विंटर्स में कोई भी इंफेक्शन बड़ी तेजी से फैलता है। इसके लिए जरूरी है कि आप कपड़े से लेकर हाथ धोने तक हर छोटी बड़ी चीज को ख्याल रखें। सर्दी-जुकाम, निमोनिया और वायरल फीवर ऐसे ही छोटे-बड़े इंफेक्शन के कारण फैलता है। इसलिए जरूरी है कि आप ज्यादा से ज्यादा सफाई से रहें। साफ-सफाई की बात करें तो तो हाथ धोना इसका छोटा ही सही पर एक अहम हिस्सा है। भारत सरकार और डब्लूएचओ भी लगातार इसके लिए कई मुहिम चलाती रही है। साइंस के अनुसार सिर्फ हाथ धो कर आप ज्यादा से ज्यादा बीमारियों को खुद से दूर रख सकते हैं। पर कभी आपने सोचा है कि हाथ धोना किससे ज्यादा सही है, साबुन से या हैंड सैनिटाइजर से? आइए आज हम आपको इसके बारे में बताते हैं।
सैनिटाइजर में मिला अल्कोहल नुकसानदेह हो सकता है-
पानी के साथ अपने हाथों को गीला करके, सभी सतहों को साबुन से लगभग 20 सेकंड के लिए सख्ती से रगड़ें कर धोना एक बेहतर तरीका है। पर क्या सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने के नुकासान हैं! नहीं ऐसा नहीं है पर साबुन से हाथ धोना सैनिटाइजर के इस्तेमाल से बेहतर विकल्प है। दरअसल हैंड सैनिटाइज़र के एक लाख अलग-अलग प्रकार हैं: जैल, फोम, अल्कोहल मिश्रित, ऑल-नेचुरल और परफ्यूम इत्यादि। इन दिनों में अधिकांश लोकप्रिय ब्रांड्स में 70% अल्कोहल हैं, जो हाथ के बैक्टीरिया को भगाने के लिए इतना सही नहीं है। वहीं जब एक साबुन की बात आती है तो एलोवेरा जैसी प्राकृतिक सक्रिय सामग्री के सल्फर का इस्तेमाल अल्कोहल के इस्तेमाल से बेहतर कहलाता है।
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साबुन से 90 प्रतिशत तक कीटाणु कम हो जाते हैं-
सैनिटाइजर में खूशबू होती है पर ये लंबे समय के लिए बैक्टीरिया पर प्रभावी रूप से काम नहीं कर पाता है। वहीं साबुन को पूरे 20 सेंकड तक हाथों पर लगाकर रखा जाए तो ये लगभग 90% कीटाणुओं को कम करता है और यह बीमारी को रोकने के लिए पर्याप्त है। वास्तव में मायने ये रखता है कि आप किस ब्रांड के हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करते हैं और उसमें अल्कोहल की मात्रा कितनी है। ध्यान रखें कि उस सैनिटाइजर का इस्तेमाल बिलकुल न करें, जिसमें अल्कोहल की मात्रा 60% तक हो।
पेट के कीड़े और बैक्टीरिया को मारने में असफल है सैनिटाइजर-
हैंड सैनिटाइज़र बहुत प्रभावी है, लेकिन अल्कोहल-आधारित सैनिटाइजर सब कुछ नहीं मारते हैं। जैसे कि अत्यधिक संक्रामक पेट के कीड़े जैसे नॉरोवायरस, फूड पॉइजनिंग फैलाने वाले बैक्टीरियो और डायरिया पैदा करने वाले बैक्टीरिया जैसे क्लोस्ट्रीडियम डिफिसाइल सैनिटाइजर के इस्तेमाल से नहीं मर पाते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप हैंड सैनिटाइज़र की जगह साबुन और पानी से हाथ धोएं। टॉयलेट से आने के बाद के कुछ खतरनाक बैक्टीरिया जो आपके हाथों में आ जाते हैं, उनके लिए जरूरी है कि हाथों को अच्छे से साफ किया जाए। आमतौर पर लोग ठंड और फ्लू के वायरस के बारे में अधिक चिंतित होते हैं, और वे अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करते हैं लेकिन अगर आपके हाथ में गंदगी या चिपचिपा सा सामान कुछ महसूस होता है, तो सैनिटाइज़र शायद इसे आपके हाथों से हटा पाएगा।
गुड बैक्टीरिया के लिए नुकसानदेह है सैनिटाइजर-
आपने सुना होगा कि आपको हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि यह आपके हाथों पर सभी अच्छे बैक्टीरिया को मारता है, जो आपके स्वास्थ्य के लिए बुरा हो सकता है। तो ये बात पूरी तरह से सही है क्योंकि ये आपके गुड बैक्टीरिया को भी मारते हैं। दरअसल जब आप खाने से पहले सैनिटाइजर से हाथ धोते हैं तो आपके हाथों से कुछ अच्छे बैक्टीरिया भी धूल जाते हैं। इसके साथ ही हाथ अगर यहां-वहां पड़ता है, तो आपके हाथों में कई प्रकार के माइक्रोब्स आकर चिपक जाते हैं। इन माइक्रोब्स को मारने के लिए साबुन का चेन रिएक्शन बहुत कामयाब होता है। इसलिए भी साबुन से अपने हाथों को अच्छे से धोना सैनिटाइजर के मुकाबले एक अच्छा विकल्प है।
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हाथ सूखाने के लिए 15 से 20 सेकेंड का समय लें-
हाथ धोना ही सिर्फ काफी नहीं है, बल्कि ये भी जरूरी है कि हाथ धोने के बाद आप करते क्या हैं। जब कभी आप अपने हाथ धोएं कोशिश करें कि इसके बाद लगभग 20 सेकेंड तक पहले अपने हाथों को किसी सूखे कपड़े में पोंछें। ऐसा करने से धोने के बाद आपके हाथों में लगे पानी के कण या हानिकारक माइक्रोब्स कपड़े से पोंछने से पूरी तरह से खत्म हो जाते हैं। रोगाणु हर जगह होते हैं और रोजाना के काम के दौरान ये आपके हाथों से लगते रहते हैं। लेकिन आप उन कीटाणुओं से बचने की कोशिश करना चाहते हैं क्योंकि ये आपको बीमार कर सकते हैं। चाहे आपका बाथरूम हो, मेट्रो रेलिंग हो, भोजन, आपके कंप्यूटर कीबोर्ड हो, हर दिन इन सभी चीजों से आपके हाथों में लाखों बैक्टीरिया और वायरस लग जाते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप हर काम को करने के बाद और खासकर कुछ खाने से पहले अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्छे तरीके से धो लें।
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