, बल्कि उनका इलाज भी सही तरीके से नहीं हो पा रहा है। फिलहाल जो के पेट में एक ट्यूब लगाई गई है, ताकि सर्जरी हो सके। आइए जानते हैं जो सूच को होने वाला स्टोन मैन सिंड्रोम क्या है और इस बीमारी के लक्षण क्या हैं?

 
 
 
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स्‍टोन मैन सिंड्रोम क्या है? - What is Fibrodysplasia Ossificans Progressiva

स्‍टोन मैन सिंड्रोम एक जेनेटिक डिसऑर्डर है। इस रेयर बीमारी में इंसान की मांसपेशियां, हड्डियां और टेंडन धीरे-धीरे अपनी ही जगह पर जम जाते हैं। इस बीमारी में कुछ वक्त बीत जाने के बाद इंसान को ऐसा लगता है, मानो शरीर पत्थर का बनता जा रहा हो। इस बीमारी में इंसान का चलना-फिरना और अपने काम करना तक मुश्किल हो जाता है। ज्यादातर मामलों में इस बीमारी से जूझ रहे व्यक्ति को अपने पर्सनल कामों के लिए भी दूसरों की मदद लेनी पड़ती है।

स्टोनमैन सिंड्रोम के लक्षण क्या हैं? - Symptoms of Fibrodysplasia Ossificans Progressiva

नेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ रेयर डिसऑर्डर के मुताबिक, स्‍टोन मैन सिंड्रोम जैसी बीमारी से जूझ रहे इंसान में इसके लक्षणों को पहचानना न तो आसान है और न ही मुश्किल है। यदि यह सिंड्रोम परिवार के किसी व्यक्ति में है तो कोई भी अपने नवजात शिशु के पैर की उंगलियों और अंगूठे की बारीकियों को देखकर समझ सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक बचपन में पैरों की उंगलियों और अंगूठे की जांच के जरिए स्टोन मैन सिंड्रोम बीमारी का पता लगाया जा सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है कि इस बीमारी का पता अगर बचपन में लग जाए, तो इलाज संभव है, लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है इलाज असंभव हो जाता है। इस रेयर बीमारी में टिशू धीरे-धीरे पैर, कूल्हे, पीठ और अंगों तक नीचे की ओर अपना रास्ता बनाते रहते हैं।

 
 
 
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स्टोन मैन सिंड्रोम का इलाज क्या है?

यह एक जेनेटिक बीमारी है। वर्तमान में इसका कोई स्थायी इलाज संभव नहीं हैं। इस बीमारी में हड्डी को हटाने से केवल नई और अधिक दर्दनाक हेटरोटोपिक हड्डियां डेवलप होंगी। Image Credit: Instagram

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