गर्मियों के मौसम में अस्थमा के मरीज अपने को घर के अंदर और बाहर स्वयं को धूल से बचाने का हर संभव प्रयास करना पड़ता है। परन्तु अब अस्थमा के मरीजों के लिए अच्छी खबर हैं। वैज्ञानिकों ने एक ऐसा टीका तैयार किया है, जो शरीर को इस बीमारी से लड़ने के लिए तैयार करेगा। इसकी मदद से शरीर का प्रतिरोधी तंत्र धूल कण से होने वाली एलर्जी को मात देकर अस्थमा से लड़ने में समर्थ हो सकेगा। यह टीका विकसित करने का श्रेय बैंकाक की ‘चुलालोंगकोर्न यूनिवर्सिटी‘ को जाता है।
अस्थमा श्वास नलिकाओं को प्रभावित करती है। श्वास नलिकाएं फेफड़े से हवा को अंदर-बाहर करती हैं। अस्थमा होने पर इन नलिकाओं की भीतरी दीवार में सूजन आ जाती हैं। इससे खांसी, नाक बजना, छाती का कड़ा होना, रात और सुबह में सांस लेने में तकलीफ आदि जैसे लक्षण पैदा होते हैं।
अस्थमा का अटैक तब आता है जब प्रतिरोधी तंत्र वातावरण में मौजूद छोटे-छोटे धूल कणों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है।
इससे शरीर में हिस्टामाइन रसायन का स्राव होता है। लिहाजा श्वसन नली में सूजन और जलन होने लगती है। इससे सांस लेने में दिक्कत होती है। और अस्थमा के दौरे पड़ते हैं।
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