
आयुर्वेद में आजकल हर बीमारी का इलाज संभव है। इसका इलाज तरह-तरह की जड़ी बूटियों और आसव के माध्यम से किया जाता है। आज हम बात करेंगे अश्वगंधा की। अश्वगंधा के फायदे और नुकसान क्या है? अगर हमें इसका पता पहले से ही हो जाए तो इसके सेवन में आसानी होती है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि अश्वगंधा क्या हैं और इसके फायदे और नुकसान क्या हैं? इसके लिए हमने गाजियाबाद स्वर्ण जयंती के आयुर्वेदाचार्य डॉ. राहुल चतुर्वेदी से भी बात की है। पढ़ते हैं आगे...
अश्वगंधा क्या है?
अश्वगंधा, अश्व और गंधा से मिलकर बना है। अश्व यानि घोड़ा और गंधा यानि ताकत अर्थात घोड़े जैसी ताकत। मतलब साफ है जो इसका सेवन करता है उसे इंस्टेंट एनर्जी मिलती है।
कैसे करते हैं अश्वगंधा का सेवन
आजकल मार्केट में अश्वगंधा पाउडर या उसकी जड़ों के रूप में मौजूद है। आप इसे रात को 10 मिनट के लिए पानी में उबालें और अश्वगंधा की चाय बनाकर सेवन करें। चाय बनाने के दौरान आप अश्वगंधा का प्रयोग एक चम्मच से ज्यादा ना करें। इसके अलावा आप सोने से पहले भी गर्म दूध के साथ अश्वगंधा पाउडर का सेवन कर सकते हैं। अगर आप अश्वगंधा की चाय बनाना चाहते हैं तो अश्वगंधा पाउडर एक चम्मच में ले और उसे 3 कप पानी में उबालें। अब 15 मिनट तक उबलने दें अब इसे छानें और थोड़ा सा ठंडा करके पी जाएं।
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अश्वगंधा की तासीर
ध्यान दें कि अश्वगंधा शरीर में गर्मी पैदा करता है। ऐसे में इसे अन्य चीजों के साथ मिला कर लेना चाहिए, जिससे शरीर का तापमान सामान्य रहे।
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अश्वगंधा के फायदे
थायराइड के मरीजों के लिए
बता दें कि अश्वगंधा के प्रयोग से थायराइड ग्रंथि की उत्तेजना होती है। इसलिए ये इस समस्या को दूर करने में कारगर है।
मांसपेशियों के लिए
अगर अश्वगंधा का इस्तेमाल नियमित रूप से किया जाए तो निचले अंगों की मांसपेशियों की शक्ति में सुधार आता है। साथ ही मस्तिष्क और मांसपेशियों के बीच तालमेल सकारात्मक रूप से बैठता है।
मोतियाबिंद से लड़े
एंटीऑक्सीडेंट और साइटोप्रोटेक्टिव गुड अश्वगंधा के अंदर पाए जाते हैं, जिससे मोतियाबिंद जैसे रोग से लड़ा जा सकता है।
त्वचा की समस्या को रखे दूर
ट्यूमरों में एक्टिनिक केराटॉसिस (त्वचा पर मोटी पपड़ी के रूप में दिखाई देता है।) इसके कारण त्वचा रूखी नजर आती है। ऐसे में अश्वगंधा का उपयोग इस समस्या को दूर कर सकता है। इसके लिए दिन में दो बार पानी के साथ 3 ग्राम अश्वगंधा लेना जरूरी है। क्योंकि अश्वगंधा के अंदर उच्च स्तर के एंटी ऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं। इसलिए यह झुर्रियों, काले घेरे आदि को दूर करने में मददगार है इसके अलावा त्वचा कैंसर से भी अश्वगंधा में जाता है।
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बालों को झड़ने से रोके
