
गर्भावस्था के दौरान मां द्वारा किये गये आहार के आधार पर ही भविष्य में बच्चे का मोटापा तय होता है। हाल ही में हुए एक शोध में यह बात सामने आयी है कि बच्चे के मोटापे के लिए काफी हद तक मां का आहार भी जिम्मेदार है।
यदि मां ने गर्भावस्था के दौरान अधिक चिकनाई वाला भोजन का सेवन किया है तो इससे शिशु के विकसित होते मस्तिष्क में बदलाव हो सकता है और ये बाद में मोटापे की संभावनाओं को बढ़ाता है। हालांकि यह जानकारी जानवरों पर हुए ताजा अध्ययन में सामने आई है।
अमरीका के येल स्कूल ऑफ मेडिसिन के अध्ययनकर्ताओं ने बताया कि आहार चूहों के दिमाग की संरचना को बदल सकता है। इनका मानना है कि इससे मोटे माता-पिता के बच्चों के मोटे होने की संभावना की अच्छे से व्याख्या हो सकेगी।
विशेषज्ञों की मानें तो, यह शोध महत्वपूर्ण है, लेकिन मनुष्यों में होने वाले मस्तिष्क संबंधी परिवर्तनों की पुष्टि अभी हुई नहीं है। लेकिन मोटापे का असर पूरे परिवार पर हो सकता है और खानपान की साझा आदतें इसका एक महत्वपूर्ण कारण है।
हालांकि इस बात के साक्ष्य मौजूद हैं कि प्रेग्नेंसी में खानपान से भविष्य में बच्चों के वजन पर असर हो सकता है, ऐसा डीएनए में होने वाले परिवर्तन की वजह से संभव है। इस क्षेत्र में ताजा और शुरुआती अध्ययन जर्नल 'सेल' में प्रकाशित हुआ, जो दिखाता है कि दिमाग की संरचना भी बदल सकती है।
येल के एक शोधकर्ता प्रोफेसर टॉमस होर्व्थ के अनुसार, 'गर्भावस्था के दौरान संतुलित आहार लेना मोटे माता-पिता के मोटे बच्चे होने के चक्र को तोड़ सकता है।'
source-bbc.com
Read more Health News in Hindi
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version