कुलेखरा साग के फायदे: हमारे आस-पास प्रकृति की दी हुई इतनी चीजें हैं जिनका सेवन हमें कई बीमारियों से बचा सकता है। जैसे कि अगर हम अपनी डाइट में ही कुछ चीजों को शामिल कर लें तो लाइफस्टाइल से जुड़ी कुछ बीमारियां कम हो जाएंगी। बात करें कुलेखरा साग की तो इसे मल्टीविटामिन का खान माना जाता है जिसका सेवन आपको कई बीमारियों से बचा सकता है। कुलखेरा साग की खास बात यह है कि इसमें वे तमाम पोषक तत्व हैं जो कि हेल्दी रहने और मोटापा व डायबिटीज जैसी बीमारियों से बचाव के लिए जरूरी है। इसके अलावा भी इसके कई फायदे हैं, जानते हैं इस बारे में Suparna Mukherjee, Clinical Nutrition & Dietetics, Narayana Health City, Bengaluru से।
कुलेखरा साग के क्या फायदे हैं-Benefits of Kulekhara Saag
Suparna Mukherjee बताती हैं कि कुलेखरा साग, जिसे कोकिलाक्ष के नाम से भी जाना जाता है, एक अत्यधिक मूल्यवान औषधीय पौधा है, विशेष रूप से आयुर्वेद में, और यह भारत का मूल निवासी है। इसे अक्सर हरी पत्तेदार सब्जी के रूप में खाया जाता है। इसे खाने के कई फायदे हैं जैसे कि
-सबसे पहले तो इस साग को खाने से आपको एनीमिया से बचाव में मदद मिलेगी। ये हीमोग्लोबिन बढ़ाता है और कमजोरी जैसे लक्षणों को कम करता है। दरअसल, कुलेखरा के पत्ते आयरन और विटामिन सी से भरपूर होते हैं, जो आयरन के अवशोषण, परिसंचरण और समग्र हीमोग्लोबिन के स्तर को बेहतर बनाने के लिए मिलकर काम करते हैं। यह लाल रक्त कोशिकाओं और श्वेत रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में मदद करता है।
-कुलेखरा साग विटामिन ए और सी, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और पोटेशियम का एक उत्कृष्ट स्रोत है और इन सबके शरीर में अलग-अलग फायदे हैं। जैसे कि विटामिन ए दृष्टि और प्रतिरक्षा कार्य को बढ़ावा देता है। तो विटामिन सी त्वचा के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है।
-इतना ही नहीं कुलेखरा साग कैल्शियम से भी भरपूर है जो कि हड्डियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।
-साथ ही इसमें मैग्नीशियम और पोटेशियम है जो कि हृदय स्वास्थ्य और मांसपेशियों के कार्य में योगदान करते हैं।
-इसका फाइबर आंतों की गति को तेज करके वजन घटाने में मदद करता है।
-कुलेखरा में सूजनरोधी यौगिक होते हैं जो गठिया, मांसपेशियों में दर्द और शरीर में सामान्य सूजन जैसी स्थितियों के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं।
-कुलेखरा में प्रचुर एंटीऑक्सीडेंट सामग्री ऑक्सीडेटिव तनाव का मुकाबला करती है, पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम करती है और समग्र स्वास्थ्य का समर्थन करती है।
-उच्च फाइबर सामग्री स्वस्थ पाचन को बढ़ावा देती है, कब्ज को रोकने में मदद करती है और पोषक तत्वों के अवशोषण में सहायता करती है। इसका पारंपरिक रूप से दस्त और पेचिश के इलाज के लिए भी उपयोग किया जाता रहा है।
-इसमें मौजूद विटामिन और खनिज प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं, जिससे शरीर को संक्रमणों से लड़ने में मदद मिलती है। इस वजह से यह इम्यूनिटी बूस्टर भी है।
-कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि कुलेखरा के पत्तों का अर्क ब्लड शुगर के स्तर को कम करने और इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने में मदद कर सकता है, जिससे यह डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद हो जाता है। इसके अलावा इसके बाकी पोषक तत्व भी डायबिटीज में कई समस्याओं से बचाने में मदद कर सकते हैं।
-जिन लोगों को फैटी लिवर की समस्या है उनके लिए भी कुलेखरा साग बेहद फायदेमंद है। यह टॉक्सिन्स को साफ करने के साथ, फैट की मात्रा में कमी लाता है। इससे फैटी लिवर की समस्या में कमी आती है।
