शिंगल्स बुजुर्ग लोगों और कमजोर इम्यूनिटी सिस्टम वाले लोगों में तनाव, चोट, कुछ दवाओं के रिऐक्शन या अन्य कारणों से होता है। नर्व रुट्स में छिपे वैरिसेला-जोस्टर वायरस के फिर से सक्रिय हो जाने की वजह से होता है। वैरिसेला जोस्टर एक प्रकार का हर्पिस वायरस है, जिससे चिकेनपॉक्स होता है। अक्सर ऐसा होता है कि चिकेनपॉक्स के बाद शरीर में ये वायरस नर्व रुट्स में छिपे रह जाते हैं। कुछ लोगों में यह दोबारा सक्रिय हो जाते हैं और शिंगल्स रोग पैदा करते हैं। शिंगल्स का सबसे सामान्य लक्षण शरीर के एक ओर के हिस्से में दर्द और छाले होना। ये काफी दर्दभरा होता है।
शिंगल्स से बचाव के लिए सबसे पहला विकल्प है शिंगल्स वैक्सीन। हो सकता है कि आपने शिंगल्स वैक्सीन के बारे में कहीं पढ़ा हो या फिर दोस्तों को बात करते हुए सुना हो। अगर आप 60 वर्ष से अधिक हैं, तो शिंगल्स वैक्सीन आपको शिंगल्स से बचा सकता है। अगर आपको पहले कभी शिंगल्स हो चुके हैं, तो इस वैक्सीन की वजह से आपको फिर से कभी शिंगल्स नहीं होंगे।
क्या करता है शिंगल्स वैक्सीन?
शिंगल्स वैक्सीन ज़ोटेवैक्स चिकनपॉक्स के वायरस को कमजोर करता है। ये वैक्सीन आपके इम्यून सिस्टम को वैरिसेला-जोस्टर वायरस से लड़ने के लिए तैयार करता है। वैज्ञानिक स्टडीज़ में, शिंगल्स वैक्सीन शिंगल्स होने के खतरे को 50 प्रतिशत तक कम कर देता है। खोज बताती हैं कि शिंगल्स वैक्सीन शिंगल्स के दौरान होने वाले नर्व पेन पोस्ट हर्पेटिक न्यूरेल्जिया के समय को कम करने में भी मदद करता है। ये बहुत दर्दभरा होता है, और आमतौर पर 30 दिन तक रहता है।
शिंगल्स वैक्सीन प्रतिरक्षण के दौरान शिंगल्स होने से बचाता है। लेकिन, क्योंकि शिंगल्स का वायरस संक्रामक होता है, इसलिए शिंगल्स वैक्सीन वायरस के फैलने को रोकने के लिए भी काम करता है। बिल्कुल उसी तरह जैसे बचपन में खसरा और चेचक का प्रतिरक्षण करता है।
अगर शिंगल्स से ग्रस्त कोई व्यक्ति इसका वायरस फैलाता है, और ऐसे व्यक्ति तक इसका वायरस पहुंचता है जिसे कभी चिकनपॉक्स नहीं हुए हो, तो उस व्यक्ति को चिकनपॉक्स ही होगा। शिंगल्स नहीं।
कौन लगवाए शिंगल्स का वैक्सीन
ऐसे लोग जिनकी उम्र 50 या इससे अधिक हो, ऐसे लोग जिनका इम्यून सिस्टम ठीक से काम न करता हो, ऐसे लोग जो प्रतिरक्षादमनकारी दवाएं लेते हों, को आमतौर पर शिंगल्स होता है। शिंगल्स वैक्सीन 50 या उससे अधिक उम्र वालों के लिए अनुमत है। सीडीसी 60 या उससे अधिक उम्र के लोगों को शिंगल्स वैक्सीन की सलाह देता है। उन लोगों को भी शिंगल्स वैक्सीन लगवाना चाहिए जिन्हें शिंगल्स हो चुका है।
कौन न लगवाए शिंगल्स का वैक्सीन
सीडीएस के अनुसार, निम्न समस्या होने पर शिंगल्स वैक्सीन न लें:
1)जिलेटिन, ऐंटीबायोटिक नीओमिसिन या शिंगल्स वैक्सीन के किसी तत्व से खतरनाक ऐलर्जी रिऐक्शन। अपने डॉक्टर को बताएं कि आपको बहुत सारी ऐलर्जी हैं।
2)एचआईवी/एड्स या कोई ऐसी बिमारी जो इम्यून सिस्टम को प्रभावित करती है।
3)कैंसर ट्रीटमेंट, जैसे कि रेडिएशन या कीमोथैरेपी।
4)ट्यूबरक्लोसिस, जिसका इलाज न हुआ हो।
5)गर्भावस्था के दौरान शिंगल्स वैक्सीन नहीं लगवाना चाहिए। या शिंगल्स वैक्सीन लगवाने के बाद कम से कम तीन महीने तक गर्भधारण नहीं करना चाहिए।
साइड इफेक्ट्स
फ्लू वैक्सीन की ही तरह, शिंगल्स वैक्सीन बाजु में ऊपर की ओर दी जाती है। इसके साइड इफैक्ट्स में, लाली, हल्का दर्द, सूजन या इंजेक्शन की जगह पर खुजली होना हो सकते हैं। किसी किसी को सर दर्द भी हो सकता है। लेकिन ऐसा बहुत कम मामलों में होता है।
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