
टेस्टोस्टेरॉन को मेल हार्मोन भी कहा जाता है, इसके स्तर के कम होने से शारीरिक विकास में बाधाएं होती हैं साथ ही व्यक्ति का स्वास्थ्य पूरी तरह प्रभावित होता है। इसलिए अगर आपको पता चल जाये कि आपके शरीर में टेस्टोस्टेरॉन का स्तर कम है तो इसका उपचार करायें। लेकिन इसके उपचार के दौरान कई तरह की स्वास्थ्य समस्यायें भी हो सकती हैं साथ ही यह कई तरीके से फायदेमंद भी है। इस लेख में विस्तार से जानिये टेस्टोस्टेरॉन संबंधी जानकारी के बारे में। 
क्यों कम होता है टेस्टोस्टेरॉन का स्तर
टेस्टोस्टेरॉन का स्तर कम होने के पीछे हमारी दिनचर्या सबसे अधिक जिम्मेदार होती है। ज्यादातर मामलों में इसकी समस्या उम्र के साथ भी जुड़ी होती है, यानी 40 साल के बाद के पुरुषों में टेस्टोस्टेरॉन का स्तर कम होने की संभावना अधिक होती है। आर्थिक दबावों और बढ़ती महंगाई के अलावा सामाजिक समस्याओं के कारण पुरुषों में टेस्टोस्टेरॉन नामक हार्मोन के स्तर में गिरावट होती है। डायबिटीज होने पर भी इस हार्मोन में कमी आती है।
टेस्टोस्टेरॉन पुरुष यौन क्षमता को बढ़ाता है और इसका संबंध यौन क्रियाकलापों, रक्त संचरण और मांसपेशियों के साथ-साथ एकाग्रता, मूड और स्मृति
से भी होता है। जब कोई पुरुष चिड़चिड़ा या गुस्सैल हो जाता है तो लोग इसे उसके काम या आयु का प्रभाव मानते हैं, पर यह टेस्टोस्टेरॉन के स्तर में
कमी से भी होता है।
उपचार के दौरान खतरे
चिकित्सकों की मानें तो टेस्टोस्टेरॉन के स्तर के कम होने के बाद जब भी मरीज इसका उपचार करना आते हैं तो यह बहुत आसान नहीं होता है। अगर टेस्टोस्टेरॉन रिप्लेसमेंट किया जाये तो इसके कारण दिल के दौरे की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है। अमेरिकन यूरोलॉजिकल एसोसिएशन की मानें तो उम्र बढ़ने के साथ ही टेस्टोस्टेरॉन का स्तर स्वाभाविक रूप से कम होने लगता है। लेकिन अगर इसका उपचार करवा रहे हैं तो कोशिश करें कि टेस्टोस्टेरॉन रिप्लेसमेंट न करवाना पड़े।

उपचार के फायदे
बेहतर जीवन यापन के लिए स्वस्थ यौन संबंध का होना बहुत जरूरी है, लेकिन अगर पुरुष का टेस्टोस्टेरॉन का स्तर कम हो जाता है तो इसके कारण इरेक्शन की संभावना बढ़ जाती है और वह अपनी महिला मित्र को संतुष्ट नहीं कर पाता। ऐसे में लो टेस्टोस्टेरॉन के उपचार के बाद यह समस्या लगभग दूर हो जाती है। अच्छी नींद आती है, तनाव नहीं रहता है, और मांसपेशियों भी मजबूत होने लगती हैं। ऐसे में लो टेस्टोस्टेरान के उपचार के लिए टेस्टोस्टेरॉन थेरेपी बहुत ही कारगर साबित हो सकती है। इसके अलावा पुरुषों को खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए, नियमित व्यायाम करना चाहिए और नियमित अंतराल पर अपने शरीर के सभी अंगों की जांच भी करानी चाहिए।
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