Lifestyle Changes For Uterine Fibroids: क्या आपको भी पीरियड्स के दौरान भारी और गंभीर ब्लीडिंग होती है? इस दौरान पेल्विक दर्द या दबाव, बार-बार पेशाब आना की समस्या भी परेशान करती है? तो आपको बता दें कि यह गर्भाशय में गांठ का संकेत हो सकते हैं। बच्चे दानी में गांठ या रसौली की समस्या, जिसे मेडिकल भाषा में गर्भाशय फाइब्रॉएड कहते हैं, इन दिनों महिलाओं में काफी बढ़ रही है। अगर समय रहते इसका उपचार नहीं किया जाता है, तो यह भविष्य में गर्भाशय में कैंसर का कारण भी बन सकती है। इसलिए अगर आप ऊपर दिए गए लक्षण सामान्य से अक्सर नोटिस होते हैं, तो ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। अच्छी बात यह है कि अगर आप जीवनशैली में कुछ मामूली से बदलाव कर लें, तो इससे आपको गर्भाशय फाइब्रॉइड के खतरे को कम करने और भविष्य में इससे बचाव में मदद मिल सकती है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने अशोक नगर, दिल्ली में स्थित साईं पॉलीक्लिनिक की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. विभा बंसल से बात की। इस लेख हम आपको गर्भाशय में गांठ या फाइब्रॉइड से बचाव के लिए 5 जीवनशैली टिप्स बता रहे हैं।
गर्भाशय फाइब्रॉएड (बच्चे दानी में गांठ) से बचाव के लिए जीवनशैली में करें ये बदलाव- Lifestyle Changes To Prevent Uterine Fibroids In Hindi
1. हार्मोन्स को संतुलित रखें
शरीर में हार्मोन्स का असंतुलन गर्भाशय फाइब्रॉएड में बहुत अहम भूमिका निभाता है। यह आपके मूड को प्रभावित करता है और तनाव जैसी स्थितियों का कारण बनता है।
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2. संतुलित आहार लें
स्वस्थ संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेना संपर्ण स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। इसलिए ऐसी डाइट फॉलो करें, जिसमें प्रोटीन, कार्ब्स और फैट के साथ सभी जरूरी पोषक तत्व मौजूद हों।
3. एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फूड्स खाएं
इन फूड्स का सेवन करने से शरीर में मौजूद फ्री-रेडिकल्स या हानिकारक कणों को बेअसर करने में मदद करती है, जो संभावित रूप से फाइब्रॉएड के विकास में योगदान दे सकते हैं। इसलिए कोशिश करें कि आप अपनी डाइट में नट्स, जामुन, खट्टे फल और हरी पत्तेदार सब्जियां जरूर शामिल करें।
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4. शराब न पिएं
शराब पीने से हार्मोन्स का संतुलन बिगड़ता है। यह लिवर फंक्शन को भी प्रभावित करता है। यह भविष्य में फाइब्रॉएड के खतरे को बढ़ाता है।
5. नियमित एक्सरसाइज करें
एक्सरसाइज करने से शरीर को कई लाभ मिलते हैं। यह तनाव के प्रबंधन में मदद करता है और हार्मोन्स को भी संतुलन रखता है। इससे फाइब्रॉएड की रोकथाम में भी मदद मिलती है।
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6. समय-समय पर चेकअप कराएं
समय-समय पर यह बहुत जरूरी है कि आप अपने शारीरिक स्वास्थ्य की जांच कराएं। इससे समय रहते फाइब्रॉएड के साथ ही अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का पता लगाने में भी मदद मिलती है।
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