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डायबिटीज में कैसे फायदेमंद है महुआ? जानें सेवन का तरीका और फायदे

डायबिटीज एक गंभीर समस्या है लेकिन इसको सही लाफस्टाइल और खानपान से मैनेज किया जा सकता है। यहां जानिए, डायबिटीज में महुआ के फायदे और उपयोग का तरीका।
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डायबिटीज में कैसे फायदेमंद है महुआ? जानें सेवन का तरीका और फायदे


आज के समय में भागदौड़ भरी जिंदगी, असंतुलित खानपान, मानसिक तनाव और फिजिकल एक्टिविटी की कमी के कारण डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। भारत में हर उम्र के लोगों में मधुमेह (डायबिटीज) के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर इंसुलिन का सही तरीके से उपयोग नहीं कर पाता, जिससे ब्लड में ग्लूकोज (शुगर) का लेवल असामान्य रूप से बढ़ने लगता है। यदि समय रहते इसका ध्यान न दिया जाए तो यह कई अन्य समस्याओं जैसे कि हार्ट डिजीज, किडनी की समस्याएं, नर्व डैमेज आदि का कारण बन सकती है। डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए आयुर्वेद में कई प्राकृतिक उपाय बताए गए हैं, जिनमें से एक है महुआ के फूलों का सेवन। इस लेख में नोएडा के सेक्टर-12 में स्थित, अर्चित आयुर्वेदिक क्लिनिक के डॉ. अनंत त्रिपाठी से जानिए, डायबिटीज में महुआ के फायदे और उपयोग का तरीका क्या है।

महुआ क्या है? - What is Mahua

डॉक्टर अनंत के अनुसार महुआ के फूल मधुर, शीतल और गुरु स्वभाव के होते हैं, जो शरीर को बल प्रदान करते हैं, शुक्रवर्धक होते हैं और वात-पित्त को संतुलित करने में मदद करते हैं। ये न केवल शरीर को बल और ऊर्जा प्रदान करते हैं, बल्कि वात और पित्त दोष को भी संतुलित करते हैं, जो कि डायबिटीज के पीछे प्रमुख कारण माने जाते हैं। महुआ के फूलों में मौजूद नेचुरल मिठास शरीर में ब्लड शुगर को तेजी से नहीं बढ़ाती, बल्कि धीरे-धीरे पचती है, जिससे डायबिटीज के रोगियों को राहत मिलती है। इसके अलावा ये फूल पाचन क्रिया को दुरुस्त करते हैं और शरीर को ठंडक पहुंचाते हैं। महुआ के फूलों को सुखाकर या ताजे रूप में विभिन्न घरेलू नुस्खों में प्रयोग किया जाता है। इनमें नेचुरल शुगर, विटामिन्स, खनिज तत्व और फाइबर होते हैं, जो डायबिटीज रोगियों के लिए उपयोगी हो सकते हैं।

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डायबिटीज में महुआ के फायदे

महुआ के फूल वात और पित्त दोष को कम करने वाले माने जाते हैं, जिससे डायबिटीज के मूल कारणों को संतुलित किया जा सकता है। महुआ के फूलों का नियमित सेवन शरीर की एनर्जी को बनाए रखते हुए ब्लज में ग्लूकोज की मात्रा को कंट्रोल करने में मदद करता है। यह प्राकृतिक रूप से मीठा होते हुए भी ब्लड शुगर को तेजी से नहीं बढ़ाता, जिससे यह डायबिटिक पेशेंट्स के लिए सुरक्षित माना जाता है।

Mahua Benefits In Diabetes

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  • महुआ के फूलों में नेचुरल शुगर होती है, जो धीमी गति से पचती है। इससे अचानक ब्लड शुगर नहीं बढ़ता। साथ ही, इसमें मौजूद फाइबर शुगर को स्थिर बनाए रखने में सहायक होता है।
  • मधुमेह यानी डायबिटीज से पीड़ित व्यक्तियों को अक्सर पाचन संबंधी परेशानियां होती हैं। महुआ के फूल पाचन को सुधारते हैं और कब्ज, गैस, जलन जैसी समस्याओं को कम करते हैं।
  • महुआ के फूल बलवर्धक होते हैं, जिससे थकावट और कमजोरी से राहत मिलती है, जो डायबिटीज में आम लक्षण होते हैं।
  • महुआ वात और पित्त दोनों को संतुलित करता है, जो आयुर्वेद के अनुसार डायबिटीज को मैनेज करने में मदद करता है।

महुआ का सेवन कैसे करें?

