किस उम्र में आपका जिम जाना है सही, जानें

रेंगना, चलना, साइकिलिंग और दौड़ना सभी जिमिंग एक्‍सरसाइज़ हैं, जिसमें मांसपेशियां पूरी ताकत लगाती है। तो आइए जानते हैं जानते हैं जिम जाने की ए, बी, सी, डी।
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किस उम्र में आपका जिम जाना है सही, जानें


जिम जाने को लेकर लोगों की अलग-अलग धारणाएं बनी हुई हैं। जबकि सही मायने में व्‍यायाम शरीर के अंगों की प्राकृतिक गतिविधि है। अगर हम एक बच्‍चे की बात करें तो वह जन्‍म से ही लेटे हुए अपनी भुजाओं और टांगों को हिलाता रहता है। लेकिन अगर कोई वयस्‍क व्‍यक्ति या युवा करे तो वह निश्चित रूप से जल्‍दी ही थक जाएगा। रेंगना, चलना, साइकिलिंग और दौड़ना सभी जिमिंग एक्‍सरसाइज़ हैं, जिसमें मांसपेशियां पूरी ताकत लगाती है। तो आइए जानते हैं जानते हैं जिम जाने की ए, बी, सी, डी।

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एक्‍सपर्ट की राय

एक्‍सपर्ट का मानना है कि अगर बच्चों के दौड़ने, चलने, तैरने, साइकिलिंग करने की कोई उम्र नही है तो फिर जिम जाने की आयु-सीमा क्यों है। अगर आप जिम एक्सरसाइज़ की मूवमेंट्स की और देखे तो आप आसानी से निरीक्षण कर सकते है की वह सभी गतिविधियाँ साधारण और प्राकृतिक है। मूवमेंट्स जैसे कि पुश-अप, चिन-अप्स, फ्रंट प्रैस, बारबेल कर्ल आदि बायो मेकैनिकल मूवमेंट्स है, जहाँ मांसपेशियां पेशी समूह के बायोलॉजिकल मूवमेंट्स के साथ जोर लगती है।

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यह मांसपेशियों कि मजबूती, जोड़ो पर कम दबाव का काम करती है जबकि कुछ खेल जैसे कि कुश्ती, कबड्डी, बॉक्सिंग और सभी बॉल और रैकेट गेम्स को अगर हाई इंटेंसिटी से खेल जाए तो चोट लगने कि संभावना होती है। इन खेलों में यह निश्चित नही कि अगली मूवमेंट क्या होगी और कौन सी मसल, जोड़ पर दबाव पड़ेगा। इसके लिए शरीर कि निश्चित असाधारण गतिविधियों जैसे रोटेशन, रोइंग, सरकमडक्‍शन, डॉरसीफ्लेक्‍शन आदि करने पड़ते है। इनसे अवांछित मोच और दर्द हो सकते है। जबकि जिम एक्सरसाइज़ मूवमेंट्स बहुत साधारण बल लगाने वाली होती है और मांसपेशियों के फैलाव में मदद करती है।

 

इस उम्र से शुरू करें जिम

अक्‍सर यह सलाह दी जाती है कि 14 वर्ष कि आयु ही जिम जाने कि उचित आयु है जब जिम के द्वारा मिलने वाले लाभ बिना समस्या के प्राप्त हो सकते है। इस आयु में स्त्री और पुरुष में नेचुरल हार्मोन का फ्लो बढ़ जाता है और जिम एक्सरसाइज़ से प्राप्त प्राकृतिक विकास स्त्री और पुरुष दोनों के लिए लाभदायी होता है। हालांकि इस बात का ध्यान रहे कि बच्चे मानसिक रूप से स्वस्थ हो और उन्हें किसी योग्य, मान्यता प्राप्त और प्रेरित ट्रेनर के अंतर्गत ही ट्रेनिंग दी जाए। जिससे उन्‍हें किसी तरह की समस्‍या न हो।

 

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Image Source: Getty

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