आप जिस जगह पर रहते हैं, इसका कुछ असर आपकी हड्डियों की वृद्धि पर पड़ता है। एक नए शोध में पता चला है कि ज्यादा ऊंचाई पर रहने वालों में सामान्य क्षेत्रों की अपेक्षा हाथ के निचले भाग छोटे हो सकते हैं। हालांकि, शोधकर्ताओं के दल ने पाया कि पहाड़ों पर रहने वालों की ऊपरी भुजा व हाथ की लंबाई कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रहने वालों के समान ही होती है। शोध के लेखकों का कहना है कि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ऑक्सीजन का स्तर कम होता है, जो किसी व्यक्ति के शरीर में भोजन के ऊर्जा में बदलने की क्षमता को कम कर सकता है और इससे विकास के लिए अपेक्षाकृत सीमित ऊर्जा मिल सकती है।
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कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के प्रमुख लेखक स्टेफनी पायने ने कहा, "हमारे निष्कर्ष वास्तव में दिलचस्प हैं, क्योंकि वे दिखाते हैं कि सीमित ऊर्जा उपलब्ध होने पर मानव शरीर को प्राथमिकता वाले भाग के विकास को तरजीह देता है। इसका उदाहरण अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में दिखता है। अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में शरीर के अंगों का विकास दूसरे भागों की कीमत पर होता है, उदाहरण के तौर पर निचली भुजा।"
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पायने ने कहा, "शरीर हाथ की पूरी वृद्धि को प्राथमिकता दे सकता है, क्योंकि यह हाथ से काम करने के लिए जरूरी है, जबकि ऊपरी भुजा की लंबाई ताकत के लिए खास तौर पर महत्वपूर्ण है।" इस शोध का प्रकाशन रॉयल सोसाइटी ओपेन साइंस में किया गया है। शोधकर्ताओं ने 250 से ज्यादा लोगों का परीक्षण किया, जो कि हिमालयी शेरपा आबादी से थे।
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