बालों में अश्वगंधा से मेलेनिन की रक्षा की जा सकती है। बता दें कि अश्वगंधा के अंदर टायरोसिन यानि 4-हाइड्रॉक्सीफेनिलएलनिन (प्रोटीन में मौजूद अमीनो एसिड में से एक) पाया जाता है। अश्वगंधा के सेवन से शरीर में मेलेनिन की कमी को पूरा किया जा सकता है। अश्वगंधा के नियमित सेवन से बालों की जड़ों को मजबूती मिलती है। इसके अलावा यदि अश्वगंधा नारियल तेल को मिलाकर बालों पर लगाया जाए तो यह टॉनिक का काम करता है।
दिल के रोगियों के लिए
अश्वगंधा के अंदर एंटीऑक्सीडेंट और तनाव कम करने के गुण पाए जाते हैं। जो दिल के रोगियों के लिए बेहद फायदेमंद है। इसके सेवन से दिल की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है।
शरीर के बैक्टीरिया से लड़े
ध्यान दें कि अश्वगंधा के अंदर जीवाणुरोधी गुण पाए जाते हैं जो बैक्टीरिया के संक्रमण को नियंत्रित कर सकते हैं। साथ ही श्वसन तंत्र के संक्रमण के लिए भी प्रभावी है।
अश्वगंधा भरे घाव
अगर अश्वगंधा की जड़ों को पीसकर इसका इतना पेस्ट बनाकर घाव पर लगाया जाए तो आराम मिलता है।
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अश्वगंधा के साइड इफेक्ट
गर्भवती महिलाएं न करें इसका सेवन
बता दें कि अश्वगंधा के अंदर गर्भ गिराने वाले गुण पाए जाते हैं इसीलिए डॉक्टर इनका सेवन करने की मना करते हैं।
यह लोग रहें बचकर
जो लोग नियमित रूप से दवाइयों का सेवन करते हैं वह अश्वगंधा का उपयोग डॉक्टर की सलाह पर लें। इन लोगों में मधुमेह के रोगी, हाई बीपी, अनिद्रा की दवाई लेने वाले लोग आदि लोग भी आते हैं।
ज्यादा मात्रा में अश्वगंधा लेना है नुकसानदेह
अगर अश्वगंधा को ज्यादा मात्रा में लिया जाए तो इससे पेट में खराबी, दस्त आदि दुष्परिणाम नजर आने लगते हैं। इसके अलावा उल्टी आना, पेट खराब होना, डायरिया आदि समस्याएं भी नजर आती हैं। ऐसे में एक्सपर्ट केवल 3 से 4 ग्राम पाउडर एक दिन में लेने की सलाह देते हैं।
कुछ जरूरी बातें-
- इसे खाने के बाद व्यक्ति घोड़े की तरह एक्टिव हो जाते हैं। अगर आप इंस्टेंट ऊर्जा चाहिए तो इससे अच्छा विकल्प और कुछ नहीं हो सकता।
- शरीर एक निश्चित तारपमान पर काम करता है ऐसे में दिन में केवल 3 से 4 ग्राम इसका सेवन करना अच्छा होता है।
- अश्वगंधा सीधे ब्लड पर काम करती है। अर्थात ये रक्त के फ्लो को बढ़ाती है।
- मस्तिष्क में जितने भी रक्त संचार वाहिकाएं हैं या संवेदित तंत्रिकाएं हैं उन पर अश्वगंधा सीधे काम करती है। क्योंकि जब रक्त का फ्लो सही रहेगा तो दिमाग में गड़बड़ी भी नहीं होगी।
- दिमाग में सोचने समझने की शक्ति को बढ़ाना इसी औषधी का काम है।
- रक्त के सभी तत्वों को नियंत्रित करना भी इसका काम है।
- हर रोग के लिए अश्वगंधा कारगर है।
- मधुमेह के मरीज फीके दूध के साथ इसका सेवन कर सकते हैं।
- बीपी के मरीज नॉर्मल दूध के साथ अश्वगंधा ले सकते हैं।
- नाड़ी रोग और दिल के मरीज के लिए भी अश्वगंधा बेहद मददगार है।
- अश्वगंधा के ज्यादा सेवन से नाक से खूनभी आ सकता है।
- और शरीर में दाने भी निकल सकते हैं।
- इसके अधिक सेवन से खून में गर्माहट बढ़ जाती है और रक्त संबंधित अनेकों रोग हो जाते हैं।
- इसके अधिक सेवन से किडनी के काम में भी रुकावट आती है।
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