1 महुआ फूल की चाय

  • 1 चम्मच सूखे महुआ के फूल लें
  • एक कप पानी में डालकर 5–7 मिनट उबालें।
  • छानकर गुनगुना पिएं।
  • दिन में एक बार इसका सेवन किया जा सकता है।

2. महुआ का काढ़ा

  • महुआ के फूलों के साथ हल्दी, गुड़मार, नीम की पत्तियां डालकर काढ़ा बनाएं।
  • यह डायबिटीज कंट्रोस में सहायक होता है।

महुआ का उपयोग आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से फायदेमंद है, लेकिन इसका सेवन मात्रा में संतुलित होना चाहिए। गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली महिलाएं बिना परामर्श के इसका सेवन न करें और यदि आप डायबिटीज की दवाइयां ले रहे हैं, तो महुआ को अपनी डाइट में शामिल करने से पहले आयुर्वेदिक या एलोपैथिक डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

निष्कर्ष

महुआ के फूल आयुर्वेद की दृष्टि से बेहद लाभकारी हैं, विशेषकर गर्मी के मौसम में और डायबिटीज जैसे रोग में। इनके सेवन से शरीर को ठंडक मिलती है, एनर्जी मिलती है और पाचन सुधरता है। साथ ही, यह ब्लड शुगर लेवल को संतुलित रखने में मदद करता है। हालांकि, किसी भी घरेलू उपाय को अपनाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लेनी चाहिए, ताकि इसका लाभ पूरी तरह सुरक्षित रूप से लिया जा सके।

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FAQ

  • शुगर के शुरुआती लक्षण कैसे होते हैं?

    शुगर यानी डायबिटीज के शुरुआती लक्षण धीरे-धीरे दिखाई देते हैं, जिन्हें समय रहते पहचानना जरूरी होता है। इसके सामान्य लक्षणों में बार-बार पेशाब आना, ज्यादा प्यास लगना, थकान महसूस होना, अचानक वजन कम होना और घाव का देर से भरना शामिल हैं। इसके अलावा, हाथ-पैरों में झुनझुनी या सुन्नपन और त्वचा में खुजली या ड्राईनेस भी संकेत हो सकते हैं। यदि इन लक्षणों का अनुभव हो, तो तुरंत ब्लड शुगर की जांच कराना और डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी होता है।
  • डायबिटीज होने से शरीर में क्या होता है?

    डायबिटीज होने पर शरीर में ग्लूकोज (शुगर) की मात्रा असामान्य रूप से बढ़ जाती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता या उसका सही उपयोग नहीं कर पाता धीरे-धीरे यह स्थिति हार्ट, किडनी, आंखों, नसों और त्वचा पर नकारात्मक असर डालती है। घाव जल्दी नहीं भरते, इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है और नसों में सुन्नपन या जलन हो सकती है। अगर डायबिटीज को समय पर कंट्रोल न किया जाए, तो यह गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है।
  • डायबिटीज का सबसे अच्छा इलाज क्या है?

    डायबिटीज का सबसे अच्छा इलाज लाइफस्टाइल में सुधार, बैलेंस डाइट और नियमित एक्सरसाइज को माना जाता है। ब्लड शुगर को कंट्रोल रखने के लिए मीठे और प्रोसेस्ड फूड से परहेज करें और साबुत अनाज, हरी सब्जियां, प्रोटीनयुक्त भोजन को डाइट में शामिल करें। योग और प्राणायाम भी ब्लड शुगर कंट्रोल में सहायक होते हैं। साथ ही, डॉक्टर द्वारा दी गई दवाइयों का सेवन जरूरी है। समय-समय पर ब्लड शुगर की जांच और डॉक्टर से परामर्श बेहद जरूरी है।

 

 

 

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