महज 12 औंस का हमारा दिल दिन में लगभग एक लाख बार धड़कता है। पूरे जीवन में दिल अरबो लीटर खून पंप करता है। हार्ट अटैक आमतौर पर आक्सीजन की कमी के कारण होता है। चिकित्सकों के अनुसार 90 प्रतिशत हृदय रोग कोरोनरी धमनियां, जिनसे हृदय को ऊर्जा मिलती है, में सिकुड़न आने से शुरू हो जाता है। आइये हम आपको हार्ट फेल होने के प्रमुख कारणों के बारे में बताते हैं।
खून का थक्का जमने से
धमनी की दीवारों पर एक पट्टिका (प्लेक) होती है जो तनाव, सूजन आदि के कारण टूट जाती है। इसके टूटने के बाद इसके टुकड़े खून में प्रवेश करते हैं जिसके कारण खून में थक्का जमने लगता है। खून के थक्के रक्त के संचार क्रिया को प्रभावित करते हैं, खून के थक्के जमने के बाद शरीर के कुछ हिस्सों में ब्लड सर्कुलेशन नही हो पाता है जो हार्ट अटैक का कारण बनता है।
दिल की बहुत तेज धड़कन
दिल जब सामान्य गति में धड़कता है तो पूरे शरीर में रक्त का संचार अच्छे से होता है, लेकिन जब दिल के धड़कने किसी कारण बहुत तेज हो जाती है, तब उसका असर धमनियों (आर्टरीज) पर पड़ता है। इसके कारण हार्ट अटैक की स्थिति हो सकती है। इससे बचने के लिए स्मोकिंग छोड़िये और ज्यादा कैफीन का प्रयोग मत कीजिए।
मिटरल वॉल्व का आगे बढ़ना
दिल के बायें वेंट्रिकल और बायें आलिंद (आट्रिम) के बीच हार्ट मिटरल वॉल्व होती है जो कभी-कभी फूल जाती है। इसका असर रक्त के संचार पर होती है और दिल की धड़कन भी असामान्य हो जाती है। इसके कारण चक्कर आना, सीने में दर्द, सांस लेने में दिक्कत और थकान हो सकती है।
हाई ब्लड प्रेशर
मोटापा, डायबिटीज, धूम्रपान और आनुवांशिक समस्यायें ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकती हैं। ब्लड प्रेशर बढ़ने से रक्त नलिकाओं पर असर पड़ता है। सामान्य ब्लड प्रेशर 120/80 एमएमएचजी होता है। हाई ब्लड प्रेशर के कारण हार्ट अटैक हो सकता है। इससे बचने के लिए धूम्रपान छोडि़ये और खाने में पौष्टिक आहार को शामिल कीजिए।
कार्डियोमायोपैथी
कार्डियोमायोपैथी दिल से संबंधित बीमारी है, यह दिल की मांसपेशियों को कमजोर और बड़ा कर देती है। यह बीमारी होने पर रक्त संचार होने में दिक्कत होती है। यह तीन तरह की होती है - डाइलेटेड, हाइपरट्रॉपिक और रेस्ट्रिक्टिव। इसमें सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। रात को सोने में परेशानी, थकान जैसी समस्यायें शुरू हो जाती हैं।
कांजेस्टिव हार्ट फेल्योर
जब हमारे हृदय को अपनी जरूरत के हिसाब से रक्त नहीं मिलता, तो उस स्थिति को कंजेस्टिव हार्ट फैल्योर या सीएचएफ कहते हैं। इस अवस्था में दिल के आस-पास की नसों के जरिये खून का संचार सही प्रकार से नहीं हो पाता। कंजेस्टिव हार्ट फैल्योर का सबसे ज्यादा असर फेफड़ों, पैर और पेट पर पड़ता है।
धमनी में ऐंठन
आनुवांशिक कारणों या फिर ज्यादा धूम्रपान करने से धमनियों में ऐंठन होने लगती है। इसके कारण रक्त की आपूर्ति में दिक्कत होती है, रक्त का संचार बढ़ जाता है। इसके कारण सीने में दर्द और परेशानी हो सकती है। यह भी हार्ट अटैक का कारण बनता है। दिल को मजबूत बनाये रखने के लिए खाने में पौष्टिक आहारों को शामिल कीजिए, नियमित रूप से योगा और एक्सरसाइज कीजिए। तनाव और अवसाद को दूर रखिए और हमेशा सकारात्मक सोच बनाये रखिए।
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