आम धारणा के अनुसार गुड कॉलेस्ट्रॉल हो तो दिल की बीमारियां होने का जोखिम नहीं होता है। शायद आपको ये जानकर थोड़ी हैरानी हो, लेकिन गुड कोलेस्ट्रॉल भी आपके दिल के लिए उतना गुड नहीं है, जितना आप सोचते हैं। इस शोध की मानें तो गुड कोलेस्ट्रॉल की वजह से भी हार्ट डिजीज होने का खतरा होता है। कनाडा में हुई एक रिसर्च में पाया गया कि यदि आपका गुड कॉलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ है तो इसका ये अर्थ कतई नहीं कि आपको हार्ट डिजीज का खतरा नहीं होगा। चलिए विस्तार से जानते हैं कि भला ये माजरा क्या है।
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चलिए जानें क्या कहता है शोध
कनाडा में हुई एक रिसर्च में पाया गया कि गुड और बैड दोनों ही तरह के कॉलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने से हृदय रोग व कैंसर जैसी बीमारियां होने का खतरा बना रहता है। हृदय रोग के जोखिम को कम करने के लिए उच्च-घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एचडीएल) बढ़ाना या 'अच्छे कोलेस्ट्रॉल' के स्तर में वृद्धि से अच्छा है कि बैड कोलेस्ट्रॉल को कम किया जाए। शोधकर्ताओं ने पाया कि अच्छा कोलेस्ट्रॉल हो या बुरा कोलेस्ट्रॉल दोनों की जरूरत से अधिक मात्रा, हृदय रोगों, कैंसर व दूसरी घातक बीमारियों की संभावना बढ़ा सकती है।
कनाडा के इंस्टीट्यूट फॉर क्लिनीकल इवैलूएटिव साइंसेज इन टोरंटो के असिस्टेंट प्रोफेसर डेनिस टी. को के अनुसार, अच्छे कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोगों के बीच जटिल संबंध होता है। कॉलेस्ट्रॉल के निम्न स्तर का दिल की बीमारी से संबंध है लेकिन इसके साथ ही दिल की बीमारी के लिए कुछ अन्य कारकों जैसे अनहेल्दी डायट, एक्सरसाइस आदतें और मेडिकल कंडीशंस आदि भी जिम्मेदार हैं।
शोधकर्ताओं का कहना है कि सिर्फ कोलेस्ट्रॉल पर फोकस करने से हार्ट डिजीज को दूर करने में मदद नहीं मिल सकती। लेकिन ये जरूर है कि कॉलेस्ट्रॉल के साथ-साथ जीवनशैली में बेहतर परिवर्तन और अन्य कारकों पर भी ध्यान देंगे तो दिल की बीमारी से बचा जा सकता है। अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं के दल ने 40 से 105 साल के बीच के 631,000 व्यक्तियों का परीक्षण किया। गौरतलब है, यह अध्ययन 'जर्नल ऑफ दि अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी' नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।