Khaleda Zia Death Cause: बांग्लादेश की पूर्व पीएम खालिदा जिया का 80 की उम्र में निधन, थीं ये गंभीर बीमारियां

खालिदा जिया बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं, जिनका आज सुबह 80 साल की उम्र में निधन हो गया। वो लंबे समय से कई गंभीर बीमारियों से जूझ रही थीं।
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Khaleda Zia Death Cause: बांग्लादेश की पूर्व पीएम खालिदा जिया का 80 की उम्र में निधन, थीं ये गंभीर बीमारियां

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का 80 साल की उम्र में निधन हो गया। उनका निधन ढाका के एक अस्पताल में इलाज के दौरान हुआ। खालिदा बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं। पिछले कई सालों से वो कई गंभीर बीमारियों से जूझ रही थीं, जिनका असर धीरे-धीरे उनके पूरे शरीर पर पड़ा। आधिकारिक बयान के अनुसार उनका निधन मंगलवार सुबह 6 बजे के करीब हुआ।


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खालिदा जिया को कौन-कौन सी बीमारियां थीं?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, खालिदा जिया को कई गंभीर बीमारियां थीं, जिनमें से प्रमुख लिवर सिरोसिस की समस्या थी। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें लिवर की कोशिकाएं धीरे-धीरे खराब होती जाती हैं और लिवर अपना काम ठीक से नहीं कर पाता। लिवर सिरोसिस सिर्फ एक अंग की बीमारी नहीं होती, बल्कि यह पूरे शरीर की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर देती है।

इसके अलावा उन्हें डायबिटीज, गठिया और जोड़ों में तेज दर्द, दिल और छाती से जुड़ी समस्याएं और किडनी से जुड़ी दिक्कतें भी थीं। रिपोर्ट्स के अनुसार, हाल के महीनों में उनकी हालत इतनी बिगड़ गई थी कि उन्हें डायलिसिस की जरूरत पड़ने लगी थी।

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लिवर सिरोसिस कमजोर कर देता ही शरीर

लिवर सिरोसिस एक ऐसी बीमारी है, जिसके कारण शरीर में टॉक्सिन्स जमा होने लगते हैं। इसका असर दिमाग, किडनी, पाचन तंत्र और इम्युनिटी तक पर पड़ता है। यही वजह है कि ऐसे मरीजों में बार-बार संक्रमण, कमजोरी, सूजन और सांस से जुड़ी समस्याएं देखने को मिलती हैं और धीरे-धीरे पूरा शरीर कमजोर और खराब होने लगता है। खालिदा जिया के मामले में भी यही हुआ। उम्र बढ़ने के साथ उनकी इम्युनिटी कमजोर होती चली गई और शरीर कई बीमारियों का एक साथ सामना नहीं कर पाया।

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इलाज चला, लेकिन शरीर साथ नहीं दे पाया

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जनवरी में उन्हें बेहतर इलाज के लिए लंदन भी ले जाया गया था। वहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में उनका इलाज हुआ, लेकिन बीमारी काफी एडवांस स्टेज में पहुंच चुकी थी। वापस बांग्लादेश लौटने के बाद उन्हें लगातार अस्पताल में रखा गया। डॉक्टरों की कोशिशें जारी रहीं, लेकिन शरीर की रिकवरी बहुत सीमित थी।

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  • Dec 30, 2025 13:00 IST

    Modified By : Anurag Gupta
  • Dec 30, 2025 12:54 IST

    Modified By : Anurag Gupta
  • Dec 30, 2025 12:54 IST

    Published By : Anurag Gupta

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