
पैदल चलने को सबसे अच्छा व्यायाम माना जाता है। माना जाता है कि अगर आप रोजाना 45 मिनट पैदल चलते हैं तो कई बीमारियों से बचे रह सकते हैं। लेकिन, क्या हम वाकई ऐसा कर पाते हैं। हममें से कितने लोग ऐसे हैं जो पैदल चलने की जहमत उठाते हैं। ब्रिटेन स्थित 'ब्रिसटल यूनिवर्सिटी' का ताजा शोध बताते है कि लोग पूरे दिन में महज पांच मिनट भी पैदल नहीं चलते। और इसी का नतीजा है कि कई बीमारियां उन्हें कम उम्र में ही अपना शिकार बना रही हैं।
इस शोध में कहा गया है कि आधुनिक जीवनशैली ने लोगों को काफी आरामतलब बना दिया है। लोग अब पैदल चलने से कतराने लगे हैं। इसी के कारण उन्हें कई बीमारियां होने लगी हैं। शोध में लोगों को शारीरिक सक्रियता बढ़ाने को भी कहा गया है। मोटापा, हृदय संबंधी बीमारियां और डायबिटीज जैसे रोग आधुनिक जीवनशैली की ही देन हैं।
विशेषज्ञ लगातार इस बात पर जोर देते हैं कि हमें अपने जीवन में शारीरिक सक्रियता बढ़ाने की जरूरत है। लेकिन, अक्सर हम इन सलाहों को नजरअंदाज कर देते हैं। इसी का परिणाम है कि ये बीमारियां हमारे जीवन में शामिल हो चुकी हैं। व्यायाम तो हमारी जिंदगी से लगभग गायब हो चुका है, यहां तक कि हम पैदल चलने से भी कतराने लगे हैं। इसके अलावा तैराकी, साइकिलिंग व अन्य कसरत को भी दिनचर्या का हिस्सा नहीं बनाते।
सिर्फ एक्सरसाइज से दूरी ही नहीं, बल्कि असंतुलित खान-पान भी लोगों की सेहत पर भारी पड़ रहा है। जल्दी में वे ब्रेड और जैम खाकर निकल जाते हैं लेकिन लोगों को यह समझना चाहिए कि जैम में 66% मात्रा शक्कर की होती है और महज 20 फीसदी फल मौजूद होते हैं। आजकल के बच्चे भी दूध, दही व अंकुरित दालों को खाने के स्थान पर चाउमिन, बर्गर व पिज्जा आदि खाना अधिक पसंद करते हैं। साथ ही खेलने-कूदने की बजाय कम्प्यूटर व टी. वी. के सामने समय बिताना अधिक पसंद करते हैं। जिससे कम आयु में ही उच्च रक्तचाप व मोटापे इत्यादि के शिकार बनते है तथा साथ ही हृदय संबंधी रोगों को आमंत्रित करते हैं।
इनसे निजात पाने के लिए सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि आधुनिक सुख सुविधाएं मनुष्य की गुलाम है मनुष्य इनका नहीं। इन पर निर्भरता कम करें। साथ ही शारीरिक सक्रियता बढ़ाए। शारीरिक सक्रियता बढ़ाने से आप शारीरिक व मानसिक तौर पर फिट रहेंगे। इसके लिए एक्सरसाइज करें। इससे आपकी कैलोरी भी खर्च होगी।
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