
आजकल दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है और इसके साथ ही धूल और धुएं से होने वाली एलर्जी के मामलों में भी बढ़ोतरी हो रही है। सर्दियों के मौसम के साथ, हवा में धूल, धुआं और अन्य प्रदूषक कणों की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे सांस लेने में तकलीफ, गले में खराश, आंखों में जलन, खांसी और त्वचा संबंधी समस्याएं आम हो गई हैं। खासकर उन लोगों के लिए, जिनका रेस्पिरेटरी सिस्टम पहले से ही कमजोर है, जैसे कि अस्थमा या ब्रोंकाइटिस के रोगी, उनके लिए यह समय और भी चुनौतीपूर्ण होता है। दिल्ली-एनसीआर की हवा में बढ़ते प्रदूषण के कारण न केवल बुजुर्ग और बच्चे प्रभावित हो रहे हैं, बल्कि स्वस्थ लोगों में भी धूल और धुएं के कारण एलर्जी के लक्षण नजर आने लगे हैं। आयुर्वेद में ऐसे कई प्राकृतिक उपचार मौजूद हैं जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं और प्रदूषण से बचने में मदद करते हैं। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा से जानेंगे कि कैसे आयुर्वेदिक उपचार और लाइफस्टाइल के कुछ सरल बदलावों से धूल और धुएं से होने वाली एलर्जी से राहत पाई जा सकती है और कैसे आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर कर सकते हैं।
धूल और धुएं से होने वाली एलर्जी के लक्षण
- नाक बंद होना या नाक बहना
- खांसी और गले में खराश
- आंखों में जलन या लालिमा
- त्वचा पर खुजली या लाल चकत्ते
- सांस लेने में कठिनाई
एलर्जी का आयुर्वेदिक उपचार
1. अदरक का काढ़ा
अदरक का इस्तेमाल आयुर्वेद में कई तरीकों से किया जाता है। अदरक का काढ़ा पीने से धूल और धुएं से होने वाली एलर्जी के लक्षणों में राहत मिलती है। इसके अलावा, यह गले में खराश और खांसी को भी कम करता है। अदरक के काढ़े में शहद मिलाकर इसका सेवन करें।
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2. हल्दी का दूध
हल्दी में कई ऐसे तत्व होते हैं, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं। हल्दी का दूध धूल और धुएं से होने वाली एलर्जी में बहुत लाभकारी होता है। हर रात सोने से पहले हल्दी वाला दूध पीने से नाक और गले की सफाई होती है और एलर्जी के लक्षणों में सुधार होता है।

3. नेति क्रिया
आयुर्वेद में नेति क्रिया एक शुद्धिकरण प्रक्रिया है, जिससे नाक के द्वारा श्वसन तंत्र की सफाई की जाती है। यह धूल और धुएं के कणों को नाक से निकालने में सहायक होता है। इसके लिए एक नेति पॉट का उपयोग किया जाता है, जिसमें हल्के गुनगुने पानी से नाक की सफाई की जाती है। अगल आप नेति क्रिया पहली बार कर रहे हैं तो एक्सपर्ट की निगरानी में करें।
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4. स्टीम थेरेपी
धूल और धुएं से होने वाली एलर्जी के लक्षणों को कम करने के लिए स्टीम थेरेपी एक बहुत ही प्रभावी उपाय है। गर्म पानी में कुछ बूंदे पुदीना तेल डालकर स्टीम लें, इससे नाक और गले की सफाई होगी और सांस लेने में आसानी होगी।
निष्कर्ष
धूल और धुएं से होने वाली एलर्जी के लिए आयुर्वेदिक उपाय न केवल प्राकृतिक हैं, बल्कि इनका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता। अदरक, हल्दी जैसे उपाय शरीर को हानिकारक कणों से बचा सकते हैं। इसके अलावा, नियमित रूप से प्राणायाम और नेति क्रिया का अभ्यास करने से श्वसन तंत्र को मजबूती मिलती है और एलर्जी के लक्षणों में राहत मिलती है। अगर आप भी धूल और धुएं से एलर्जी की समस्या से परेशान हैं, तो इन आयुर्वेदिक उपायों को अपना सकते हैं।
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