-यह मूत्र उत्पादन को बढ़ावा देता है, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और गुर्दे के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है।
-कुलेखरा एनाल्जेसिक भी है जो सिरदर्द, मासिक धर्म में ऐंठन और मांसपेशियों में दर्द सहित विभिन्न प्रकार के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है।
-यह मूत्र उत्पादन को बढ़ावा देता है, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और गुर्दे के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है।
कुलेखरा साग कैसे खाएं-How to have Kulekhara Saag
कुलेखरा साग का सेवन कई तरीकों से किया जा सकता है, जैसे कि पालक या अन्य पत्तेदार सब्जियों की तरह, यह भी इसका सेवन करने का एक लोकप्रिय तरीका है। इसे साधारण स्टर-फ्राई के रूप में तैयार किया जा सकता है या ग्रेवी में मिलाया जा सकता है। कुलेखरा के पत्तों को पानी में मिलाकर छान लें और एक ताजा और गुणकारी जूस बना लें। इसका सेवन रोजाना किया जा सकता है। कुछ सुझाव देते हैं कि 15-20 मिलीलीटर अर्क को गर्म पानी और एक चम्मच शहद के साथ मिलाकर, 2-3 हफ़्तों तक दिन में दो बार लें।
इसके अलावा हर्बल चाय बनाने के लिए पत्तों को गर्म पानी में भिगोएं। यह विभिन्न आयुर्वेदिक मिश्रणों में भी उपलब्ध है, जैसे कुलेरॉन, जो विशेष रूप से आयरन की कमी को दूर करने के लिए डिजाइन किया गया है।
कुलेखरा साग खाने से किसे बचना चाहिए-Who should avoid Kulekhara Saag
हालांकि, इसे आम तौर पर सुरक्षित और फायदेमंद माना जाता है, कुछ लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए या कुलेखरा साग से बचना चाहिए। जिन लोगों को कुलेखरा (हाइग्रोफिला जीनस) के समान परिवार के पौधों से एलर्जी है, उन्हें इससे बचना चाहिए। गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को गर्भावस्था या स्तनपान के दौरान किसी भी नए हर्बल सप्लीमेंट या औषधीय पौधे का सेवन करने से पहले हमेशा किसी स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से सलाह लेनी चाहिए।
इसे भी पढ़ें: कुलेखरा की पत्तियों का जूस पीने से सेहत को मिलते हैं ये 5 फायदे, जानें बनाने का तरीका
इसके अलावा आपको कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या है या आप दवा ले रहे हैं, तो कुलेखरा साग को अपने आहार में शामिल करने से पहले अपने डॉक्टर से बात कर लें। क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी) से पीड़ित रोगियों के लिए, पोटेशियम, आयरन और विटामिन सी की प्रचुर मात्रा के कारण कुलेखरा सुरक्षित नहीं हो सकता है। ऐसे मामलों में हमेशा किसी नेफ्रोलॉजिस्ट से परामर्श लें। किसी भी अन्य पदार्थ की तरह, इसके अत्यधिक सेवन से मतली, उल्टी या दस्त जैसे दुष्प्रभाव हो सकते हैं। अनुशंसित या मध्यम मात्रा में सेवन करें।
FAQ
प्रेगनेंसी में कौन सा साग खाना चाहिए?
गर्भावस्था के दौरान हरी पत्तेदार सब्जियां खाना बहुत फायदेमंद माना जाता है। जैसे पालक, मेथी, सरसों का साग, और बथुआ। इनमें वे तमाम प्रकार के पोषक तत्व होते हैं जो मां और शिशु दोनों की सेहत के लिए फायदेमंद माने जाते हैं।साग कब नहीं खाना चाहिए?
बरसात के दिनों में साग खाने से बचना चाहिए। इनमें कीड़े और फंगस होने का खतरा होता है जिससे आपको एलर्जी हो सकती है। इसके अलावा अगर आपको समस्या है तब भी साग के सेवन से बचना चाहिए।रात में साग क्यों नहीं खाना चाहिए?
रात में साग इसलिए नहीं खाना चाहिए क्योंकि साग गर्म होता है और पचाने के लिए थोड़ा समय चाहिए होता है। जब आप रात में साग खाते हैं तो यह धीमे-धीमे पचता है जिससे सोने के बाद एसिडिटी और बदहजमी की समस्या हो सकती है।