आयुर्वेद में कई तरह की जड़ी बूटियों का जिक्र मिलता है। आयुर्वेद में जड़ी बूटियों की मदद से बीमारियों का इलाज किया जाता है। प्राचीन काल से भारत के ऋषि मुनि इस ज्ञान की मदद से लोगों की बीमारियों का इलाज करते आएं हैं। आयुर्वेद में जटामांसी का इस्तेमाल किया जाता है, इसे बालछड़ के नाम से भी जाना जाता है। त्वचा और बालों की कई समसयाओं को दूर करने के लिए जटामांसी का उपयोग सालों से किया जा रहा है। जटामांसी के प्रभाव के चलते आज इसका उपयोग कई तरह के प्रोडक्ट में किया जा रहा है। आर्युवेदाचार्य डॉ. अनिल बंसल के अनुसार जटामांसी ब्रेन पावर के लिए भी फायदेमंद होती है। इसके इस्तेमाल से आपकी याददाश्त बेहतर होती है और आपको कई तरह की बीमारियां का खतरा कम हो जाता है।
जटामांसी से याददाश्त को होने वाले फायदे - Benefits Of Jatamansi For Memory Power In Hindi
तनाव और चिंता को कम करें
तनाव और चिंता से आपकी याददाश्त पर बुरा असर पड़ता है। जटामांसी में एडाप्टोजेनिक गुण होते हैं, जिससे यह शरीर के तनाव को कम करने में सहायक होती है। मन को शांत करने और ब्रेन के स्ट्रेस को कम में जटामांसी फायदेमंद होती है। इससे ब्रेन फंक्शन बेहतर होता है।
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मेमोरी रिटेंशन को बढ़ाएं
याददाश्त बढ़ाने के लिए जटामांसी का उपयोग किया जा सकता है। यह ब्रेन सेल्स के बीच कॉम्यूनिकेशन संकेतों को भेजने में मदद कर सकती है। साथ ही, इससे न्यूरोलॉजिकल कनेक्शन बेहतर होता है। इस वजह से जटामांसी का उपयोग छात्र कर सकते हैं। इससे मैमोरी तेजी होती है।
न्यूरोप्रोटेक्टिव प्रभाव
जटामांसी में न्यूरोप्रोटेक्टिव एजेंट होते हैं, जो ब्रेन को डैमेज और मैमोरी लॉस से बचाते हैं। इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण हानिकारक फ्री रेडिकल्स को बेअसर करने, ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करते हैं। जटामांसी का नियमित सेवन मस्तिष्क के कार्य में सुधार करता है। यह बढ़ती उम्र में होने वाले मेमोरी लॉस को भी कम करता है।
एकाग्रता में सुधार करें
मैमोरी को बेहतर करने और फोकस को बनाए रखने के जटामांसी का सेवन किया जा सकता है। मन को शांत करता है और स्ट्रेस कम करता है, जिसकी वजह से एकाग्रता बढ़ती है। एकाग्रता बेहतर होने से आप किसी भी काम को फोक्स होकर करते हैं। जटामांसी को उपयोग करने से आपका ब्रेन कई चीजों को याद रख पाता है।
ब्रेन सेल्स बनने में सहायक
जटामांसी ब्रेन सेल्स के बनाने और दोबारा रिपेयर होने की प्रक्रिया में सुधार करते हैं। यह नए न्यूरॉन्स के विकास को बढ़ावा देने में सहायक होता है, जिससे आपको टेशन कम होती है। इसके नियमित उपयोग से आपका ब्रेन फंक्शन बेहतर होता है।
कैसे करें उपयोग
जटामांसी पाउडर और कैप्सूल
जटामांसी पाउडर या कैप्सूल बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं। आयुर्वेदाचार्य की सलाह से आप इसकी निर्धारित डोज ले सकते हैं। आप इसके पाउडर को दूध या पानी के साथ ले सकते हैं।
जटामांसी की चाय
आप दो कप पानी को उबालें। इसके बाद इसमें जटामांसी का पाउडर मिला लें। कुछ मिनट में इसे छानकर पिएं। इससे आपकी मैमोरी बेहतर होती है।
जटामांसी का तेल
जटामांसी के तेल से सिर की स्कैल्प पर मसाज करने से आपको नींद अच्छी आती है और यह आपके ब्रेन फंक्शन को इम्प्रूव करती है।
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जटामांसी का उपयोग सदियों से किया जा रहा है। यह जड़ी बूटी हिमालय में आसानी से उपलब्ध होती है। इसके सेवन से आप ब्रेन के साथ ही त्वचा और बालों को भी स्वस्थ बना सकते हैं।