यदि आपका लाडला पढ़ाई के ज्यादा बोझ होने के कारण भरपूर नींद नहीं ले पाता तो यह खबर आपके लिए है। अधिकतर लोग मोटापे की वजह खान-पान की गलत आदत और शारीरिक श्रम की कमी को मानते हैं। जबकि हकीकत यह है कि मोटापे के और भी कुछ कारण हैं। हाल ही में हुए एक शोध की मानें तो किशोरों में मोटापे की समस्या के लिए नींद की कमी भी जिम्मेदार है।
न्यूजीलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ ओटागो के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन के बाद कहा कि नींद की कमी के कारण किशोरों को मोटापे का खतरा बढ़ जाता है। शोध से यह भी साफ हुआ कि किशोरियों के मामले में ऐसा नहीं है। यदि कोई किशोरी कम नींद ले पाती है तो उसे इस कारण मोटापे की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
शोध के दौरान 15 से 18 वर्ष की आयु के 386 लड़कों और 299 लड़कियों के नींद के रुटीन और लंबाई, वजन और मोटापे के आधार पर अध्ययन किया गया। शोध में पाया गया कि 69.5 किलो के वजन वाला 16 वर्षीय सामान्य बालक जो प्रतिदिन आठ घंटे सोता है, उसका वजन दस घंटे सोने वाले बालक की अपेक्षा नौ फीसदी अधिक था।
शोधकर्ता पॉला स्किडमोर के अनुसार, शोध के आधार पर यह मानना जरूरी है कि फिट रहने के लिए कितनी नींद जरूरी है। यही वजह है कि किशोरों के लिए भरपूर नींद बहुत अधिक जरूरी है। हालांकि किशोरियों पर यह तथ्य लागू नहीं होता। यानी किशोरियों की फिटनेस का पैमाना नींद न होकर डाइट और एक्सरसाइज को कहा जा सकता है।
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