जोड़ों में दर्द, अंगों में सूजन और हड्डियों की कमजोरी के कई कारण हो सकते हैं। ज्यादातर लोगों में इसका कारण अर्थराइटिस होता है। मगर कई बार यही लक्षण हड्डी के कैंसर के शुरुआती संकेत भी हो सकते हैं। हड्डी का कैंसर खतरनाक रोग है मगर इसके लक्षण इतने सामान्य होते हैं कि शुरुआत में लोगों का इस तरफ ध्यान नहीं जाता है। कई बार डॉक्टर्स भी हड्डी के कैंसर को अर्थराइटिस, गठिया या ऑस्टियोपोरोसिस समझ लेते हैं। आइए आपको बताते हैं हड्डी के कैंसर से जुड़ी जरूरी बातें, ताकि लक्षणों को ठीक से पहचान कर आप सही समय पर इलाज शुरू कर सकें।
हड्डियों में तेज दर्द होना
हड्डी के कैंसर का सबसे शुरुआती संकेत है हड्डियों और जोड़ों में तेज दर्द की समस्या। बोन कैंसर ज्यादातर शरीर की लंबी हड्डियों में होता है जैसे (बांह व टांगों में) इसलिए शरीर के इन हिस्सों में दर्द की ज्यादा संभावना होती है। इसलिए अगर आपको हड्डियों में तेज दर्द की शिकायत होती है तो उसे नजरंदाज न करें और किसी अच्छे चिकित्सक को दिखाएं और सलाह लें। यह दर्द रोगी को रात को जगा देता है। यह दर्द उस समय और बढ़ जाता है जब आप कोई काम कर रहे होते हैं। शुरुआती अवस्था में यह दर्द कभी-कभी होता है लेकिन जैसे-जैसे कैंसर सेल्स बढ़ते जाते हैं, दर्द भी बढ़ता जाता है।
इसे भी पढ़ें:- गले में होने वाली ये 9 परेशानियां हो सकती हैं थायरॉइड कैंसर का शुरुआती संकेत, जानें इलाज
जोड़ों में सूजन आना
अंगों में सूजन आना भी हड्डी के कैंसर का शुरुआती लक्षण हो सकता है। आमतौर पर हड्डियों का सूजा हुआ भाग छूने में मुलायम भी लगता है, इसलिए आप इसे सामान्य सूजन समझकर नजरअंदाज कर सकते हैं। कैंसर के स्थान के उपरी हिस्से में त्वचा लाल रंग की होती है, वह हिस्सा शरीर के अन्य हिस्से की तुलना में ज्यादा गर्म होता है, उस हिस्से में थोड़ा सुन्नपन और सूजन होती है। अगर आपको दर्द के साथ इस तरह की कोई शिकायत हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
बिना कारण बुखार आना
अगर रोगी को बिना कारण बुखार की शिकायत हो रही है तो इसे सावधानी से लेना चाहिए। कभी-कभी कंधे में होने वाले ट्यूमर से बुखार की शिकायत हो सकती है और बुखार के जरिए रोगी का शरीर किसी संक्रमण से लड़ता है। इसलिए अगर बिना कारण बुखार है तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
आपका वजन तेजी से कम होने लगना
कैंसर होने पर हड्डियां तेजी से कमजोर होने लगती हैं इसलिए आपका वजन भी तेजी से कम होने लगता है। अगर महीने भर के अंदर ही आपका वजन 2 से 5 किलो तक कम हो जाए और साथ में जोड़ों में दर्द की समस्या हो, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क जरूर करें। अचानक से बिना किसी प्रयास के वजन में कमी होना आम बात नहीं है इसे गंभीरता से लेना चाहिए। हड्डी का कैंसर होने पर जैसे-जैसे ट्यूमर बढ़ता है, ये समस्याएं बढ़ती जाती हैं।
इसे भी पढ़ें:- गाल में छाले और मुंह में घाव हैं मुंह के कैंसर के शुरुआती लक्षण, जानें किन्हें होता है खतरा
अगर बार-बार हड्डियां फ्रैक्चर (टूटने) लगें
हड्डियों के कैंसर का पता तब भी चलता है जब मरीज बार-बार हड्डियों के फ्रैक्चर का शिकार होने लगता है। हड्डियों का कमजोर होना बोन कैंसर यानी हड्डियों के कैंसर का लक्षण हो सकता है। लेकिन यदि आपकी हड्डियां कमजोर हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह कैल्शियम की कमी का भी संकेत हो सकता है। इसलिए बोन कैंसर के अन्य लक्षणों के दिखने पर ही कैंसर का संकेत मानें।
कैसे होती है हड्डी के कैंसर की जांच
ट्यूमर या सिस्ट में कैंसर के सेल्स हैं या नहीं इसकी पहचान के लिए डॉक्टर रोगी का परीक्षण करते हैं। सबसे पहले डॉक्टर रोगी से ट्यूमर के आकार और उसमें होने वाले दर्द के बारे में पूछते हैं। इसके अलावा कई बार डॉक्टर सिस्ट के अंदर भरे तरल पदार्थ की जांच करते हैं, जिससे यह पता लगे कि यह किस तरह का सिस्ट है। इसमें डॉक्टर सिस्ट के अंदर सिरिंज डालकर तरल पदार्थ निकालते हैं और उसकी जांच करते हैं। सिस्ट कितनी तेजी से बढ़ रहा है इसकी जांच के लिए डॉक्टर कई बार एमआरआई करवाने की सलाह दे सकते हैं। एक्स रे के जरिए भी किसी भी ट्यूमर में कैंसर के सेल्स है या नहीं इसका पता लगाया जा सकता है।
ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप
Read More Articles On Cancer In Hindi