ऑपरेशन के बाद जोधपुर की RAS प्रियंका बिश्नोई का निधन, एनेस्थीसिया की ज्यादा डोज बनी वजह

Side Effects Excess Anesthesia: जोधपुर की RAS प्रियंका बिश्नोई का निधन हो गया है। आरोप है कि एनेस्थिसिया की ओवरडोज के चलते उनकी मौत हुई है। 
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ऑपरेशन के बाद जोधपुर की RAS प्रियंका बिश्नोई का निधन, एनेस्थीसिया की ज्यादा डोज बनी वजह


Side Effects Excess Anesthesia: डॉक्टर भगवान का रूप माने जाते हैं इसमें कोई संदेह नहीं है। वे मरीज की जान बचाने के लिए सभी संभव प्रयास करते हैं। लेकिन कई बार स्वास्थ्य विभाग या डॉक्टरों की लापरवाही मरीज की जान पर भारी पड़ सकती है। ऐसा ही एक मामला राजस्थान से सामने आया है, जहां जोधपुर की राजस्थान एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (RAS) ऑफिसर प्रियंका बिश्नोई की स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते मौत हो गई है। उन्होंने अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। लेकिन जानकारी के मुताबिक प्रियंका ने दो हफ्ते पहले ही राजस्थान के वसुंदरा हॉस्पिटल में पेट की सर्जरी कराई थी। 

क्या था पूरा मामला 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रियंका ने जोधपुर के वसंधरा अस्पताल में 15 दिन पहले ही अपनी बच्चेदानी (यूट्रस) का ऑपरेशन कराया था। इसके बाद ही उनकी तबियत बिगड़ने लगी थी, जिसके चलते उन्हें अहमदाबाद के CIMS हॉस्पिटल में रेफर किया गया। दरअसल, पेट दर्द की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंची प्रियंका को डॉक्टरों ने बच्चेदानी में गांठ होने की बात कही और ऑपरेशन कराने की सलाह दी। परिजनों का आरोप है कि प्रियंका की मौत अस्पताल और डॉक्टरों की लापरवाही से हुई है। 

ज्यादा एनस्थीसिया की वजह से हुई जान 

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो प्रियंका का ऑपरेशन करने से पहले डॉक्टरों द्वारा उन्हें एनस्थीसिया की हाई डोज दी गई थी, जिसके चलते उनकी मौत हुई है। परिवार वालों कलेक्टर से इस मामले की जांच की मांग की है। इस मामले में जोधपुर जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने मेडिकल कॉलेज के प्रिसिपल से 3 दिन में रिपोर्ट मांगी है।

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ज्यादा एनस्थीसिया देने के नुकसान 

  • ज्यादा एनस्थीसिया देने से मरीज को कई तरीकों से नुकसान पहुंच सकता है। 
  • इससे मरीज को ड्राई माउथ, ठंड लगना, जी मचलाना आदि जैसी समस्याएं हो सकती हैं। 
  • ज्यादा एनस्थीसिया देने से कई बार सांस लेने में कठिनाई होने के साथ ही दांत या मुंह में समस्या हो सकती है। 
  • लोकल एनस्थीसिया की ज्यादा डोज देने से कई बार मरीज कोमा तक में जा सकता है और उसकी मौत भी हो सकती है।  

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