जयललिता का कार्डियक अरेस्ट से निधन, जानें हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में अंतर?

तमिलनाडु की सीएम जे जयललिता का सोमवार देर रात को कार्डियक अरेस्‍ट के कारण निधन हो गया। आम बोलचाल में इसे हार्ट अटैक बताया जा रहा है लेकिन हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में काफी अंतर है। आइए इस आर्टिकल के माध्‍यम से दोनों के बीच के अंतर को समझते हैं।
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जयललिता का कार्डियक अरेस्ट से निधन, जानें हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में अंतर?


तमिलनाडु की सीएम जे जयललिता का सोमवार देर रात को निधन हो गया। रविवार को उनकी हृदयगति रुक गई थी, जिसके बाद से विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक बड़ी टीम उनके इलाज में जुटी हुई थी। हर संभव कोशिश के बावजूद डॉक्टर उनकी जान नहीं बचा पाए। सोमवार रात 11.30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली उसके बाद उनका लाइफ सपोर्ट सिस्‍टम हटा लिया गया।
 
जयललिता को रविवार को कार्डियक अरेस्ट हुआ था। आम बोलचाल में इसे दिल को दौरा बताया जा रहा है लेकिन दिल का दौरा यानी हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में काफी अंतर है। हार्ट अटैक (हृदयाघात) और कार्डियक अरेस्ट (हृदयगति रुकना) दोनों अलग-अलग हैं। बढ़ती उम्र के साथ कार्डियक अरेस्‍ट का खतरा बढ़ जाता है। आइए इस आर्टिकल के माध्‍यम से हम आपको दोनों के बीच के अंतर को बताते हैं।

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हार्ट अटैक से अलग है कार्डियक अरेस्ट

हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट का कारण एक हो सकता है लेकिन ये दोनों ही दो अलग-अलग अवस्‍था हैं। हार्ट अटैक होना या हार्ट का काम करना बंद कर देना सुनने में भला एक जैसा लगता हो लेकिन मेडिकल साइंस में दोनों के मायने बिल्‍कुल अलग हैं। असल में हार्ट एक मांसपेशी है जिसे दूसरी मांसपेशी की तरह ऑक्‍सीजन और ब्‍लड सर्कुलेशन की जरूरत होती है और यह काम धमनियों के माध्‍यम से होता है। जब ये धमनियां ब्‍लॉक हो जाती है यानी जब ब्लड की सप्लाई किसी कारण से डिस्टर्ब हो जाती है या फिर प्रभावित होती है और हार्ट अटैक आता है। इस स्थिति में दिल शरीर के दूसरे हिस्सों को ब्लड सप्लाई करता रहता है।


कार्डियक अरेस्‍ट

जबकि कार्डियक अरेस्ट हार्ट अटैक से बिल्कुल अलग है। कार्डियक अरेस्ट में दिल अचानक से शरीर में ब्लड पम्प करना बंद कर देता है। ऐसे में वह शख्स अचानक से बेहोश हो जाता है। या तो वह सांस लेना बंद कर देता है या फिर नॉर्मल तरीके से सांस ले नहीं पाता। इस स्थिति में अगर समय रहते इलाज न मिले तो तत्काल मृत्यु भी हो सकती है। इसमें हृदय सिर्फ धड़कना बंद कर देता है। हार्ट अटैक में इंसान का दिल धड़कता रहता है भले ही उसे धमनियों से खून का संचार नहीं मिल रहा होता है। जबकि कार्डियक अरेस्‍ट में दिल की धड़कन बंद होने के बाद मरीज को बाहरी कृत्रिम यंत्रों से दिल को फिर धड़कने के लिए प्रयास किये जाते हैं।


हार्ट अटैक के लक्षण

रोगी को सीने के बीच जकड़न और तेज दर्द का एहसास होता है। यह कई मिनट तक रहता है, आराम करने से भी दर्द में राहत नहीं मिलता। हालांकि ये लक्षण ज्यादातर रोगियों में होते हैं लेकिन कई रोगियों को दर्द का पता भी नहीं चलता। दर्द का संचार धीरे-धीरे शरीर के अन्य अंगों जैसे बांहों, जबड़ों, गर्दन रीढ़ और कमर तक पहुंच जाता है। सांस लेने में तकलीफ होती है, शरीर में तेज पसीना भी आने लगता है, कमजोरी, गुस्सा, सर्दी का एहसास आदि अन्य लक्षण भी आने लगते हैं।

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कार्डियक अरेस्ट के लक्षण

सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, कमजोरी, चक्कर आना, घबराहट सा महसूस होने लगता है। कार्डियक अरेस्ट के दौरान रोगी अपनी चेतना अचानक खो बैठता है। वह कोई प्रतिक्रिया भी शारीरिक रूप से नहीं देता है। उसकी सांस भी अचानक रुक जाती है। नब्ज ठहर जाती है। दरअसल कार्डियक अरेस्ट में दिल धड़कना बंद कर देता है इसलिए नाड़ी गिरने लगती है। धीरे-धीरे शरीर के तमाम अंगों तक ब्‍लड पहुंचना बंद हो जाता है और इससे मरीज की मौत हो जाती है।

अगर किसी व्‍यक्ति को पहले हार्ट अटैक या हार्ट फेल्‍योर हुआ हो उनमें कार्डियक अरेस्‍ट की आशंका बहुत बढ़ जाती है। यह खून की नलियों में गतिरोध वसा (कोलेस्ट्रॉल) के जमा होने से होता है। इसलिए आपके माता या पिता पक्ष में इस बीमारी से पीड़ित रहने के इतिहास है तो आपको इसके प्रति सचेत रहना चाहिए।

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Image Source : pravakta.com, wp.com & media2.intoday.in

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