यदि आपने कोई हॉरर फिल्म देखी है, तो आप अच्छे से समझते होंगे कि रोंगटे खड़े हो जाने का क्या मतलब है। रोंगटे खड़े हो जाना या गूजबम्पस (Goosebumps)होना आमतौर पर एक बड़ी बात नहीं हैं। लेकिन कभी-कभी यह किसी बीमारी के कारण भी हो सकता है, जिसके लिए आपको उपचार की आवश्यकता पड़ सकती है। आमतौर पर गूजबम्पस दिखने का कारण आपके शरीर पर हर बाल की जड़ को घेरने वाली छोटी मांसपेशी का खड़ा होना है। इन्हीं मांसपेशियों में जब कसाव होता है, तो आपकी त्वचा के सारे बाल खड़े हो जाते हैं। इसके अलावा विज्ञान की मानें तो एड्रेनालाईन नामक स्ट्रेस हार्मोन के अवचेतन रिलीज के कारण गूजबम्पस होते हैं। इस हार्मोन का उत्पादन किडनी के ऊपर के दो छोटे बिनलाइन ग्लेंड्स में होता है। इस हार्मोन के रिलीज से न केवल त्वचा की मांसपेशियों के संकुचन पैदा होती है, बल्कि अन्य शारीरिक कार्यों को भी प्रभावित करती है। मनुष्यों में, एड्रेनालाईन तब रिलीज होता है जब हम ठंड, डर, भावनात्मक या तनाव महसूस करते हैं। सिर्फ तनाव ही नहीं, एड्रेनालाईन रिलीज होने के कारण भी आंखों से आँसू, पसीने से तर हथेलियाँ, दिल का तेज धकड़ना, अस्थिर हाथ, रक्तचाप में वृद्धि और पेट में तितलियों जैसी भावना पैदा होती है। इसी तरह रोंगटे खड़े होने के अन्य कारण भी है। आइए हम आपको बताते हैं गूजबम्पस (Goosebumps) निकलने के 4 कारण-
सर्दी लगने से
यदि आपको बहुत अधिक ठंड लगती है, तो आपका मस्तिष्क आपके शरीर को सचेत करता है कि उसे गर्म होने के लिए कदम उठाने चाहिए। गूजबम्पस उन संकेतों में से एक है। वे आपकी त्वचा में गर्म हवा को फैलने से रोकते हैं, जिसके कारण आपको अपने ही शरीर की गर्मी भी नहीं मिल पाती। यदि आपके पास ठंड के कारण गोज़बंप्स हैं, तो अन्य संकेत शामिल हो सकते हैं: बुख़ार, अपने आप को गले लगाने का आग्रह और पीली त्वचा। गुजबम्पस के साथ ही अगर आप अचानक से उनींदापन या चक्कर जैसा कुछ महसूस कर रहे हैं, तो आपको हाइपोथर्मिया हो सकता है। ऐसी में आपके शरीर का तापमान इतना कम जाता है कि आपको उपचार की जरूरत पड़ जाती है।
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स्ट्रोंग फीलिंग्स के कारण
जब आपको डर, खौफ या यौन इच्छा जैसी तीव्र अनुभूति होती है, तो आपका शरीर हार्मोन जारी करता है, जो आपकी त्वचा के नीचे की छोटी मांसपेशियों को कसता है और आपके बाल खड़े होते हैं। चूँकि इंसानों के शरीर के बाल ज्यादा नहीं होते हैं, इसलिए ऐसे में अक्सर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। इन भावनाओं के कारण अक्सर लोगो को ठंड लगने लगती है, दिल का धड़कने और सांस तेज हो जाती है। कुछ लोगों की तो आंखें भर आती हैं।
फोलिक्लस बॉल्क होने के कारण
हमारी त्वचा में केराटिन होता है, जो त्वचा को संक्रमण से बचाने में मदद करता है। कभी-कभार यही केराटिन आपकी त्वचा के रोम छिद्रों यानी की बालों के फोलिक्लस को बॉल्क कर देती है। जिसके कारण आपको गूजबम्पस महसूस होता है। इस कारण होने वाले गूजबम्पस अक्सर आपके गाल, ऊपरी बांह, और जांघों पर निकल आते हैं। इसे ठीक करने के लिए क्रीम जिसमें लैक्टिक एसिड, सैलिसिलिक एसिड या अल्फा-हाइड्रॉक्सी एसिड हो उसका इस्तेमाल करना चाहिए। अगर ये न हो तो नारियल का तेल भी लगा सकते हैं।
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अचानक से हुई चीजों के कारण
अगर आप कुछ कर रहे हैं और आपको कोई अचानक से आकर डरा दे या कोई खुशी की बात बता दे, तो अक्सर गूजबम्पस निकल आते हैं। क्योंकि जब भी आपको कुछ नया मालूम होता है, तो आपका ब्रेन उसे तुरंत समझ नहीं पाता। इसी वक्त में आप थोड़ा सा विचलित हो जाते हैं, जिसके कारण गूजबम्पस निकलते हैं। इस कारण गूजबम्पस होने पर आप कुछ देर के लिए उलझन महसूस कर सकते हैं, आपको लग सकता है कि मानों आप कहीं और हैं, आसमान को देखते हैं, अपने होठों को चबाते हैं और कुछ देर अकेला रहना चाहते हैं।
Written by Pallavi Kumari
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